9, 11 या 21, दशहरे पर कितने दीये जलाना होता है शुभ, जानें दीपक जलाने की सही दिशा और विधान

दशहरा पर दीपक जलाना बुराई पर अच्छाई की जीत और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार, 9, 11 या 21 दीपक जलाना शुभ होता है और इन्हें ईशान कोण, पूर्व दिशा और मुख्य द्वार पर रखने से ग्रहों की शांति तथा धन-वैभव का आगमन होता है।

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Kaushiki
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Rules for lighting lamps on Dussehra
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हिन्दू धर्म में दशहरा या विजयादशमी का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह सिर्फ एक त्योहार नहीं बल्कि शक्ति, विजय और नई शुरुआत का दिन है।

इस दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध किया था और मां दुर्गा ने महिषासुर का संहार किया था। ऐसे में ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक इस शुभ दिन पर दीपक जलाना अत्यंत मंगलकारी होता है क्योंकि यह अंधकार को मिटाकर जीवन में प्रकाश और सकारात्मकता लाता है।

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पंचांग के मुताबिक, विजया मुहूर्त (सबसे विशेष):

  • समय: दोपहर 2 बजकर 09 मिनट से दोपहर 2 बजकर 56 मिनट तक।

  • अवधि: 47 मिनट।

अपराह्न पूजा समय (देवी अपराजिता और शस्त्र पूजन):

  • समय: दोपहर 1 बजकर 21 मिनट से दोपहर 3 बजकर 44 मिनट तक।

  • अवधि: 2 घंटे 22 मिनट।

रावण दहन मुहूर्त (2 अक्टूबर 2025)

  • समय: शाम 6 बजकर 05 मिनट के बाद।

  • आधार: रावण दहन हमेशा प्रदोष काल (सूर्यास्त के बाद) में किया जाता है और सूर्यास्त शाम 6:05 PM पर होगा।

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दशहरे पर दीये जलाने का महत्व

ज्योतिष शास्त्र और पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक किसी भी शुभ कार्य या पर्व पर दीपक जलाना ईश्वरीय ऊर्जा और तेज को आमंत्रित करता है।

  • विजय का प्रतीक: 

    दशहरे पर जलाया गया दीपक यह संकेत देता है कि आपके जीवन में भी असत्य और नकारात्मकता पर सत्य और विजय का प्रकाश फैल गया है।

  • ग्रहों की शांति: 

    दीपक की लौ और घी या तेल की सुगंध वातावरण को शुद्ध करती है और ग्रहों के अशुभ प्रभाव को कम करने में सहायक होती है।

  • समृद्धि का आगमन: 

    अग्नि को शुक्र और सूर्य से जोड़ा जाता है। इसलिए दीये जलाने से घर में धन, वैभव और समृद्धि का आगमन होता है।

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कितने दीये जलाना होता है शुभ

ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक, दशहरे के दिन दीये जलाने के लिए कोई कठोर नियम नहीं है लेकिन ज्योतिष और अंक शास्त्र में कुछ संख्याएं विशेष रूप से शुभ मानी गई हैं। इन संख्याओं में दीपक जलाने से मां दुर्गा और भगवान राम की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

  • 9 दीये: यह संख्या मां दुर्गा के नौ स्वरूपों का प्रतिनिधित्व करती है। यदि आप शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त करना चाहते हैं और नवग्रहों की शांति चाहते हैं, तो 9 दीये जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है।

  • 11 दीये: यह संख्या एकादश रुद्रों और भगवान राम के प्रति भक्ति का प्रतीक है। 11 दीपक जलाने से घर में स्थिरता आती है और पारिवारिक सुख-शांति बनी रहती है।

  • 21 दीये: यदि आप अपने जीवन में असाधारण सफलता और विशेष मनोकामना पूर्ति चाहते हैं, तो 21 दीपक जलाना बहुत उत्तम माना जाता है। यह संख्या सौभाग्य और विशाल ऊर्जा को आकर्षित करती है।

  • 1 दीया: यदि आप बड़ी संख्या में दीये नहीं जला पाते हैं, तो कम से कम एक दीया जरूर जलाएं। यह विजय की ज्योति कहलाता है, जो आपके घर के मुख्य द्वार  पर जलना चाहिए।

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दीपक जलाने के लिए सबसे सही दिशा

ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक, दीये जलाने की दिशा का सीधा संबंध ऊर्जा के प्रवाह और देवी-देवताओं की प्रसन्नता से होता है। दशहरे के दिन आपको इन दिशाओं पर विशेष ध्यान देना चाहिए:

  • उत्तर-पूर्व दिशा

    ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक, यह दिशा ईशान कोण कहलाती है और इसे देवताओं का स्थान माना जाता है। इस दिशा में दीपक जलाने से बुद्धि, ज्ञान और मानसिक शांति मिलती है। यह दिशा समग्र शुभता के लिए सबसे श्रेष्ठ है।

  • पूर्व दिशा

    ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक, पूर्व दिशा सूर्य देव की दिशा है और भगवान राम का संबंध भी सूर्यवंश से है। इस दिशा में दीपक जलाने से आरोग्य और तेज प्राप्त होता है। यह शत्रुओं पर विजय के लिए भी बहुत शुभ है।

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  • मुख्य द्वार पर

    ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक, मुख्य द्वार पर दीया हमेशा बाहर की ओर मुख करके जलाना चाहिए। यह बुरी शक्तियों को घर में प्रवेश करने से रोकता है और धन-धान्य को आकर्षित करता है। यह दीया रात भर जलना चाहिए, यदि संभव हो।

  • शमी वृक्ष के पास

    ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक दशहरे पर शमी वृक्ष की पूजा (दशहरा पर शमी वृक्ष की पूजा) का विशेष विधान है। शमी वृक्ष के नीचे दीया जलाने से मुकदमे और कोर्ट-कचहरी में विजय मिलती है। यह शनि दोष को भी कम करता है।

दशहरे की शाम कौन सा दीपक जलाना चाहिए?

दीपक जलाने का सही विधान

ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक, दीपक (दशहरा शस्त्र-पूजन) जलाने से पहले और जलाते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है ताकि पूजा का पूरा फल मिल सके:

  • घी का दीया: गाय का शुद्ध घी सबसे उत्तम माना जाता है। यह सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है और मां लक्ष्मी को आकर्षित करता है।

  • तेल का दीया: आप तिल का तेल या सरसों का तेल भी उपयोग कर सकते हैं, लेकिन तिल का तेल दशहरे पर विशेष रूप से शुभ होता है।

  • बत्ती: हमेशा नई बत्ती का प्रयोग करें। लंबी बाती का दीया जलाना आयु वृद्धि के लिए शुभ माना जाता है।

  • मंत्र जाप: दीपक जलाते समय भगवान राम, मां दुर्गा या अपने इष्ट देव का ध्यान करें और निम्न मंत्रों का जाप करें:

    शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् धनसंपदा।

    शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपज्योतिर्नमोऽस्तु ते॥

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डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी पूरी तरह से सही या सटीक होने का हम कोई दावा नहीं करते हैं। ज्यादा और सही डिटेल्स के लिए, हमेशा उस फील्ड के एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।

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