भारत में शादी के बाद दुल्हन का घर में पहला प्रवेश बहुत ही पवित्र और महत्वपूर्ण होता है। इसे गृह प्रवेश या गृह प्रवेश समारोह कहा जाता है। इस खास मौके पर कुमकुम से दुल्हन के पैरों पर निशान बनाए जाते हैं।
यह परंपरा न सिर्फ धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से भी अहम है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि आखिर क्यों दुल्हन के पैरों पर कुमकुम से निशान बनाए जाते हैं और इसका क्या महत्व है।
कुमकुम से पैरों के निशान बनाने की परंपरा
दुल्हन के घर में कदम रखते ही उसके पैरों पर कुमकुम से लाल रंग के निशान बनाए जाते हैं। इसे ‘कुमकुम पद्म’ या ‘लाल पाट’ भी कहा जाता है। यह निशान दुल्हन के आने का स्वागत करने का प्रतीक होता है। साथ ही इसे शुभता और समृद्धि का संकेत माना जाता है।
कुमकुम भारतीय संस्कृति में पवित्रता और देवी माँ का प्रतीक माना जाता है। इसलिए, नए घर में कुमकुम से पैरों के निशान बनाना एक शुभ संकेत होता है, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है।
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धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व
धार्मिक दृष्टि से, कुमकुम देवी लक्ष्मी का प्रतिनिधित्व करता है, जो घर में धन-समृद्धि और सुख-शांति लाती हैं। दुल्हन के पैरों पर कुमकुम से बने निशान यह संकेत देते हैं कि देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद उस घर पर स्थायी रूप से बना रहेगा।
इसके अलावा, यह भी माना जाता है कि कुमकुम से बने पैरों के निशान नकारात्मक ऊर्जा और बुरी नजर से घर की रक्षा करते हैं। इससे घर में खुशहाली बनी रहती है।
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सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व
कुमकुम से पैरों के निशान बनाना समाज में एक सम्मान और आदर का प्रतीक भी है। यह दुल्हन को घर में स्वागत और परिवार में उसकी नई भूमिका का एहसास कराता है।
यह परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है और इसे परिवार की एकता और संस्कारों की पहचान माना जाता है। नई दुल्हन के कदमों के निशान को देखकर सभी को यह ज्ञात होता है कि घर में नए सदस्य का प्रवेश हुआ है, जो खुशियां लेकर आता है।
कुमकुम के पैरों के निशान बनाने की प्रक्रिया
इस प्रक्रिया में सबसे पहले दुल्हन के पैरों की सफाई की जाती है। फिर उसके पैर धोए जाते हैं और साफ कपड़े से पोछा जाता है। इसके बाद हाथ में कुमकुम लेकर उसके पैरों पर सुंदर और पारंपरिक डिज़ाइन बनाए जाते हैं। अक्सर फूलों की पंखुड़ियों से भी पैरों के निशान सजाए जाते हैं।
यह पूरा समारोह परिवार के बुजुर्गों द्वारा बड़े प्रेम और श्रद्धा के साथ किया जाता है। इस परंपरा के माध्यम से परिवार में एक नए सदस्य का स्वागत बड़े सम्मान और प्यार के साथ किया जाता है।
इसलिए, कुमकुम से बने पैरों के निशान घर में खुशियां और सकारात्मक ऊर्जा लेकर आते हैं और दुल्हन के कदमों को नई शुरुआत का शुभ संदेश देते हैं।
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