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Latest Religious News: हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि चार महीने तक हमारे पालनहार श्री हरि विष्णु शयन यानी योगनिद्रा में रहते हैं। इस पूरे समय को चातुर्मास कहा जाता है। जब तक भगवान विष्णु सोए रहते हैं, तब तक शादी-ब्याह, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किए जाते।
इन कार्यों में भगवान का आशीर्वाद चाहिए होता है। लेकिन जैसे ही यह चातुर्मास खत्म होता है, खुशियों के दरवाजे फिर से खुल जाते हैं। इस साल देवउठनी एकादशी का पावन पर्व 01 नवंबर 2025 को मनाया जाएगा।
इसी दिन भगवान विष्णु अपनी नींद से जागेंगे और साथ ही तुलसी विवाह की रस्म भी पूरी होगी। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, तुलसी विवाह के बाद ही शादी और सभी मांगलिक कार्यों के लिए उत्तम मुहूर्त मिलने शुरू होते हैं।
ऐसे में उज्जैन के जाने-माने आचार्य आनंद भारद्वाज जी से मिली जानकारी के मुताबिक जानते हैं कि नवंबर और दिसंबर 2025 में कब-कब विवाह के शुभ दिन मिल रहे हैं।
नवंबर और दिसंबर 2025 के विवाह मुहूर्त
शादी की तारीख पक्की करने से पहले यह लिस्ट ध्यान से देख लें, क्योंकि साल के अंत में शुभ मुहूर्त बहुत ही कम हैं:
नवंबर 2025 में विवाह के शुभ मुहूर्त
आचार्य आनंद भारद्वाज जी के मुताबिक, नवंबर महीने में विवाह का सिलसिला 15 दिनों का रहेगा। ये तारीखें विवाह के लिए अत्यंत शुभ मानी गई हैं:
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02 नवंबर 2025
03 नवंबर 2025
05 नवंबर 2025 (इस दिन कार्तिक पूर्णिमा का विशेष योग है, जो बहुत शुभ माना जाता है।)
08 नवंबर 2025
12 नवंबर 2025
13 नवंबर 2025
16 नवंबर 2025
17 नवंबर 2025
18 नवंबर 2025
21 नवंबर 2025
22 नवंबर 2025
23 नवंबर 2025
25 नवंबर 2025
30 नवंबर 2025
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दिसंबर 2025 में विवाह के शुभ मुहूर्त
आचार्य आनंद भारद्वाज जी के मुताबिक, दिसंबर में मांगलिक कार्यों के लिए बहुत ही कम समय मिल रहा है। विवाह (Vivah) के लिए केवल ये तीन दिन ही शुभ हैं:
04 दिसंबर 2025
05 दिसंबर 2025
06 दिसंबर 2025
51 दिन तक नहीं होंगे शुभ कार्य
आचार्य आनंद भारद्वाज जी के मुताबिक, दिसंबर की शुरुआत में ही विवाह के मुहूर्त समाप्त हो जाएंगे, क्योंकि:
मलमास / अधिमास:
16 दिसंबर से मलमास (जिसे खरमास भी कहते हैं) की शुरुआत हो जाएगी, जो अगले साल 14 जनवरी 2026 तक चलेगा। मलमास में कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किया जाता।
शुक्र अस्त:
12 दिसंबर से शुक्र ग्रह भी अस्त हो जाएंगे, और उनका उदय 01 फरवरी 2026 को होगा। ज्योतिष के अनुसार, गुरुऔर शुक्र तारे के अस्त होने पर भी विवाह और अन्य शुभ कार्य वर्जित हो जाते हैं।
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इस कारण, दिसंबर 2025 से लेकर जनवरी 2026 तक पूरे 51 दिनों के लिए विवाह और अन्य मांगलिक कार्य स्थगित रहेंगे। ऐसे में अगर आप शुभ मुहूर्त चूक गए हैं, तो निराश न हों।
23 जनवरी 2026 को बसंत पंचमी का दिन अबूझ मुहूर्त माना जाता है। इस दिन बिना पंचांग देखे भी विवाह और शुभ कार्य किए जा सकते हैं। यह अत्यंत शुभ फलदायी होता है।
डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी पूरी तरह से सही या सटीक होने का हम कोई दावा नहीं करते हैं। ज्यादा और सही डिटेल्स के लिए, हमेशा उस फील्ड के एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें। धार्मिक अपडेट | Hindu News
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