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Photograph: (THESOOTR)
INTERNATIONAL DESK. US में हाल ही में ट्रंप प्रशासन ने वीजा नियमों को सख्त कर दिया है, और इसका सबसे ज्यादा असर भारतीयों पर पड़ेगा। इन बदलावों में अब US वीजा पाने के लिए आवेदकों को और अधिक जांच-पड़ताल से गुजरना होगा।
खासतौर पर H-1B वीजा और कंटेंट मॉडरेशन, फैक्ट-चेकिंग, और कंप्लायंस जैसे क्षेत्रों में काम करने वालों के लिए ये नियम और भी कड़े हो गए हैं। इस आर्टिकल में हम इस बदलाव के बारे में विस्तार से जानेंगे, कि ये बदलाव भारतीय नागरिकों को कैसे प्रभावित करेंगे और वे क्या कदम उठा सकते हैं।
US वीजा नियमों में बदलाव
US में हमेशा से ही भारतीय पेशेवरों के लिए एक प्रमुख गंतव्य रहा है, लेकिन हाल ही में ट्रंप प्रशासन ने वीजा नियमों को सख्त कर दिया है। इससे भारतीय आवेदकों को कई नई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। ये बदलाव US में काम करने के इच्छुक भारतीय पेशेवरों के लिए और अधिक कठिनाइयां पैदा कर सकते हैं।
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नए वीजा नियम क्या हैं?
अमेरिका के विदेश विभाग ने 2 दिसंबर को अपने दूतावासों को नए निर्देश जारी किए। इन निर्देशों का मुख्य ध्यान H-1B वीजा और अन्य पेशेवर वीजा आवेदन पर है।
मुख्य बदलाव
- कंटेंट मॉडरेशन, फैक्ट-चेकिंग, और कंप्लायंस: जो लोग इन क्षेत्रों में काम करते हैं, उनकी वीजा एप्लिकेशन अब ज्यादा चेक की जाएगी और यदि इन क्षेत्रों में किसी का अनुभव है, तो वीजा एप्लिकेशन को रिजेक्ट किया जा सकता है। इसका मतलब है कि आवेदकों के LinkedIn प्रोफाइल और रिज्यूमे की गहनता से जांच की जाएगी।
- H-1B वीजा आवेदकों के लिए अधिक जांच: इन नए नियमों का मुख्य फोकस H-1B वीजा आवेदकों पर है, खासतौर पर उन पेशेवरों पर जो तकनीकी और स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े हैं। दूतावास अधिकारियों को अब आवेदकों के और उनके परिवार के सदस्यों के प्रोफाइल की जांच करनी होगी।
- सभी वीजा श्रेणियों पर प्रभाव: हालांकि, सबसे ज्यादा असर H-1B वीजा पर होगा, ये नए निर्देश सभी प्रकार के वीजा, जैसे पर्यटक वीजा और पत्रकार वीजा पर भी लागू होंगे।
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ये बदलाव भारतीयों पर करेंगे असर...
भारत से सबसे ज्यादा लोग US में H-1B वीजा के लिए आवेदन करते हैं। 2024 में प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, 70% H-1B वीजा भारतीय नागरिकों को जारी किए गए थे। भारतीय पेशेवर IT, सॉफ़्टवेयर, हेल्थकेयर और तकनीकी क्षेत्रों में काम करते हैं, और वे US के बड़े टेक कंपनियों में कार्यरत हैं।
- वीजा प्राप्त करने में कठिनाई: नए नियमों के तहत, भारतीय पेशेवरों को वीजा प्राप्त करना अब अधिक कठिन हो सकता है। खासतौर पर उन लोगों के लिए जिनका काम कंटेंट मॉडरेशन या फैक्ट-चेकिंग से संबंधित रहा हो।
- परिवार के सदस्यों की जांच: अब आवेदक के साथ-साथ उनके परिवार के सदस्यों की LinkedIn प्रोफाइल और पेशेवर इतिहास की भी जांच की जाएगी, जिससे वीजा प्रक्रिया और लंबी हो सकती है।
- तकनीकी उद्योग पर असर: भारतीय नागरिकों की बड़ी संख्या US के टेक उद्योग में कार्यरत है। अब इन नए नियमों के कारण, विदेशी प्रतिभाओं को भर्ती करने में दिक्कत हो सकती है, जिससे उच्च कौशल वाले कार्यकर्ताओं की कमी हो सकती है।
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भारतीय आवेदकों को क्या करना चाहिए?
भारतीय आवेदकों को इन नए नियमों के लिए तैयार रहना चाहिए। यहां कुछ कदम हैं, जो वे उठा सकते हैं-
- अपने रिज्यूमे और LinkedIn प्रोफाइल की समीक्षा करें: सुनिश्चित करें कि आपके प्रोफाइल में कंटेंट मॉडरेशन, फैक्ट-चेकिंग या कंप्लायंस जैसे कार्यों का उल्लेख न हो, जब तक यह जरूरी न हो।
- अधिक दस्तावेजों के लिए तैयार रहें: बढ़ी हुई जांच के कारण, आवेदकों को अपने पेशेवर इतिहास को समर्थन देने वाले अधिक दस्तावेज़ प्रस्तुत करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
- इमिग्रेशन विशेषज्ञों से सलाह लें: नए वीजा नियमों को समझने के लिए इमिग्रेशन कानून के विशेषज्ञों से सलाह लें।
US वीजा नियमों में हालिया बदलाव एक महत्वपूर्ण बदलाव है, जो भारतीय पेशेवरों के लिए चुनौतियां उत्पन्न कर सकता है। H-1B वीजा और कंटेंट मॉडरेशन से संबंधित कार्यों में लगे लोगों के लिए यह प्रक्रिया और भी कठिन हो सकती है। भारतीय नागरिकों को इन नए नियमों के तहत तैयारी और अधिक सतर्कता की आवश्यकता है, ताकि वे वीजा प्रक्रिया में सफल हो सकें।
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