छठ पूजा के दूसरे दिन खरना प्रसाद में आम की लकड़ी क्यों है जरूरी? जानें शुद्धता के आशीर्वाद का रहस्य

छठ पूजा में खरना का विशेष महत्व है, क्योंकि इस दिन गुड़ की खीर और रोटी का पवित्र प्रसाद आम की लकड़ी से बने नए मिट्टी के चूल्हे पर बनाया जाता है। मान्यता है कि यह लकड़ी पवित्रता और सकारात्मक ऊर्जा लाती है...

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Kaushiki
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Latest Religious News: छठ पूजा, सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित एक ऐसा महापर्व है जो चार दिनों तक चलता है। इसकी शुरुआत नहाय-खाय से होती है और दूसरा दिन खरना कहलाता है। खरना का अर्थ होता है शुद्धता।

यह दिन व्रत रखने वाले के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इस दिन व्रती पूरी तरह से तन और मन की शुद्धता का संकल्प लेता है। ऐसी धार्मिक मान्यता है कि खरना के दिन ही छठी मैया घर में प्रवेश करती हैं और व्रती को अपना आशीर्वाद देती हैं। इसलिए इस दिन की भक्ति और समर्पण में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए।

Chhath Puja 2025: खरना पर आम की लकड़ी से बनता है पवित्र प्रसाद, क्या है  इसके पीछे की वजह - chhath puja kharna prasad made on mango wood importance  tvisz - AajTak

खरना के प्रसाद में आम की लकड़ी ही क्यों

खरना की शाम को व्रती महिलाएं विशेष रूप से मिट्टी का नया चूल्हा तैयार करती हैं। इस चूल्हे पर जो सबसे खास प्रसाद बनता है गुड़ और चावल की खीर तथा गेहूं के आटे की रोटी। वह केवल आम की लकड़ी जलाकर ही बनाया जाता है। इस परंपरा के पीछे कई धार्मिक और वैज्ञानिक कारण बताए जाते हैं:

  • पवित्रता और सात्विकता: 

    धार्मिक ग्रंथों और लोक मान्यताओं के मुताबिक, आम की लकड़ी को अत्यंत शुद्ध और सात्विक माना गया है। किसी भी धार्मिक अनुष्ठान या हवन-पूजन में आम की लकड़ी का ही इस्तेमाल होता है क्योंकि यह सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है। यह लकड़ी पवित्रता के पैमाने पर खरी उतरती है, जो खरना की 'शुद्धता' की भावना के अनुरूप है।

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  • छठी मैया को प्रिय: 

    ऐसी मान्यता है कि आम का पेड़ छठी मैया को बहुत प्रिय है। इसलिए, छठ के मौके पर, विशेषकर खरना के दिन, आम की लकड़ी से प्रसाद बनाने से छठी मैया अत्यंत प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।

  • अशुद्ध धुएं से बचाव: 

    इस परंपरा में किसी अन्य लकड़ी, जैसे पीपल या बरगद, का उपयोग वर्जित होता है। ऐसा माना जाता है कि अन्य लकड़ियों का धुआं कभी-कभी अशुद्ध हो सकता है या उसमें वो सात्विक गुण नहीं होते जो छठी मैया को अर्पित किए जाने वाले प्रसाद के लिए आवश्यक हैं। अशुद्धता से मैया अप्रसन्न हो सकती हैं।

  • प्रसाद की गुणवत्ता: 

    वैज्ञानिक तौर पर भी आम की लकड़ी धीमी और स्थिर आंच देती है, जिससे गुड़ की खीर धीरे-धीरे और स्वादिष्ट बनती है। पीतल के बर्तन में बनी यह खीर और भी गुणकारी हो जाती है, जो व्रत के बाद शरीर को ऊर्जा देती है।

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खरना की पूजा विधि

खरना के दिन व्रत करने वाली महिलाएं पूरे दिन निर्जला या फलाहार व्रत रखती हैं। शाम के समय, मिट्टी के नए चूल्हे पर आम की लकड़ी जलाकर, पीतल के नए बर्तन में गुड़, दूध और चावल की खीर बनाई जाती है।

इसके साथ ही गेहूं के आटे से बनी रोटी या पूड़ी भी तैयार की जाती है। प्रसाद (गुड़ की खीर और रोटी) हमेशा मिट्टी के एकदम नए चूल्हे पर ही बनाया जाता है।

यह चूल्हा पहली बार इस्तेमाल (छठ पूजा की विधि) होता है, जिस पर इससे पहले कोई भी भोजन नहीं पका होता। यह नियम शुद्धता और पवित्रता को बनाए रखने के लिए सबसे आवश्यक है, क्योंकि खरना का अर्थ ही 'शुद्धिकरण' है।

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व्रत की शुरूआत खरना प्रसाद ग्रहण करने के बाद

यह पवित्र प्रसाद सबसे पहले छठी मैया और सूर्य देव को अर्पित किया जाता है। पूजा के बाद, व्रती इस प्रसाद को ग्रहण करती हैं। यह प्रसाद ही उस 36 घंटे के निर्जला व्रत का आधार बनता है जो अगले दिन से शुरू होता है।

ऐसी मान्यता है कि यह खीर मैया का आशीर्वाद होती है, जो व्रती को संतान सुख, अच्छा स्वास्थ्य और समृद्धि देती है। व्रती महिलाएं (या पुरुष) पूरे दिन निर्जला उपवास रखती हैं। शाम को यह पवित्र प्रसाद सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद ग्रहण किया जाता है।

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इस प्रसाद को खाने के बाद से ही 36 घंटे (खरना पूजा का शुभ मुहूर्त) का सबसे कठिन निर्जला व्रत शुरू हो जाता है, जिसमें पानी की एक बूंद भी नहीं पी जाती। मान्यता है कि खरना पर बनी यह गुड़ की खीर स्वयं छठी मैया का आशीर्वाद होती है।

इस प्रसाद (खरना पर्व पर सूर्य उपासना) को परिवार के सभी सदस्यों में और पड़ोसियों में बांटना बहुत जरूरी माना जाता है। यह प्रसाद ग्रहण करने से संतान सुख, उत्तम स्वास्थ्य और घर में खुशहाली व एकता बनी रहती है।

डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी पूरी तरह से सही या सटीक होने का हम कोई दावा नहीं करते हैं। ज्यादा और सही डिटेल्स के लिए, हमेशा उस फील्ड के एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें। धार्मिक अपडेट | Hindu News 

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