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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्र सरकार ने वक्फ संशोधन बिल को मंजूरी दे दी है। जेपीसी (JPC) की रिपोर्ट के अनुसार, इस बिल में अधिकांश संशोधनों को मंजूरी मिली है। सूत्रों के मुताबिक, 19 फरवरी को हुई बैठक में यह फैसले किए गए। इन संशोधनों के आधार पर वक्फ बिल को मंजूरी मिली है, जिससे माना जा रहा है कि अब बजट सत्र के दूसरे हिस्से में वक्फ बिल पेश किया जा सकता है।
वक्फ बिल में 14 प्रमुख संशोधन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वक्फ संशोधन बिल में कुल 14 महत्वपूर्ण संशोधन किए गए हैं। इन संशोधनों में विभिन्न बदलावों से वक्फ बोर्ड और वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को बेहतर बनाने की कोशिश की गई है।
- संशोधन 1: गैर-मुस्लिम सदस्यों को भी जगह
- संशोधन 2: महिला प्रतिनिधित्व
- संशोधन 3: सत्यापन प्रक्रियाओं में सुधार
- संशोधन 4: जिला मजिस्ट्रेट की भूमिका
- संशोधन 5: वक्फ बोर्ड की शक्तियों में कमी
- संशोधन 6: वक्फ संपत्तियों का डिजिटलीकरण
- संशोधन 7: बेहतर ऑडिट प्रणाली
- संशोधन 8: अवैध कब्जों की रोकथाम
- संशोधन 10: वक्फ न्यायाधिकरण की शक्तियों में वृद्धि
- संशोधन 11: वक्फ संपत्तियों के अनधिकृत हस्तांतरण पर कार्रवाई
- संशोधन 12: मुख्य कार्यकारी अधिकारी की नियुक्ति
- संशोधन 13: वक्फ संपत्तियों का कंप्यूटरीकरण
- संशोधन 14: वक्फ बोर्ड की संरचना में बदलाव
वक्फ बोर्ड कानून में क्या बदलाव होंगे?
मौजूदा समय के कानून में संपत्ति के दावे पर केवल ट्रिब्यूनल में अपील की जा सकती है। प्रस्तावित संशोधन में कोर्ट में अपील की भी अनुमति दी गई है। पुराने कानून के अनुसार, ट्रिब्यूनल का फैसला अंतिम माना जाता था, लेकिन नए बदलाव में हाई कोर्ट में भी अपील संभव होगी। अभी तक, मस्जिदों और अन्य धार्मिक स्थानों पर वक्फ का दावा किया जाता है, लेकिन प्रस्तावित संशोधन में कहा गया है कि अगर यह संपत्ति दान में नहीं दी गई तो वक्फ उस पर दावा नहीं कर सकता। साथ ही, महिला और गैर-मुस्लिम सदस्यों को वक्फ बोर्ड में शामिल करने का प्रस्ताव है।
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वक्फ बोर्ड क्या है और इसकी भूमिका क्या है?
वक्फ बोर्ड एक संस्था है, जो इस्लामिक कानून के तहत धार्मिक उद्देश्य से दान की गई संपत्तियों की देखरेख करती है। यह संस्था 1954 में बनी थी और इसके बाद 1955 में हर राज्य में वक्फ बोर्ड स्थापित किया गया। 1964 में केंद्रीय वक्फ परिषद का गठन हुआ था। मौजूदा में देश में लगभग 32 वक्फ बोर्ड हैं। वक्फ बोर्ड की प्रमुख जिम्मेदारियों में संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन, ट्रांसफर, और उनकी देखरेख शामिल है।
वक्फ बोर्ड पर विवाद और आरोप
दरअसल, वक्फ बोर्ड के खिलाफ कई आरोप भी लगे हैं, जिनमें मुख्य रूप से एक धर्म विशेष के लिए काम करने, संपत्तियों पर हमेशा दावा करने, और ट्रिब्यूनल के फैसलों को चुनौती नहीं देने जैसे मुद्दे शामिल हैं। वक्फ बोर्ड की कुछ प्रमुख विशेषताएं भी हैं, जिनसे यह स्पष्ट होता है कि यह संस्था काफी महत्वपूर्ण है।
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वक्फ बोर्ड के बारे में खास बातें
- देश की तीसरी सबसे बड़ी भूमि
- सबसे ज्यादा संपत्ति उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में
- 994 संपत्तियों पर अवैध कब्जे का आरोप
- देश में सिर्फ 14 वक्फ ट्रिब्यूनल
- सेंट्रल वक्फ काउंसिल वक्फ बोर्ड की देखरेख करती है।
- सेंट्रल वक्फ काउंसिल के अध्यक्ष केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री होते हैं।
- यूपी और बिहार में शिया और सुन्नी दोनों वक्फ बोर्ड
वक्फ की अवैध संपत्ति
- तमिलनाडु (Tamil Nadu) में 734
- आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) में 152
- पंजाब (Punjab) में 63
- उत्तराखंड (Uttarakhand) में 11
- जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) में 10
वक्फ बोर्ड की रजिस्टर्ड संपत्ति
- संपदा: 3.56 लाख
- अचल संपत्ति: 8.72 लाख (करीब 9.4 लाख एकड़)
- चल संपत्ति: 16.71 हजार
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वक्फ बोर्ड की संपत्ति
- यूपी (Uttar Pradesh) में 2.32 लाख संपत्ति
- पश्चिम बंगाल (West Bengal) में 80 हजार संपत्ति
- पंजाब (Punjab) में 76 हजार संपत्ति
- तमिलनाडु (Tamil Nadu) में 66 हजार संपत्ति
- कर्नाटक (Karnataka) में 62 हजार संपत्ति
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