गणेश विसर्जन करते समय रखें इन जरूरी बातों का ध्यान, जानें विदाई का सही तरीका

गणेश विसर्जन एक धार्मिक और पर्यावरण-संवेदनशील प्रक्रिया है, जिसमें भक्त बप्पा को श्रद्धा और प्रेम से विदा करते हैं। इस दौरान, पर्यावरण-अनुकूल विसर्जन और सुरक्षा उपायों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।

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Kaushiki
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अनंत चतुर्दशी को गणेश विसर्जन:गणेश चतुर्थी का पर्व देशभर में 10 दिनों तक बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इन 10 दिनों में भक्त बप्पा की सेवा करते हैं उनका गुणगान करते हैं और हर साल बप्पा के आगमन का इंतजार करते हैं।

इसके बाद, जब गणेश विसर्जन का दिन आता है तो मन में एक मिला-जुला भाव होता है- एक तरफ बप्पा के विदा होने का दुख और दूसरी तरफ अगले साल उनके वापस आने की उम्मीद।

बप्पा को प्रेम और श्रद्धा के साथ विदा करना एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। ऐसे में विसर्जन करते समय कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है ताकि यह प्रक्रिया पर्यावरण के अनुकूल और सुरक्षित रहे। आइए गणेश विसर्जन करते समय कुछ जरूरी नियमों को जानें...

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विसर्जन की तैयारी

विसर्जन से पहले, घर में एक छोटी पूजा की जाती है। यह पूजा बप्पा को धन्यवाद देने के लिए होती है कि उन्होंने 10 दिनों तक आपके घर में निवास किया और सभी विघ्नों को दूर किया।

  • अंतिम आरती: विसर्जन से ठीक पहले बप्पा की अंतिम आरती करें। इस आरती में परिवार के सभी सदस्य शामिल हों।

  • भोग और प्रसाद: बप्पा को उनका पसंदीदा मोदक और अन्य मिठाइयां अर्पित करें। इसके बाद, इस प्रसाद को सभी लोगों में बांटें।

  • क्षमा प्रार्थना: जाने से पहले, बप्पा से किसी भी गलती के लिए क्षमा मांगें जो आपसे पूजा-पाठ या सेवा में हुई हो।

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पर्यावरण-अनुकूल विसर्जन

आजकल, पर्यावरण की रक्षा करना सबसे बड़ी प्राथमिकता है। पारंपरिक रूप से मूर्तियां जल स्रोतों जैसे नदी, तालाब में विसर्जित की जाती हैं लेकिन प्लास्टर ऑफ पेरिस और केमिकल पेंट से बनी मूर्तियां जल प्रदूषण का कारण बनती हैं। इसलिए, पर्यावरण-अनुकूल विसर्जन के तरीकों को अपनाना बेहद जरूरी है।

  • मिट्टी की मूर्ति: अगर आपने मिट्टी से बनी मूर्ति स्थापित की है, तो उसे घर पर ही एक बड़े टब या बाल्टी में विसर्जित कर सकते हैं। मिट्टी पानी में आसानी से घुल जाती है और आप उस पानी को अपने बगीचे में पेड़ों में डाल सकते हैं।

  • टब या टंकी में विसर्जन: अगर आपकी मूर्ति बड़ी है या आप किसी जल स्रोत के पास नहीं रहते हैं, तो घर पर ही एक बड़ी टंकी या टब में पानी भरकर मूर्ति को उसमें विसर्जित करें।

  • आर्टिफीसियल तालाब: कई शहरों में सरकार और स्थानीय संगठन विसर्जन के लिए आर्टिफीसियल तालाब बनाते हैं। इन तालाबों का उपयोग करना एक अच्छा विकल्प है।

  • पर्यावरण-हितैषी रंग: यह सुनिश्चित करें कि आपकी मूर्ति केवल प्राकृतिक रंगों से बनी हो।

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विसर्जन के दौरान सावधानी

विसर्जन के दौरान भीड़ और उत्साह के कारण अक्सर दुर्घटनाएं हो जाती हैं। इसलिए, सुरक्षा नियमों का पालन करना बहुत महत्वपूर्ण है।

  • कम भीड़: विसर्जन के समय कम से कम लोग इकट्ठा हों, खासकर अगर आप सार्वजनिक जगह पर जा रहे हैं।

  • बच्चों का ध्यान रखें: बच्चों को पानी से दूर रखें। उन्हें अकेले विसर्जन के लिए न भेजें।

  • लाउडस्पीकर और शोर: बहुत ज्यादा शोर और संगीत से बचें। ध्वनि प्रदूषण को कम करने की कोशिश करें।

  • विसर्जन स्थल पर सतर्कता: अगर आप नदी या समुद्र में विसर्जन कर रहे हैं, तो गहरे पानी में न जाएं। स्थानीय प्रशासन द्वारा तय किए गए सुरक्षित विसर्जन स्थलों का ही उपयोग करें।

  • नशे से दूर रहें: विसर्जन के दौरान किसी भी प्रकार का नशा न करें। यह आपकी और दूसरों की सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है।

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विसर्जन के बाद सफाई

विसर्जन के बाद जिस जगह पर मूर्ति रखी गई थी, उस जगह की सफाई करें। साथ ही, अगर आप किसी सार्वजनिक विसर्जन स्थल पर गए हैं, तो वहां भी स्वच्छता का ध्यान रखें।

  • सामान का उचित निपटान: मूर्ति के साथ उपयोग की गई फूलमालाएं, कपड़े और अन्य सजावट के सामान को उचित तरीके से कूड़ेदान में डालें या उनका रीसाइक्लिंग करें।

  • प्रसाद वितरण: विसर्जन के बाद भी प्रसाद बांटना जारी रखें। इससे बप्पा का आशीर्वाद सभी को मिलता है।

गणेश विसर्जन सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि प्रेम, विश्वास और पर्यावरण के प्रति सम्मान का प्रतीक है। बप्पा को विदा करते समय, हमें यह याद रखना चाहिए कि उनकी शिक्षाओं का पालन करते हुए हमें अपने पर्यावरण और समाज का भी ध्यान रखना है।

यह विदाई बप्पा (गणपति बप्पा का विसर्जन) के अगले साल वापस आने की तैयारी है। "गणपति बाप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ!" का जयकारा लगाते हुए, इस उत्सव को एक जिम्मेदार और यादगार तरीके से समाप्त करें।

डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी पूरी तरह से सही या सटीक होने का हम कोई दावा नहीं करते हैं। ज्यादा और सही डिटेल्स के लिए, हमेशा उस फील्ड के एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।

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Ganesh Visarjan on Anant Chaturdashi 

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