गुप्त नवरात्रि : जानिए अंतिम दिन की पूजा में कौन सी महाविद्या देगी मनवांछित फल

गुप्त नवरात्रि के अंतिम दिन, इन देवियों की पूजा से साधकों को मिलता है विशेष फल, जिससे उनके जीवन में बदलाव आ सकता है। ऐसा माना जाता है कि, इस दिन की साधना से आर्थिक समृद्धि, मानसिक शांति और आध्यात्मिक शक्ति की प्राप्ति होती है।

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Kaushiki
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Gupt Navratri: गुप्त नवरात्रि का अंतिम दिन यानी नवमी तिथि अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन की पूजा से साधकों की साधना पूर्ण होती है और देवी की कृपा प्राप्त होती है। आमतौर पर मां सिद्धिदात्री की पूजा इस दिन की जाती है, क्योंकि वे सिद्धियों को प्रदान करने वाली देवी हैं। लेकिन गुप्त नवरात्रि मुख्य रूप से तांत्रिक साधनाओं के लिए होती है, इसलिए इस दिन दस महाविद्याओं में से किसी एक की आराधना की जाती है। माना जाता है कि, जो लोग सच्चे मन से इस दिन देवी की पूजा करते हैं, उन्हें विशेष फल प्राप्त होते हैं।  

अंतिम दिन में पूजित प्रमुख देवियां

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक गुप्त नवरात्रि में देवी के गुप्त और उग्र रूपों की साधना की जाती है। इनमें से अंतिम दिन विशेष रूप से दो महाविद्याओं की आराधना महत्वपूर्ण मानी जाती है – मां कमला और मां मातंगी।

मां कमला: इन्हें धन, समृद्धि और ऐश्वर्य की देवी माना जाता है। ये मां लक्ष्मी का ही तांत्रिक रूप हैं और इनकी साधना करने से साधक को आर्थिक सम्पन्नता और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।

मां मातंगी: ये वाणी, विद्या, संगीत और तंत्र साधना की देवी मानी जाती हैं। कहा जाता है कि, इनकी पूजा करने से वाणी में प्रभावशीलता आती है, जिससे व्यक्ति का समाज में मान-सम्मान बढ़ता है। विशेष रूप से वे लोग जो संगीत, कला, लेखन और वक्तृत्व कला से जुड़े हैं, उनके लिए मां मातंगी की साधना अत्यंत लाभदायक हो सकता है।

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अंतिम दिन का महत्व

गुप्त नवरात्रि में साधक पूरे नौ दिन तक कठोर तप और साधना करते हैं। अंतिम दिन यानी नवमी को उनकी साधना पूर्ण होती है और उन्हें सिद्धियां प्राप्त होने लगती हैं। यह दिन तंत्र साधना और शक्ति उपासना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन की गई साधना विशेष रूप से फलदायी होती है और जीवन में स्थायी परिवर्तन लाने वाली होती है। धर्म गुरु की मानें तो जो लोग तंत्र साधना नहीं करते, वे भी इस दिन साधारण नवरात्रि की तरह कन्या पूजन, हवन और दुर्गा सप्तशती का पाठ कर सकते हैं। यह दिन उन भक्तों के लिए भी अत्यंत शुभ माना जाता है जो अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, मानसिक शांति और आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त करना चाहते हैं।

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ऐसे कर सकते हैं पूजा

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, गुप्त नवरात्रि की नवमी तिथि पर साधक देवी मां को ऐसे पूजा कर सकते हैं:

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और लाल या पीले वस्त्र धारण करें।
  • मां कमला या मां मातंगी के मंत्रों का जाप करें।
  • हवन करें और मां को तिल, शहद, कमल के फूल और दूध से बनी मिठाइयां अर्पित करें।
  • कन्या पूजन करें और नौ कन्याओं को भोजन कराएं।

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FAQ

Gupt Navratri का महत्व क्या है?
Gupt Navratri तांत्रिक साधनाओं और देवी के गुप्त रूपों की पूजा का विशेष समय होता है।
Gupt Navratri के नौवें दिन कौन सी देवी की पूजा की जाती है?
नौवे दिन मां कमला और मां मातंगी की पूजा की जाती है।
Gupt Navratri में क्या साधनाएं की जाती हैं?
Gupt Navratri में तंत्र साधना, हवन, मंत्र जाप और देवी पूजा की जाती है।
क्या Gupt Navratri में कन्या पूजन किया जाता है?
हां, Gupt Navratri के अंतिम दिन कन्या पूजन किया जाता है, जैसे सामान्य नवरात्रि में होता है।

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