क्यों समुद्र की लहरों की आवाज जगन्नाथ मंदिर तक नहीं पहुंचती, जानें पुरी मंदिर के रहस्यमय पहलू

जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान पुरी के जगन्नाथ मंदिर के शिखर पर लहराती पताका का रहस्य जानते हैं आप। यह पताका हवा की उल्टी दिशा में क्यों लहराती है और इसकी पौराणिक कथा क्या है? आइए जानें

author-image
Kaushiki
New Update
जगन्नाथ मंदिर की पताका
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

जगन्नाथ रथ यात्रा हर साल उड़ीसा के पुरी में बड़े धूमधाम से मनाई जाती है। इस बार यह यात्रा 27 जून 2025 को शुरू होगी। इस महापर्व के दौरान भक्तों का ध्यान सिर्फ रथ यात्रा पर नहीं, बल्कि जगन्नाथ मंदिर के शिखर पर लहराती एक विशेष पताका पर भी होता है।

यह पताका हवा की उल्टी दिशा में लहराती है, जो अपने आप में एक रहस्य है। पुरी के जगन्नाथ मंदिर में यह पताका रोज बदली जाती है, और मान्यता है कि अगर एक दिन भी यह पताका न बदली जाए, तो मंदिर 18 साल के लिए बंद हो जाएगा।

ये खबर भी पढ़ें... प्रदोष व्रत में ऐसे करें भगवान शिव की पूजा, घर में आएगी सुख-शांति और समृद्धि

अद्भुत परंपरा

इस अद्भुत पताका की परंपरा भगवान के प्रति सम्मान और भक्ति को दर्शाती है। इसे रोज बदलने का कारण यह है कि पुराना ध्वज नकारात्मक ऊर्जा को खींच सकता है। 

इसलिए इसे हटाकर नया ध्वज लगाया जाता है। इसके अलावा, जगन्नाथ मंदिर के शिखर पर एक सुदर्शन चक्र भी स्थित है, जो हमेशा उसी दिशा में मुड़ा हुआ दिखाई देता है, चाहे आप इसे किसी भी दिशा से देखें।

समुद्र की आवाज और हनुमान जी की जंग

जगन्नाथ मंदिर से जुड़ा यह रहस्य हनुमान जी से भी जुड़ा हुआ है। पौराणिक कथा के मुताबिक, भगवान विष्णु को समुद्र की लहरों की आवाज से नींद में परेशानी हो रही थी।

हनुमान जी ने समुद्र देव से विनती की कि वह अपनी लहरों की आवाज को शांत करें। जब समुद्र देव ने कहा कि यह उनके बस में नहीं है, तो हनुमान जी ने पवन देव से मदद मांगी।

पवन देव ने हनुमान जी को एक उपाय बताया, जिसमें उन्होंने मंदिर के चारों ओर चक्कर लगाने की सलाह दी, जिससे हवा का चक्र बन जाए और समुद्र की आवाज मंदिर के अंदर न आ सके।

हनुमान जी ने उसी दिशा में चक्कर लगाए और इस उपाय से समुद्र की लहरों की आवाज मंदिर तक पहुंचनी बंद हो गई। कहते हैं, उसी दिन से मंदिर का ध्वज हमेशा हवा की विपरीत दिशा में लहराता है, क्योंकि हनुमान जी ने विपरीत दिशा में चक्कर लगाए थे।

ये खबर भी पढ़ें...महाकाल भस्म आरती 2025: श्रावण मास में शनिवार, रविवार और सोमवार को सामान्य बुकिंग रह सकती है कैंसिल

मंदिर का आंतरिक रहस्य

पुरी के जगन्नाथ मंदिर में और भी रहस्यमय घटनाएं घटित होती हैं। यहां मंदिर के अंदर समुद्र की लहरों की आवाज सुनाई नहीं देती, जबकि बाहर यह आवाज स्पष्ट रूप से सुनाई देती है।

यह एक और रहस्य है जो भक्तों को हमेशा हैरान करता है। मंदिर में भगवान की भक्ति, श्रद्धा, और बलिदान के ये अनकहे पहलू आज भी विश्वास और श्रद्धा का प्रतीक बने हुए हैं।

ये खबर भी पढ़ें...

महाकाल मंदिर में भस्म आरती की व्यवस्था बदली, अब चलते चलते होंगे दर्शन, समिति ने लिए ये फैसले

Mahakal Temple: भस्म आरती में रहेगा लिमिट, महाकाल दर्शन के लिए बदले नियम

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃

🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧 

 पुरी जगन्नाथ मंदिर | Shree Jagannath Temple | Puri Jagannath temple | Jagannath Temple | धर्म ज्योतिष न्यूज

धर्म ज्योतिष न्यूज पुरी जगन्नाथ मंदिर Puri Jagannath temple उड़ीसा जगन्नाथ मंदिर Jagannath Temple Shree Jagannath Temple