अक्षय तृतीया हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है, जो विशेष रूप से सिद्धि मुहूर्त माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु ने भगवान श्री कृष्ण को पृथ्वी पर अवतार लेने का संकेत दिया था।
इस दिन का खास महत्व है क्योंकि इसे सिद्धि मुहूर्त माना जाता है, यानी इस दिन बिना किसी शुभ मुहूर्त का इंतजार किए कोई भी कार्य किया जा सकता है।
अक्षय तृतीया, इस बार 30 अप्रैल को मनाई जाएगी। ज्योतिष के मुताबिक, इस वर्ष अक्षय तृतीया विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन सर्वार्थसिद्धि योग, शोभन योग और रवि योग का संयोग बन रहा है, जो 82 साल बाद हो रहा है। परंपरा के मुताबिक, इस दिन सोने, चांदी जैसी मूल्यवान वस्तुओं की खरीदारी की जाती है और बद्रीनाथ के कपाट भी खुलते हैं।
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पौराणिक कथा
अक्षय तृतीया की कथा के मुताबिक, इस दिन भगवान विष्णु ने भगवान श्री कृष्ण को पृथ्वी पर अवतार लेने का संकेत दिया था। साथ ही, यह दिन पांडवों के लिए भी खास था क्योंकि इस दिन उन्हें स्वर्गारोहण के लिए अमृत माला प्राप्त हुई थी। इसके अलावा, इस दिन परशुराम जयंती भी मनाई जाती है, जो भगवान विष्णु के अवतार में से एक हैं।
नमक खरीदने की है परंपरा
धार्मिक मान्यता के मुताबिक, अक्षय तृतीया पर नमक खरीदने की परंपरा है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन नमक का दान और खरीदारी करने से जीवन के कष्ट दूर हो जाते हैं और सभी परेशानियों से छुटकारा मिलता है। नमक का विशेष महत्व है क्योंकि यह हर घर में उपयोग होने वाली चीज है और इसके बिना कोई भोजन अधूरा होता है।
इसे भौतिक सुख-सुविधा के प्रतीक के रूप में भी देखा जाता है। मान्यता के मुताबिक, इस दिन सेंधा नमक खरीदना ज्यादा शुभ माना जाता है। सेंधा नमक का संबंध शुक्र ग्रह और चंद्र देव से है, जो भौतिक सुख-सुविधाओं और मानसिक शांति के कारक माने जाते हैं। यह नमक वास्तु दोष को दूर करने में भी सहायक माना जाता है।
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नमक का महत्व और लाभ
- धन-संपत्ति में वृद्धि: सेंधा नमक खरीदने से लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं, जिससे धन-संपत्ति में वृद्धि होती है।
- मानसिक शांति: सेंधा नमक मानसिक शांति और संतुलन का प्रतीक माना जाता है।
- वास्तु दोष का निवारण: सेंधा नमक को घर के विभिन्न स्थानों पर रखने से वास्तु दोष दूर होते हैं।
- पितरों का आशीर्वाद: नमक का दान करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे जीवन में सुख और समृद्धि आती है।
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