जया एकादशी आज, मिलेगा जन्म-मरण के चक्र से छुटकारा

जया एकादशी 2025 में होने वाली है, जो विशेष रूप से श्रद्धालुओं के लिए अहम व्रत है। इस दिन का पालन करने से मिलते हैं आत्मिक शांति और पुण्य के असीम लाभ, जानिए इसकी तिथि और महत्व...

author-image
Kaushiki
एडिट
New Update
JAYA EKADASI
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

Jaya Ekadashi : भारतीय सनातन संस्कृति में एकादशी व्रत का विशेष महत्व होता है। हर माह दो एकादशियां आती हैं जिसमें एक शुक्ल पक्ष और एक कृष्ण पक्ष में आती है। इनमें से जया एकादशी का अत्यधिक महत्व माना गया है क्योंकि यह न सिर्फ पापों से मुक्ति दिलाती है, बल्कि मोक्ष प्राप्ति का मार्ग भी दिखाती है।

होगा सकारात्मक बदलाव 

यह व्रत व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने वाला होता है और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने का श्रेष्ठ उपाय माना जाता है। तो ऐसे में यदि आप अपने जीवन को पवित्र और सुखमय बनाना चाहते हैं, तो इस ये व्रत जरूर करें। चलिए जानते हैं इस एकादशी की तिथि, पूजा विधि और इसके आध्यात्मिक लाभों के बारे में।

खबर ये भी- भगवान की पूजा करना, प्रसाद खाना पाप... ऐसे हो रहा धर्मांतरण

जया एकादशी 2025 कब है

इस वर्ष जया एकादशी 8 फरवरी,को मनाई जाएगी। वैदिक पंचांग के मुताबिक, यह माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी होती है। तो इस बार ये 7 फरवरी को रात 9 बजकर 26 मिनट से प्रारंभ होगी और 8 फरवरी को रात 8 बजकर 15 मिनट पर समाप्त होगी। इस कारण, यह व्रत 8 फरवरी को रखा जाएगा।

व्रत और पूजा विधि

इस दिन व्रत और पूजा करने का सही तरीका ये हैं:

  • ब्राह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें।
  • पीले और सफेद फूल, तुलसी पत्र, फल, पंचामृत और नैवेद्य अर्पित करें।
  • "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जाप करें।
  • एकादशी व्रत का पालन करें: यह निर्जला (बिना जल के), फलाहारी (केवल फल खाने वाला) या केवल जल ग्रहण करने वाला हो सकता है।
  • व्रत कथा और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
  • जरूरतमंद लोगों को भोजन कराएं और दान करें।

खबर ये भी-बसंत पंचमी पर महाकालेश्वर मंदिर में विशेष पूजा, कृष्ण-बालराम की अराधना

VISHNU

जया एकादशी का महत्व

हिंदू धर्म में जया एकादशी को अत्यंत शुभ और पुण्यदायिनी माना जाता है। माना जाता है कि इसे करने से

  • पापों से मुक्ति: मान्यता है कि जो व्यक्ति श्रद्धापूर्वक इस व्रत का पालन करता है, वह अपने सभी पापों से मुक्त हो जाता है।
  • स्वर्ग और मोक्ष की प्राप्ति: यह एकादशी व्यक्ति को मोक्ष प्रदान करने वाली होती है, जिससे वह जन्म-मरण के चक्र से छुटकारा पा सकता है।
  • सुख-समृद्धि: इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
  • अशुभ शक्तियों का नाश: यह एकादशी नकारात्मक ऊर्जा और बुरी आत्माओं से रक्षा करती है।
    मानसिक शांति और आत्मिक शुद्धि: व्रत रखने से मन की शुद्धि होती है और व्यक्ति आध्यात्मिक रूप से उन्नति करता है।

खबर ये भी-गुप्त नवरात्रि के चौथे दिन मां भुवनेश्वरी की करें पूजा, मिलेगा ज्ञान का वरदान

VISHNU JI

जया एकादशी की पौराणिक कथा

प्राचीन कथाओं के मुताबिक, स्वर्गलोक में एक अप्सरा और गंधर्व के बीच प्रेम संबंध था। गंधर्व का नाम माल्यवान और अप्सरा का नाम पुष्पवती था। एक दिन, जब ये दोनों भगवान इंद्र के दरबार में गायन कर रहे थे, तो इनका ध्यान भटक गया और वे ठीक से प्रस्तुति नहीं दे पाए। इससे नाराज होकर इंद्र ने उन्हें श्राप दिया कि वे मृत्यु लोक में जन्म लेकर पिशाच योनि में रहेंगे।

धरती पर आने के बाद वे अत्यंत दुखी रहने लगे। लेकिन संयोगवश, उन्होंने माघ शुक्ल एकादशी के दिन व्रत रखा और भगवान विष्णु की भक्ति की। उनके इस व्रत के प्रभाव से वे अपने पिशाच योनि से मुक्त हो गए और फिर से अपने दिव्य रूप में लौट आए। इस कथा से यह सिद्ध होता है कि जया एकादशी व्रत इतना शक्तिशाली है कि यह मनुष्य को किसी भी अभिशाप या पाप से मुक्ति दिला सकता है।

खबर ये भी- नर्मदा जयंती : भारत की एकमात्र नदी, जिसकी परिक्रमा और पूजा का है खास महत्व

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

एकादशी पर पूजा एकादशी तिथि latest news धर्म ज्योतिष न्यूज Jaya Ekadashi all problems will go away on Ekadashi