रेलवे कर्मचारियों को 1866 करोड़ दिवाली बोनस देगी सरकार, कैबिनेट मीटिंग में फैसला, 10.90 लाख कर्मचारियों को फायदा मिलेगा

केंद्र सरकार ने रेलवे कर्मचारियों को दिवाली बोनस देने का ऐलान किया है। 10.90 लाख कर्मचारियों को 1866 करोड़ रुपए का लाभ मिलेगा, जिससे न सिर्फ उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि बाजार की स्थिति भी बेहतर हो सकती है।

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Jitendra Shrivastava
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रेलवे कर्मचारियों के लिए खुशखबरी: भारत सरकार ने 24 सितंबर को हुई केंद्रीय कैबिनेट मीटिंग में रेलवे कर्मचारियों के लिए प्रोडक्टिविटी-लिंक्ड बोनस (PLB) की मंजूरी दी है। इस फैसले के तहत 1866 करोड़ रुपए का बजट रेलवे कर्मचारियों को दिया जाएगा। करीब 10.90 लाख नॉन-गजेटेड कर्मचारियों को इस बोनस का लाभ मिलेगा। यह कदम भारतीय रेलवे की कार्यकुशलता और प्रदर्शन में उनके योगदान को सम्मान देने के लिए उठाया गया है।

रेल कर्मचारियों को बोनस का मुख्य उद्देश्य रेलवे कर्मचारियों को दिवाली के अवसर पर आर्थिक रूप से सहारा देना और उनके द्वारा किए गए कार्य की सराहना करना है। पिछले साल भी इस तरह का बोनस दिया गया था, जिससे कर्मचारियों के मनोबल में वृद्धि हुई और त्योहारी सीजन के दौरान उपभोक्ता खर्च में भी वृद्धि देखने को मिली।

बोनस का बाजार पर असर

इस बोनस की घोषणा का न केवल कर्मचारियों पर, बल्कि बाजार पर भी प्रभाव पड़ेगा। रेलवे कर्मचारी, जो शहरी और अर्ध-शहरी इलाकों में एक बड़ा उपभोक्ता वर्ग हैं, इस बोनस से इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़े और अन्य सामान की खरीदारी बढ़ा सकते हैं। इसका सकारात्मक असर खुदरा बाजार पर पड़ेगा, जहां व्यापारी और दुकानदार दीवाली के दौरान अधिक बिक्री की उम्मीद कर रहे हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस बोनस के कारण उपभोक्ता खर्च में वृद्धि होगी, जो न केवल रेलवे कर्मचारियों के लिए लाभकारी होगा, बल्कि राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के लिए भी अच्छा होगा। यह बोनस भारतीय अर्थव्यवस्था में एक "मल्टीप्लायर इफेक्ट" पैदा करेगा, जिससे आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी।

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बोनस से बाजार में डिमांड

विशेषज्ञों का कहना है कि बोनस का वितरण न केवल कर्मचारियों के लाभ के लिए है, बल्कि इसका उद्देश्य बाजार में डिमांड बढ़ाना और आर्थिक गतिविधियों को तेज करना भी है। जैसा कि महंगाई काबू में है और सरकार कंज्यूमर खर्च को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है, यह बोनस साल के आखिरी तीन महीनों में डिमांड को बनाए रखने में मदद कर सकता है।

बोनस का भुगतान त्योहारी सीजन के दौरान हो रहा है, जब भारतीय बाजार में खरीदारी का दबाव अधिक होता है। इस समय में उपभोक्ता खर्च में वृद्धि से बाजार के लिए एक नई उम्मीद का संचार हो सकता है।

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रेलवे कर्मचारियों के लिए बोनस की मांग

हालांकि, रेलवे कर्मचारियों की यूनियनों ने बोनस की राशि बढ़ाने की मांग की है। उनका कहना है कि बोनस का हिसाब पुराने वेतन आयोग के आधार पर किया जा रहा है, जो अब पुराना हो चुका है। इंडियन रेलवे एम्प्लॉइज फेडरेशन (IREF) और ऑल इंडिया रेलवेमेन्स फेडरेशन (AIRF) ने सरकार से यह मांग की है कि बोनस की राशि को वर्तमान वेतन आयोग के हिसाब से अपडेट किया जाए।

इन रेलवे यूनियन का कहना है कि सातवें वेतन आयोग के तहत न्यूनतम वेतन 18,000 रुपए है, जबकि बोनस की राशि छठे वेतन आयोग के आधार पर दी जा रही है, जो अनुचित है। इसके अलावा, उन्होंने बोनस का भुगतान दशहरा से पहले करने की भी मांग की है।

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बोनस का सामाजिक असर

त्योहारी बोनस का सामाजिक और मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी महत्वपूर्ण होता है। यह न केवल कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति को सुधारता है, बल्कि उनके मनोबल को भी बढ़ाता है। इस बोनस के जरिए सरकार कर्मचारियों को यह संदेश देती है कि उनके योगदान को सराहा जाता है और उनकी मेहनत को महत्व दिया जाता है।

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