MP का अनोखा मंदिर: मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले में स्थित द्रौपदी देवी का मंदिर एक अनोखी परंपरा का केंद्र है। मान्यता है कि, यहां हर साल चैत्र नवरात्रि के दौरान आदिवासी समुदाय के लोग एक दूसरे को पसंद कर शादी करते हैं। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है और यहां लोग बिना दहेज के शादी करते हैं, जिससे समाज में दहेज के खिलाफ एक बड़ा संदेश जाता है। इस मंदिर में होने वाली शादी से जुड़े इस रीति-रिवाज के बारे में जानना बेहद दिलचस्प है।
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चैत्र नवरात्रि में शादी की परंपरा
कहा जाता है कि, चैत्र नवरात्रि में द्रौपदी देवी मंदिर में तीन दिवसीय मेला आयोजित होता है। यह मेला खासकर महरा समाज के लिए होता है, जहां लोग अपने परिवारों के साथ आकर पूजा अर्चना करते हैं। इस मेले में लड़का-लड़की एक दूसरे को पसंद करते हैं और शादी करने का फैसला लेते हैं। यह परंपरा आदिवासी समाज में वर्षों से चली आ रही है और इस समय शादी के बिना दहेज के संदेश को भी बढ़ावा मिलता है।
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द्रौपदी देवी का आशीर्वाद
वहीं, इस मंदिर के पुजारी रमेश सिंह के मुताबिक, यहां आने वाले भक्त अपनी मनोकामना सच्चे दिल से करते हैं और देवी उनके सारे कार्यों में सहायता करती हैं। पूजा के दौरान होने वाले भव्य भंडारे और धार्मिक अनुष्ठान इस परंपरा को और भी खास बनाते हैं। मंदिर में होने वाली इस अनोखी परंपरा का असर न केवल मध्यप्रदेश, बल्कि छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों के लोगों पर भी पड़ा है। यहां हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं और अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए माता के दरबार में हाजिरी लगाते हैं।
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हर किसी की मन्नत पूरी होती है
बता दें कि, इस मंदिर का महत्व सिर्फ आदिवासी समुदाय के लिए नहीं है, बल्कि यह देशभर से आने वाले भक्तों के लिए एक पवित्र स्थल बन चुका है। रायपुर, बिलासपुर, महेंद्रगढ़, और सीधी जैसे शहरों से श्रद्धालु इस मंदिर में अपनी मन्नतें लेकर आते हैं। भक्तों का मानना है कि देवी की कृपा से उनकी सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं।
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