हिंदू धर्म में एकादशी व्रत को अत्यधिक महत्व दिया जाता है। यह व्रत विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित होता है और यह जीवन की विभिन्न समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए किया जाता है। इस वर्ष एकादशी 8 अप्रैल को मनाई जाएगी। इसे कामदा एकादशी भी कहा जाता है।
यह एक विशेष व्रत है जो भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है और हिन्दू धर्म में इसका अत्यधिक महत्व माना जाना है। इस दिन भक्तगण उपवास रखते हैं और भगवान विष्णु से अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं। यह एक ऐसा अवसर है, जो जीवन की समस्याओं को दूर करने और समृद्धि प्राप्त करने का उत्तम तरीका माना जाता है।
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कामदा एकादशी का महत्व
इस एकादशी का व्रत अत्यधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं और जीवन में आ रही परेशानियों का समाधान मिलता है। इसे विशेष रूप से उन लोगों के लिए किया जाता है, जो किसी विशेष उद्देश्य के लिए, जैसे कि आर्थिक उन्नति, विवाह या स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समाधान चाहते हैं। यह एकादशी भगवान विष्णु की पूजा के साथ-साथ उनके आशीर्वाद से जीवन में खुशहाली और समृद्धि लाने का अवसर प्रदान करती है।
शुभ मुहूर्त
पंचांग के मुताबिक, कामदा एकादशी 2025 का आरंभ 7 अप्रैल को रात 8 बजे से होगा। इस दिन एकादशी तिथि का समापन 8 अप्रैल को रात 9:12 बजे होगा।
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पारण का समय
कामदा एकादशी का उपवास 7 अप्रैल 2025 को रखा जाएगा और 8 अप्रैल 2025 को पारण (उपवास खोलने का समय) किया जाएगा। पारण का समय इस दिन सुबह 6:00 AM से 8:00 AM के बीच रहेगा।
व्रत का विधि-विधान
मान्यता के मुताबिक, इस एकादशी के दिन उपवास करने के बाद पारण के समय विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। यह व्रत विशेष रूप से फलाहार करने के लिए होता है, जहां लोग न केवल उपवास रखते हैं, बल्कि भगवान विष्णु की पूजा भी करते हैं। इस दिन ताजे फल, नारियल और अन्य तुलसी के पत्तों से पूजा की जाती है।
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कामदा एकादशी उपवास का लाभ
मान्यता के मुताबिक, ये एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति को न केवल आध्यात्मिक लाभ मिलता है, बल्कि यह उनके भौतिक जीवन में भी सुधार लाता है। इसे विशेष रूप से आर्थिक समस्याओं, दाम्पत्य जीवन में मधुरता और व्यक्तिगत समस्याओं के समाधान के लिए किया जाता है। इससे
- सभी इच्छाओं की पूर्ति: भगवान विष्णु की पूजा से जीवन में खुशियां और समृद्धि आती है।
- आध्यात्मिक उन्नति: व्रत रखने से आत्मिक शांति और संतुष्टि मिलती है।
- व्यापार में सफलता: व्यापार में मंदी और नुकसान को दूर करने में मदद मिलती है।
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