/sootr/media/media_files/2025/09/24/voter-list-2025-09-24-22-15-11.jpg)
Photograph: (thesootr)
चुनाव आयोग का नया फीचर: चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने या हटाने के लिए नया ई-वेरिफिकेशन सिस्टम लागू किया है। पहले जहां बिना वेरिफिकेशन के आवेदन हो जाते थे, अब इस प्रक्रिया में सुरक्षा और सत्यापन की सख्त जरूरत होगी।
23 सितंबर के बाद यह बदलाव लागू हुआ, जिससे भविष्य में दुरुपयोग की संभावना कम होगी। इसके बावजूद, राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर वोटों में हेरफेर करने का आरोप लगाया है।
वोटर लिस्ट में बदलाव का नया तरीका
चुनाव आयोग (EC) ने 23 सितंबर से वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने और हटाने के लिए नए OTP वेरिफिकेशन प्रोटोकॉल लागू किए हैं। अब तक, चुनाव आयोग के पोर्टल पर बिना वेरिफिकेशन के आवेदन किए जा सकते थे, जिससे गलत नाम और जानकारी भरे जाने की संभावना बनी रहती थी।
नई प्रणाली के तहत, जब भी कोई व्यक्ति वोटर लिस्ट में बदलाव के लिए आवेदन करेगा, तो उसे अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर वन-टाइम पासवर्ड (OTP) प्राप्त होगा। इस OTP को दर्ज करके, आवेदनकर्ता की पहचान सुनिश्चित की जाएगी। इससे चुनाव आयोग को यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि आवेदन उसी व्यक्ति से आया है, जिसका नाम या नंबर उपयोग किया गया है।
ये खबर भी पढ़ें...
सीबीएसई 10वीं और 12वीं की परीक्षा की तारीखों का ऐलान, ये छात्र अब दो बार दे सकेंगे EXAM
राहुल गांधी का वोट चोरी आरोप
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर वोट चोरी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने जानबूझकर कर्नाटक के आलंद विधानसभा क्षेत्र में लगभग 6000 वोट हटाए। राहुल के अनुसार, इन वोटों को दूसरे राज्यों से जुड़ी मोबाइल नंबर्स का इस्तेमाल करके डिलीट किया गया। उन्होंने इस बारे में प्रमाण भी पेश किए थे और आरोप लगाया कि इस तरह के घोटाले लोकतंत्र को कमजोर करते हैं।
राहुल गांधी का कहना है कि चुनाव आयोग की कार्रवाई में पारदर्शिता की कमी है और इसका उद्देश्य लोकतंत्र को नष्ट करना है। उन्होंने इस संदर्भ में महादेवपुरा और आलंद जैसे क्षेत्रों का उदाहरण देते हुए, इन इलाकों में हुई गड़बड़ी को उजागर किया है।
ये खबर भी पढ़ें...
मौसम पूर्वानुमान (25 सितंबर): निम्न दबाव का क्षेत्र बनने से मध्यप्रदेश समेत कई राज्यों में भारी बारिश की आशंका
नए उपाय जरूरी: चुनाव आयोग
चुनाव आयोग ने इस मुद्दे पर स्पष्ट किया कि वे वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने या हटाने के लिए उचित प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं। आलंद क्षेत्र में जिन 6000 आवेदन में से सिर्फ 24 को ही सही पाया गया, बाकी को खारिज कर दिया गया। चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि किसी भी बदलाव के लिए आवेदक को फॉर्म भरने के बाद उसकी जांच की जाएगी।
नए वेरिफिकेशन फीचर के तहत, चुनाव आयोग को विश्वास है कि अब इस तरह के फर्जीवाड़े और गलत जानकारी का दुरुपयोग नहीं होगा। उनका कहना है कि यह नया फीचर विशेष रूप से उन लोगों के लिए है, जो वोटर लिस्ट से अवैध तरीके से नाम हटाने या जोड़ने की कोशिश करते हैं।
ये खबर भी पढ़ें...
नई प्रक्रिया के खिलाफ आरोप
राहुल गांधी ने इस नई प्रक्रिया को लेकर चुनाव आयोग पर निशाना साधा। उनका कहना है कि चुनाव आयोग की इस व्यवस्था में अभी भी कई खामियां हैं, जो चुनाव के दौरान होने वाली गड़बड़ी को और बढ़ा सकती हैं। उनका यह भी कहना है कि जब वोट चोरी पकड़ी गई, तब ही चुनाव आयोग को ताला लगाने की याद आई।
ये खबर भी पढ़ें...
रिटायरमेंट के बाद पीएफ खाता : जानें कब तक मिलेगा ब्याज और कब हो जाएगा बंद?
नए वेरिफिकेशन फीचर का महत्व
चुनाव आयोग का यह कदम सही दिशा में उठाया गया कदम माना जा रहा है, जिससे वोटर लिस्ट में सुधार होगा। नया वेरिफिकेशन सिस्टम ई-साइन फीचर के रूप में लागू किया गया है, जिससे अब वोटर्स की जानकारी को सही तरीके से वेरिफाई किया जा सकेगा। इससे चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी और चुनावों में गड़बड़ी की संभावना कम होगी।