12 जून से हो रही आषाढ़ माह की शुरुआत, जानें इस माह में क्या करें और क्या न करें

आषाढ़ माह का महत्व हिंदू कैलेंडर के अनुसार आषाढ़ माह विशेष धार्मिक महत्व रखता है। इस महीने में भगवान विष्णु और सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व है।

author-image
Kaushiki
एडिट
New Update
आषाढ़ माह 2025
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

आषाढ़ महीना हिंदू कैलेंडर के चौथे महीने के रूप में अत्यधिक महत्व रखता है। यह माह भगवान विष्णु और सूर्य देव की पूजा-अर्चना का विशेष समय होता है। पंचांग के मुताबिक 2025 में इस माहीना की शुरुआत 12 जून, गुरुवार से हो रही है। यह महीने का महत्वपूर्ण समय है, जिसमें देवशयनी एकादशी के बाद भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं और इस दौरान शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है।

इसके अलावा, इस महीना में शिव पूजा, दान और धार्मिक यात्रा का भी महत्व है। इस माह में किए गए धार्मिक कार्यों से पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन में समृद्धि आती है। आइए जानते हैं, आषाढ़ महीना में किस तरह के कार्यों से आपको शुभ फल मिलेंगे और किन कार्यों से बचना चाहिए।

ये खबर भी पढ़ें... चातुर्मास में भगवान विष्णु क्यों करते हैं पाताल लोक में निवास, कौन संभालता है सृष्टि का संचालन

आषाढ़ महीना में कौन से कार्य करें

धार्निक मान्यता के मुताबिक, इस महीने हमें ये कार्य करना चाहिए 

  • भगवान विष्णु और सूर्य देव की पूजा: इस माह में भगवान विष्णु और सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व है। रोजाना सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए, जिससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
  • शिव पूजा: शिवजी की पूजा इस माह में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस समय शिवलिंग पर जल चढ़ाना और उनका व्रत रखना लाभकारी होता है।
  • धार्मिक यात्रा: इस माह में धार्मिक यात्रा पर जाना शुभ माना जाता है, क्योंकि इससे पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन में शांति आती है।
  • दान का महत्व: इस माह में छाता, पानी से भरे घड़े, खरबूजा, तरबूज, नमक, आंवले जैसे दान देना विशेष रूप से फायदेमंद होता है। यह दान मानसिक शांति और संपत्ति में वृद्धि का कारण बनता है।
  • तुलसी में दूध का जल चढ़ाना: तुलसी में दूध मिलाकर जल चढ़ाने से घर में बरकत होती है और पैसों की तंगी दूर होती है।

ये खबर भी पढ़ें... गंगा दशहरा पर भगवान विष्णु को कौन सा भोग अर्पित करें, इन गलतियों को करने से बचें

आषाढ़ माहीना में कौन से कार्य न करें

धार्निक मान्यता के मुताबिक, इस महीने हमें ये कार्य करने से बचना चाहिए 

  • चातुर्मास का आरंभ: इस महीना की देवशयनी एकादशी के बाद चातुर्मास की शुरुआत होती है। इस दौरान कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृहप्रवेश, या मुंडन आदि नहीं किए जाते हैं।
  • शादी या गृहप्रवेश: इस माह में शादी, गृहप्रवेश, या नए कार्य की शुरुआत वर्जित मानी जाती है, क्योंकि यह समय भगवान विष्णु के विश्राम का है।
  • मांस, मदिरा और तामसिक भोजन से बचें: इस माह में मांसाहारी भोजन, मदिरा का सेवन और तामसिक भोजन से बचना चाहिए, क्योंकि यह माह धार्मिक अनुशासन और मानसिक शुद्धता का समय है।
  • गहरी नींद और आलस्य से बचें: इस माह में आलस्य और शारीरिक ऊर्जा की कमी से बचने के लिए योग, ध्यान और सक्रियता को बढ़ावा दें।

ये खबर भी पढ़ें... निर्जला एकादशी पर भगवान विष्णु को अर्पित करें ये खास भोग, सुख समृद्धि से भर जाएगा घर

आषाढ़ माह का महत्व

आषाढ़ माह में भगवान विष्णु का विशेष महत्व है, जो इस समय अपनी योग निद्रा में चले जाते हैं। इस समय में संसार के सभी कार्यों का संचालन भगवान शिव द्वारा नियंत्रित किया जाता है। आषाढ़ माह के समय सभी जीवों के कर्मों का हिसाब होता है और इस दौरान भगवान विष्णु की पूजा से शुभ फल प्राप्त होते हैं।

इसके अलावा, सूर्य देव के मार्गदर्शन से जीवन में रौशनी और मार्गदर्शन मिलता है। इस माह में हमें अपने जीवन के कृत्य और आचार को शुद्ध रखने के लिए विशिष्ट ध्यान देना चाहिए और भगवान के आशीर्वाद से लाभ प्राप्त करना चाहिए।

ये खबर भी पढ़ें...शनि देव को प्रसन्न करने के लिए शनि जयंती पर ऐसे करें उनकी पूजा

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃

🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧

 आषाढ़ माह कब से शुरू होगा | आषाढ़ माह में जगन्नाथ यात्रा | आषाढ़ माह व्रत त्योहार | चातुर्मास में भगवान करेंगे विश्राम | धर्म ज्योतिष न्यूज | Lord Vishnu | worship of Lord Vishnu | jagarnath

धर्म ज्योतिष न्यूज चातुर्मास में भगवान करेंगे विश्राम jagarnath आषाढ़ माह व्रत त्योहार आषाढ़ माह कब से शुरू होगा आषाढ़ माह में जगन्नाथ यात्रा आषाढ़ माह का महत्व Lord Vishnu चातुर्मास worship of Lord Vishnu