क्यों बांटना चाहिए प्रसाद, जानें खुशियां और आशीर्वाद बांटने की हमारी इस प्राचीन परंपरा को

प्रसाद केवल आस्था नहीं, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा, प्राचीन विज्ञान और सामाजिक एकता का मिश्रण है। यह पाचन सुधारता है, इम्युनिटी बढ़ाता है, और मानसिक एकाग्रता में सहायक होता है।

author-image
Kaushiki
New Update
hindu-prasad-spiritual-health-benefits-social-unity
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

Latest Religious News: आप मंदिर जाते होंगे और पूजा के बाद बड़े प्रेम से प्रसाद ग्रहण करते होंगे, जो हमारी सनातन परंपरा का हिस्सा है। क्या आपने कभी यह गहराई से सोचा है कि एक साधारण सा भोजन भगवान को अर्पित होने के बाद इतना शक्तिशाली कैसे हो जाता है?

इसके पीछे का जवाब केवल आस्था में ही नहीं। बल्कि प्राचीन विज्ञान, मनोविज्ञान और सामाजिक एकता के एक गहरे मेल में छिपा हुआ है। हमारे ऋषियों ने बहुत पहले ही यह अनुभव किया था।

पूजा-पाठ के समय एक विशेष प्रकार की सकारात्मक ऊर्जा का निर्माण होता है। मंदिर के अंदर की शांति, मंत्रों का लगातार उच्चारण, धूप और दीपक की पवित्र सुगंध और सभी भक्तों की एकत्रता मिलकर एक उच्च ऊर्जा क्षेत्र बनाती है।

घर पर ही बनाये गुरुदारे जैसा कड़ा प्रसाद रेसिपी | Kada Prasad Recipe | Guru  Nanak Jayanti Special.

आत्मा को शुद्ध करता है प्रसाद

मान्यता है कि जब भोग को इस पवित्र वातावरण में रखा जाता है, तब वह इन सभी सकारात्मक तरंगों को अपने भीतर सोख लेता है। जब यही ऊर्जा से भरा भोजन हमें प्रसाद के रूप में प्राप्त होता है, तब हम उस पवित्र ऊर्जा को अपने शरीर और मन के भीतर ग्रहण करते हैं।

यह प्रसाद केवल हमारी भूख शांत करने के लिए नहीं होता। बल्कि हमारी आत्मा को शुद्ध करने और दैवीय कृपा को प्राप्त करने का एक माध्यम होता है। प्रसाद को एक-दूसरे में बांटने की हमारी परंपरा हमें यह सिखाती है कि खुशियां और भगवान का आशीर्वाद बांटने से हमेशा बढ़ता है।

ये खबर भी पढ़ें...

न्यू ईयर पर महाकाल मंदिर जाने का है प्लान, तो भस्म आरती बुकिंग से जुड़ी ये जरूरी लेटेस्ट जानकारी जरूर पढ़ें

प्रसाद हमेशा दाहिने हाथ से ही लें, जानें धार्मिक महत्व. - News18 हिंदी

क्यों बांटना चाहिए प्रसाद

अधिकतर मंदिरों और घरों में बनाए जाने वाले प्रसाद में पोषक तत्व भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं। ये स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक हैं।

  • पंचामृत और इसके फायदे

    पंचामृत प्रसाद का एक बहुत ही अभिन्न अंग है जो पांच पवित्र चीजों से मिलकर बनता है। यह मुख्य रूप से हमारे पाचन तंत्र को ठीक रखने में मदद करता है। शरीर की इम्युनिटी को भी बढ़ाता है।

  • तुलसी के पत्ते का महत्व

    प्रसाद में तुलसी का पत्ता डालना लगभग जरूरी माना जाता है और इसके कई वैज्ञानिक कारण हैं। तुलसी एक बहुत ही शक्तिशाली एंटीबायोटिक और एंटीऑक्सीडेंट का काम करती है। यह प्रसाद को बाहरी तत्वों से दूषित होने से बचाती है। ये कई प्रकार की बीमारियों से लड़ने में भी सहायता करती है।

  • फल और सूखे मेवे

    प्रसाद में अक्सर मौसमी फल, किशमिश, बादाम और अन्य सूखे मेवे शामिल किए जाते हैं। ये सभी चीजें हमारे शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करते हैं। ये पूजा-पाठ या उपवास के बाद शरीर को तरोताजा करने में सहायक होते हैं।

ये खबर भी पढ़ें...

रहस्यमयी टंट्या भील रेलवे स्टेशन, ट्रेन आज भी देती है सलामी, एक मंदिर से रुके थे कई हादसे

Janmashtami Prasad Recipe: प्रसाद को टेस्टी बनाने के लिए इस्तेमाल करें ये 3  चीज़ें, स्वाद हो जाएगा दोगुना | different ways to add flavour in prasad |  Herzindagi

मानसिक एकाग्रता का पाठ

मंदिर या पूजा के स्थान पर हर व्यक्ति चाहे अमीर हो या गरीब, उच्च जाति का हो या निम्न, बिना किसी भेदभाव के एक साथ खड़ा होकर एक जैसा प्रसाद ग्रहण करता है। ये अद्भुत परंपरा हमें सिखाती है कि भगवान की दृष्टि में हम सभी लोग बराबर हैं कोई छोटा या बड़ा नहीं।

प्रसाद इस प्रकार सामाजिक भेदभाव को पूरी तरह से मिटाने का सबसे सरल और मीठा तरीका बन जाता है। जब हम एक-दूसरे को प्रसाद बांटते हैं, तब इससे हमारे बीच प्यार, सौहार्द और एकता की भावना बहुत मजबूत होती है।

इसके अलावा, प्रसाद बनाते और परोसते समय साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना हमें सिखाता है कि खाने-पीने की चीजों में पवित्रता और स्वच्छता कितनी जरूरी होती है।

पूजा में जब हम भोग लगाते हैं (तुलसी पूजा), तब हमारा मन खाने-पीने की लालसा से हटकर पूरी तरह से भगवान में लग जाता है, जो मानसिक एकाग्रता बढ़ाने में बहुत सहायक होता है।

डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी पूरी तरह से सही या सटीक होने का हम कोई दावा नहीं करते हैं। ज्यादा और सही डिटेल्स के लिए, हमेशा उस फील्ड के एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।

ये खबर भी पढ़ें...

भगवान शिव और रावण से जुड़ा कर्नाटक का विरुपाक्ष मंदिर, झुकी हुई शिवलिंग से है प्रसिद्ध, जानें रहस्य

उज्जैन मंगल नाथ मंदिर: भगवान शिव के पसीने से हुआ था मंगल ग्रह का जन्म, जानें कैसे

आस्था तुलसी तुलसी पूजा प्रसाद Latest Religious News
Advertisment