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Dhanteras 2025: हिन्दू धर्म में पांच दिनों के महापर्व दीपावली की शुरुआत धनतेरस से होती है। यह दिन खरीदारी के लिए सबसे खास माना जाता है। इस दिन लोग सोना, चांदी, बर्तन... सब कुछ तो खरीदते ही है लेकिन इस दिन एक चीज ऐसी है जिसकी खरीदारी को साक्षात् मां लक्ष्मी के आगमन से जोड़कर देखा जाता है। वो है झाड़ू।
अक्सर लोग सोचते हैं कि महंगी चीजें खरीदना ही धनतेरस का महत्व है लेकिन धार्मिक ग्रंथों और वास्तु शास्त्र के मुताबिक, झाड़ू को घर लाना गरीबी को हमेशा के लिए दूर भगाने का सबसे शुभ संकेत है।
चलिए जानते हैं कि आखिर क्यों एक साधारण सी झाड़ू को धनतेरस पर इतना महत्व दिया जाता है और इसे घर लाने से क्या लाभ होता है।
जानें धनतेरस का शुभ मुहूर्त
पंचांग के मुताबिक,
धनतेरस 2025 की तिथि: 18 अक्टूबर, शनिवार
धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त: शाम 7:16 बजे से रात 8:20 बजे तक। (लगभग 1 घंटा 4 मिनट)
झाड़ू खरीदने का शुभ समय: धनतेरस के दिन प्रातःकाल (सुबह) या किसी भी शुभ चौघड़िया मुहूर्त में झाड़ू खरीदना सबसे उत्तम माना जाता है। यह सुनिश्चित करता है कि आपके घर में लक्ष्मी का वास और समृद्धि बनी रहे।
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क्यों माना जाता है झाड़ू को मां लक्ष्मी का स्वरूप
सनातन धर्म और वास्तु शास्त्र में झाड़ू को केवल सफाई का साधन नहीं बल्कि स्वयं मां लक्ष्मी का रूप माना गया है। इसकी गहरी धार्मिक मान्यताएं हैं:
दरिद्रता और गंदगी का नाश
माना जाता है कि झाड़ू घर से गंदगी और कूड़ा-करकट को बाहर करती है और गंदगी को हमेशा दरिद्रता और नकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है। जब आप धनतेरस पर नई झाड़ू खरीदते हैं और उससे घर की सफाई करते हैं, तो इसका सीधा अर्थ है कि आप साल भर की गरीबी और नकारात्मक ऊर्जा को घर से बाहर निकाल रहे हैं।
स्वच्छता यानी लक्ष्मी का स्थायी वास
धार्मिक मान्यता है कि मां लक्ष्मी (Goddess Lakshmi) को स्वच्छता और व्यवस्था बहुत पसंद है। जिन घरों में हमेशा साफ-सफाई रहती है, वहां देवी लक्ष्मी स्वयं निवास करती हैं। धनतेरस पर नई झाड़ू घर लाना और उससे पूरे घर को साफ करना, मां लक्ष्मी का स्वागत करने जैसा है। यह संकेत देता है कि आपने देवी के स्वागत के लिए अपना घर पवित्र और तैयार कर लिया है जिससे घर में धन और समृद्धि स्थायी रूप से बनी रहती है।
13 गुना वृद्धि का आशीर्वाद
मान्यता है कि धनतेरस के दिन जो भी शुभ वस्तु खरीदी जाती है, उसमें 13 गुना की वृद्धि होती है। इसलिए जब आप इस दिन झाड़ू खरीदते हैं, जिसे धन का प्रतीक माना गया है, तो यह आपके धन-दौलत में 13 गुना बढ़ोतरी का आशीर्वाद लेकर आती है।
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धनतेरस पर झाड़ू खरीदते समय इन नियमों का रखें ध्यान
अगर आप चाहते हैं कि झाड़ू (जानें धनतेरस का महत्व) आपके लिए सही मायने में सौभाग्य और समृद्धि लाए, तो धनतेरस (Dhanteras) पर इसे खरीदते और रखते समय कुछ वास्तु नियमों का पालन जरूर करें:
कैसी झाड़ू खरीदें:
धार्मिक मान्यता के मुताबिक, धनतेरस के दिन सींक या फूल वाली झाड़ू खरीदना सबसे शुभ माना जाता है। ऐसी झाड़ू खरीदें जो हाथों से बनी हो, प्लास्टिक की झाड़ू से बचें।
कितनी झाड़ू खरीदें:
धार्मिक मान्यता के मुताबिक, झाड़ू हमेशा विषम संख्या में खरीदनी चाहिए, जैसे 1, 3, 5, या 7। कम से कम तीन झाड़ू खरीदना बहुत शुभ माना जाता है—एक घर के लिए, एक बाहर के लिए, और एक मंदिर या दान के लिए।
झाड़ू का सम्मान:
धार्मिक मान्यता के मुताबिक, झाड़ू को लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है, इसलिए इसे पैर न लगाएं और न ही लांघें। अगर गलती से पैर लग जाए, तो तुरंत हाथ जोड़कर क्षमा मांगें।
रखने की दिशा:
धार्मिक मान्यता के मुताबिक, झाड़ू को हमेशा छिपाकर रखें, जहां आने-जाने वाले लोगों की नजर न पड़े। इसे हमेशा जमीन पर लिटाकर रखें, खड़ा करके रखना अशुभ माना जाता है। वास्तु के मुताबिक, झाड़ू को घर की दक्षिण या पश्चिम दिशा में रखना शुभ माना जाता है।
टूटी झाड़ू हटा दें:
दीपावली से ठीक एक दिन पहले या अमावस्या के दिन पुरानी और टूटी हुई झाड़ू को घर से हटा देना चाहिए, क्योंकि टूटी झाड़ू नकारात्मकता बढ़ाती है।
झाड़ू सिर्फ एक वस्तु नहीं है, यह शुक्र ग्रह से भी जुड़ी है जो धन और संपत्ति का कारक है। इसका सम्मान करना ही मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का सबसे सरल और सीधा उपाय है। धनतेरस का इतिहास | History of Dhanteras
डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी पूरी तरह से सही या सटीक होने का हम कोई दावा नहीं करते हैं। ज्यादा और सही डिटेल्स के लिए, हमेशा उस फील्ड के एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
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