संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने आईएएस परीक्षा आवेदन प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। अब से ऑनलाइन आवेदन फॉर्म में उम्मीदवारों को संपत्ति और आरक्षण से संबंधित विस्तृत जानकारी देनी होगी। यह निर्णय पिछले कुछ समय में हुई विवादित घटनाओं और प्रशासनिक पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
पूजा सिंघल विवाद का असर
आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल प्रकरण के बाद प्रशासनिक सेवाओं में ईमानदारी और पारदर्शिता को बढ़ावा देने की मांग उठ रही थी। इसी को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने अब परीक्षा फॉर्म में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। आवेदकों को पारिवारिक और व्यक्तिगत आर्थिक स्थिति की जानकारी देना भी अनिवार्य होगा।
ऑनलाइन आवेदन में ये होंगे नए बदलाव
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा जारी नए दिशानिर्देशों के अनुसार, अब आवेदन पत्र में निम्नलिखित जानकारियां देना आवश्यक होगा:
- हर उम्मीदवार को एक बार फ्री बदलाव की सुविधा मिलेगी।
- यदि नाम में बदलाव किया गया हो, तो उसे प्रमाणित करना होगा।
निजी जानकारी:
- माता-पिता की संपत्ति की डिटेल्स
- आरक्षण से जुड़ी पूरी जानकारी
- जाति प्रमाण पत्र, पिछड़ा वर्ग प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
पारिवारिक विवरण:
- जन्म स्थान
- निवास स्थान
- मोबाइल नंबर
- आधार कार्ड जानकारी
फोटो और दस्तावेज:
- नवीनतम फोटो अपलोड करना अनिवार्य
- 10वीं और 12वीं के अंकपत्र व प्रमाणपत्र अनिवार्य
खुद की नौकरी या व्यवसाय की जानकारी:
- जो उम्मीदवार पहले से किसी नौकरी में हैं या किसी निजी व्यवसाय से जुड़े हैं, उन्हें इसकी पूरी जानकारी देनी होगी।
पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने की कोशिश
आईएएस अधिकारियों की नियुक्ति में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को रोकने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। पूजा सिंघल प्रकरण ने इस बात को और अधिक स्पष्ट कर दिया कि प्रशासनिक अधिकारियों की आर्थिक स्थिति और पारिवारिक पृष्ठभूमि की जानकारी सरकार के पास होनी चाहिए।
उम्मीदवारों के लिए क्या होगा असर?
जो अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हो रहे हैं, उन्हें अब अपने व्यक्तिगत और पारिवारिक आर्थिक पृष्ठभूमि से संबंधित सभी आवश्यक दस्तावेज तैयार रखने होंगे।
- नाम में कोई भी बदलाव करने पर, प्रमाणित दस्तावेजों को अपलोड करना अनिवार्य होगा।
- आरक्षण के तहत आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को प्रमाणपत्र देने के साथ-साथ अतिरिक्त जानकारी देनी होगी।
सरकार का क्या कहना है?
सरकार का मानना है कि इन बदलावों से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा और पारदर्शिता बढ़ेगी। इसके अलावा, आरक्षण व्यवस्था के दुरुपयोग को रोकने में मदद मिलेगी। UPSC द्वारा किए गए ये बदलाव प्रशासनिक सेवाओं में ईमानदारी और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए एक सकारात्मक कदम हैं। यह न केवल भ्रष्टाचार पर रोक लगाने में मदद करेगा, बल्कि इससे भविष्य के अधिकारियों की जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी।
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