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Photograph: (the sootr)
उत्तराखंड के चमोली जिले के थराली में शुक्रवार रात को बादल फटने की गंभीर घटना घटी। यह हादसा रात के 1 से 2 बजे के बीच हुआ था। इस प्राकृतिक आपदा में सागवाड़ा और चेपड़ों गांवों में काफी तबाही मच गई। यह घटना इस क्षेत्र में हाल के समय में दूसरी बार बादल फटने की घटना है, जिससे पूरी स्थानीय आबादी प्रभावित हुई है।
इधर देश के अन्य राज्यों में भी बाढ़-बारिश का कहर बरकरार है। शनिवार को देश के दर्जनभर से अधिक राज्य बाढ़-बारिश और उससे उत्पन्न स्थितियों से परेशान होते दिखाई दिए। राजस्थान के दो जिले जहां बाढ़ की चपेट में है तो उत्तराखंड के कई हाईवे बारिश के कारण बंद है, इधर दिल्ली में यमुना नदी खतरे के निशान के आसपास बह रही है। निचली बस्तियों में पानी घुसने का डर बना हुआ है। मध्यप्रदेश में भी बारिश का अलर्ट है।
घरों में घुसा दो-दो फीट तक मलबा
चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी के अनुसार, थराली तहसील मुख्यालय से करीब एक किलोमीटर के दायरे में कई स्थानों पर मलबा घुस गया। स्थानीय नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ने के कारण आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए। इसके कारण थराली की सड़कों पर मलबा भर गया और कई घरों को नुकसान हुआ।
सागवाड़ा में एक लड़की मलबे में दब गई, जिसकी बाद में मौत हो गई। वहीं, चेपड़ों गांव में एक व्यक्ति लापता है और सागवाड़ा व चेपड़ों के कुल 70-80 घरों में करीब दो फीट तक मलबा घुस चुका है। इससे दोनों गांवों के लोग परेशान और हताश हैं।
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मलबा गिरने के कारण राष्ट्रीय हाईवे हुआ बंद
थराली को जोड़ने वाला कर्णप्रयाग-ग्वालदम राष्ट्रीय हाईवे मिंग गधेरा के पास मलबा गिरने के कारण पूरी तरह से बंद हो गया है। सड़क संपर्क के बाधित होने से स्थानीय लोगों को राहत-बचाव कार्य में परेशानी हो रही है। इस मार्ग की बंदी से क्षेत्र की आपूर्ति भी प्रभावित हो रही है।
उत्तराखंड में बादल फटने की दूसरी घटना
उत्तराखंड में पिछले 18 दिनों में बादल फटने की यह दूसरी घटना है। इससे पहले 5 अगस्त को धराली में बादल फटने से 5 लोगों की मौत हुई थी और 100 से अधिक लोग लापता हो गए थे। हालात चिंताजनक होते जा रहे हैं और मौसम विभाग ने राज्य में अगले कुछ दिनों में और भी बारिश के अलर्ट जारी किए हैं।
राहत और बचाव कार्य के लिए सेना
राहत और बचाव कार्य के लिए राज्य सरकार ने सेना की मदद ली है। रुद्रप्रयाग से 50 जवानों वाली इन्फैंट्री बटालियन की एक टुकड़ी को थराली में भेजा गया है, ताकि मलबे को हटाया जा सके और फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके। इसके अलावा, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय पुलिस बल भी राहत कार्य में जुटे हुए हैं।
चमोली के प्रशासन ने हरमनी गांव के पास एक सड़क को चालू किया है, ताकि इलाके के लोगों को राहत मिल सके। मौसम विभाग ने भी उत्तराखंड में मूसलधार बारिश और लैंडस्लाइड की चेतावनी दी है।
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उत्तराखंड के थराली में बादल फटने की घटना को ऐसे समझेंबादल फटने की घटना: उत्तराखंड के थराली में शुक्रवार रात बादल फटने से सागवाड़ा और चेपड़ों गांवों में भारी तबाही हुई। 70-80 घरों में दो फीट तक मलबा भर गया और कई दुकानों को नुकसान हुआ। मृत्यु और लापता व्यक्ति: सागवाड़ा में एक लड़की मलबे में दबने से मारी गई, जबकि चेपड़ों में एक व्यक्ति लापता है। सड़क और हाईवे बंद: कर्णप्रयाग-ग्वालदम नेशनल हाईवे मिंग गधेरा में मलबा गिरने के कारण बंद हो गया, जिससे राहत कार्यों में बाधा आई। सेना की मदद: थराली में राहत और बचाव कार्य के लिए सेना की 50 जवानों की टुकड़ी भेजी गई है, जो मलबा हटाकर रास्ता खोलने का काम कर रही है। मौसम और अलर्ट: उत्तराखंड के ऊंचे क्षेत्रों में अलकनंदा और भागीरथी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, और अगले दिनों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। |
देश के अलग-अलग राज्यों में बाढ़-बारिश की स्थिति
पिथौरागढ़ में सड़क बंद होने के कारण
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में लगातार भारी बारिश हो रही है। इस भारी बारिश ने कई सड़कों को नुकसान पहुंचाया है, विशेषकर उन सड़कों को जो पहाड़ी क्षेत्रों से गुजरती हैं। बारिश और भूस्खलन के कारण सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। जिसके कारण यह हाईवे बंद पडे़ हुए है।
प्रभावित सड़कों की सूची
थल-मुनस्यारी स्टेट हाईवे
मुनस्यारी-मिलम बॉर्डर रोड
धारचूला-तवाघाट नेशनल हाईवे
रामगंगा-थल-मुनस्यारी नेशनल हाईवे
जम्मू-कश्मीर में कार बही, क्रेन से निकाला गया
जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में तेज बारिश के कारण एक कार नदी में बह गई। राहत टीमों ने क्रेन की मदद से कार को नदी से बाहर निकाला। इस घटना में किसी प्रकार के जानी नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन यह हादसा यह दर्शाता है कि कैसे मानसून के मौसम में जलस्तर अचानक बढ़ जाता है और दुर्घटनाएं घट सकती हैं।
हिमाचल प्रदेश में मकान गिरने का मामला
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के बालीचौकी में देर रात एक चार मंजिला मकान गिर गया। स्थानीय लोगों ने बताया कि भारी बारिश और जमीन की धंसने की वजह से यह हादसा हुआ। राहत और बचाव कार्य तेजी से चलाए गए हैं, लेकिन यह हादसा यह बताता है कि हिमाचल प्रदेश में मानसून के मौसम में क्या खतरे हो सकते हैं।
दिल्ली में यमुना नदी खतरे के निशान के पास
दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। प्रशासन ने मयूर विहार क्षेत्र में बाढ़ राहत शिविर स्थापित किए हैं। यदि जलस्तर और बढ़ता है तो आस-पास के इलाकों में जलभराव हो सकता है, जिससे लोगों की जान और संपत्ति को नुकसान हो सकता है।
राजस्थान में बाढ़ के हालात
राजस्थान में कोटा, बूंदी और सवाई माधोपुर जैसे जिलों में भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। राज्य प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य के लिए सेना की मदद ली है। कई जिलों में स्कूलों की छुट्टियां भी घोषित कर दी गई हैं, ताकि बच्चों और आम नागरिकों को सुरक्षित रखा जा सके।
मध्य प्रदेश में तेज बारिश का अलर्ट
मध्यप्रदेश में अगले तीन दिनों तक तेज बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। प्रदेश के 13 जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है, जिसके कारण बाढ़ के हालात उत्पन्न हो सकते हैं। राज्य के कई इलाकों में अब तक औसत से ज्यादा बारिश हो चुकी है, जिससे जलभराव की संभावना बढ़ गई है।
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