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धर्म-ज्योतिष : उज्जैन महाकाल मंदिर से भगवान महाकालेश्वर की कार्तिक-मार्गशीर्ष माह की तीसरी सवारी निकाली जाएगी। यह सवारी आज शाम 4 बजे शुरू होगी।
पहले भगवान श्री महाकालेश्वर के चन्द्रमौलीश्वर रूप का पूजन किया जाएगा। इसके बाद भगवान को रजत पालकी में बैठाकर नगर भ्रमण के लिए भेजा जाएगा।
उज्जैन महाकाल की सवारी के दौरान महाकाल को पुलिस जवानों द्वारा गॉड ऑफ ऑनर सलामी दी जाएगी। यह दृश्य उज्जैनवासियों के लिए आस्था और श्रद्धा का अद्भुत अनुभव होगा।
सवारी का शुभारंभ और पूजन
सवारी के आयोजन से पहले, महाकालेश्वर मंदिर परिसर में भगवान श्री महाकालेश्वर (baba mahakal) के श्री चन्द्रमौलीश्वर स्वरूप का विधिवत पूजन किया जाता है। यह पूजन बेहद श्रद्धा और सम्मान से किया जाता है।
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पूजन के बाद, भगवान श्री चन्द्रमौलीश्वर को रजत पालकी में विराजित किया जाता है, और वह नगर भ्रमण पर निकलते हैं। यह आयोजन ना केवल धार्मिक है बल्कि शहर के सांस्कृतिक जीवन का भी अभिन्न हिस्सा है।
मुख्य मार्ग और यात्रा की जानकारी
इस सवारी की यात्रा महाकालेश्वर मंदिर (baba mahakal ujjain) से शुरू होती है, और इसके मार्ग में प्रमुख स्थानों का दौरा किया जाता है। यह यात्रा महाकाल चोराहा, गुदरी चोराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए रामघाट पहुंचती है।
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रामघाट पर भगवान श्री चन्द्रमौलीश्वर का क्षिप्रा के जल से पूजन किया जाता है। इसके बाद, सवारी गणगौर दरवाजा, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चैक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चोराहा, छत्री चोक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार होते हुए पुनः महाकालेश्वर मंदिर लौटती है।
सवारी में प्रमुख आकर्षण
इस सवारी में कई धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं, जो यात्रा को और भी विशेष बनाते हैं। तोपची, कडाबीन, श्री महाकालेश्वर बैण्ड, पुलिस बैण्ड, घुड़सवार दल, और सशस्त्र पुलिस बल के जवान होते हैं।
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जो यह सुनिश्चित करते हैं कि नगरवासियों को बाबा के आगमन की सूचना सही समय पर मिल जाए। यह सवारी परंपरानुसार (MP News) पूरी गरिमा और श्रद्धा से संपन्न होती है, जिससे पूरी नगरी में एक धार्मिक उत्सव का माहौल बनता है।
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