दिवाली पर लक्ष्मी जी के साथ आती हैं बड़ी बहन अलक्ष्मी देवी, जानें क्यों जरूरी है दरिद्रता की देवी को भगाना

दीपावली पर धन की देवी लक्ष्मी के साथ उनकी बड़ी बहन दरिद्रता की देवी अलक्ष्मी की भी चर्चा होती है। पद्मपुराण के अनुसार, अलक्ष्मी का जन्म समुद्र मंथन से हुआ था और वह केवल उन्हीं घरों में निवास करती हैं जहाँ कलह, झूठ और गंदगी होती है।

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Kaushiki
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Latest Religious News: दिवाली का पर्व मां लक्ष्मी के स्वागत का महापर्व है। हर व्यक्ति चाहता है कि कार्तिक अमावस्या की रात मां लक्ष्मी उनके घर में स्थायी निवास करें और वर्ष भर सुख-समृद्धि बनी रहे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि धन की देवी मां लक्ष्मी की एक बड़ी बहन भी हैं, जिनका नाम अलक्ष्मी है? इन्हें दरिद्रता और दुर्भाग्य की देवी भी कहा जाता है।

पौराणिक कथाओं के मुताबिक, मां लक्ष्मी और अलक्ष्मी दोनों का जन्म समुद्र मंथन से ही हुआ था। पद्मपुराण में इन दोनों देवियों के प्राकट्य और उनके स्वभाव का विस्तार से वर्णन मिलता है।

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पौराणिक कथाएं

पद्मपुराण के मुताबिक, जब समुद्र मंथन हुआ, तो लक्ष्मी जी से पहले उनकी बड़ी बहन दरिद्रा देवी प्रकट हुई थीं।

अलक्ष्मी (दरिद्रता देवी) का प्राकट्य

ग्रंथों के मुताबिक, अलक्ष्मी लाल वस्त्र धारण किए हुए प्रकट हुई थीं। प्रकट होने के बाद उन्होंने सभी देवगणों से पूछा कि उनका आगमन किस उद्देश्य से हुआ है और उन्हें कहां निवास करना चाहिए? इस पर देवताओं ने उन्हें बताया कि वह कहाँ निवास करेंगी और उनका स्वभाव क्या होगा। अलक्ष्मी को देवताओं ने ‘कलह प्रिया दरिद्रा देवी’ कहा।

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अलक्ष्मी कहां निवास करती हैं

पद्मपुराण के मुताबिक, अलक्ष्मी और मां लक्ष्मी, दोनों का स्वभाव बिल्कुल विपरीत है। यह एक अटल सत्य है कि मां लक्ष्मी और दरिद्रता की देवी अलक्ष्मी एक साथ एक स्थान पर कभी नहीं रह सकतीं।

इसलिए, दिवाली के समय लोग मां लक्ष्मी को बुलाते हैं और घर से अलक्ष्मी को बाहर निकालते हैं। पद्मपुराण में देवताओं ने अलक्ष्मी को ऐसे लोगों के घरों में निवास करने का स्थान दिया है, जहां निम्न चीजें होती हैं। ये वो स्थान हैं जहां दरिद्रता स्वयं निवास करती है:

  • कलह और झगड़ा: जिनके घरों में रोजाना लड़ाई-झगड़ा और कलह होता है, वहां अलक्ष्मी का वास होता है।

  • झूठ बोलने वाले: जो लोग हमेशा झूठ बोलते हैं और कठोर वाणी का प्रयोग करते हैं, अलक्ष्मी उन घरों को अपना निवास बनाती हैं।

  • स्त्रियों का अपमान: जिन घरों में महिलाओं या स्त्रियों का अपमान किया जाता है, अलक्ष्मी वहां जाकर बसती हैं।

  • अनैतिक और पापी लोग: मलिन मन वाले, पापी मनुष्य और जो लोग संध्या (शाम) के समय सोते हैं, उनके घरों में दुःख और दुर्भाग्य प्रदान करती हुई अलक्ष्मी नित्य निवास करती हैं।

  • गंदगी और अशुद्धि: जिस मनुष्य की बुद्धि खोटी होती है और जो बिना पैर धोए तथा बिना आचमन किए रहता है (अशुद्ध रहता है), अलक्ष्मी उन पापपरायण लोगों की सेवा करती हैं। अलक्ष्मी उन स्थानों पर वास करती हैं जहां गंदगी, नकारात्मकता, वाणी में कटुता और असत्यता होती है।

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दिवाली पर अलक्ष्मी को कैसे भगाएं

दिवाली की रात, मां लक्ष्मी का स्वागत करने से पहले, हर व्यक्ति को अपने घर से अलक्ष्मी देवी को बाहर करना चाहिए। इसका सीधा अर्थ है कि हमें अपने घर और जीवन से गंदगी, आलस्य और नकारात्मक विचारों को दूर करना होगा:

  • दीपावली से पहले घर की पूरी तरह साफ-सफाई करना, विशेष रूप से कबाड़ और बेकार की चीजें बाहर निकालना, अलक्ष्मी को दूर भगाने का पहला कदम है।

  • घर में झूठ बोलना और झगड़ा बंद करना, तथा महिलाओं का सम्मान करना जरूरी है।

  • दिवाली पूजन का शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी की सच्चे मन से पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और अलक्ष्मी का वास स्वतः ही समाप्त हो जाता है।

डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी पूरी तरह से सही या सटीक होने का हम कोई दावा नहीं करते हैं। ज्यादा और सही डिटेल्स के लिए, हमेशा उस फील्ड के एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें। धार्मिक अपडेट | Hindu News 

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