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भारतीय पंचांग के मुताबिक नौतपा एक विशेष समय होता है, जो हर साल तब आता है जब सूर्य का रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश होता है। इस बार नौतपा 25 मई से 2 जून 2025 तक रहेगा।
यह समय वर्ष के सबसे गर्म दिनों का होता है। इस समय सूर्य की किरणें पृथ्वी पर सीधे और तीव्र रूप से पड़ती हैं, जिससे तापमान बहुत अधिक बढ़ जाता है।
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नौतपा का धार्मिक महत्व
नौतपा न केवल मौसमीय बदलाव का समय होता है, बल्कि यह एक धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है।
इस दौरान सूर्य की विशेष ऊर्जा से जुड़ी मान्यताएं और अनुष्ठान किए जाते हैं, जो जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।
मान्यता है कि, नौतपा के दौरान किया गया दान, पूजा और सूर्य साधना विशेष फल देती है। यह समय आगामी वर्षा ऋतु की शुरुआत का संकेत देता है।
यह समय उत्तर भारत, मध्य भारत और पश्चिमी भारत में अधिक महसूस होता है, जैसे उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड।
माना जाता है कि जितनी अधिक गर्मी नौतपा के दिनों में होती है, उतनी ही अच्छी वर्षा होती है। इस समय को सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक विशेष रूप से पूजनीय माना जाता है।
नौतपा के दौरान क्या करें
विशेषज्ञों के मुताबिक, नौतपा के दौरान सूर्य की कृपा प्राप्त करने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं:
- प्रातःकाल सूर्य को जल अर्पित करें: तांबे के लोटे से सूर्य को जल अर्पित करें और "ॐ घृणि सूर्याय नमः" मंत्र का जाप करें। यह सूर्य देव की कृपा प्राप्त करने का एक प्रभावी उपाय है।
- शरीर को शीतल बनाए रखें: गर्मी से बचने के लिए तुलसी या नीम के पत्तों से स्नान करें। यह शरीर को ठंडा रखने और नकारात्मक ऊर्जा से बचने में मदद करता है।
- दान का महत्व: जरूरतमंदों को जल, छाता, जूते-चप्पल, और शरबत का दान करें। यह दान न केवल पुण्य देने वाला होता है बल्कि दूसरों की मदद करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है।
- सूर्य साधना: सूर्य देवता की पूजा और साधना करने से जीवन में सकारात्मक बदलाव होते हैं। यह समय सूर्य की ऊर्जा को अपने जीवन में समाहित करने का सर्वोत्तम अवसर है।
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नौतपा के दौरान कैसे बढ़ेगी वर्षा
नौतपा के दिनों में बढ़ता तापमान पृथ्वी पर आने वाली वर्षा को प्रभावित करता है। पारंपरिक मान्यता के मुताबिक, ऐसा माना गया है कि अगर नौतपा के दौरान गर्मी अधिक रहती है, तो वर्षा ऋतु में भी बारिश अच्छी होती है। इस समय का मौसम भी कृषि के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि यह समय खेती के लिए भी एक संकेत है।
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