रौंगटे खड़े कर देगी केदारनाथ की ये चमत्कारी घटना, जानिए इस अद्भुत रहस्य को

केदारनाथ मंदिर, भगवान शिव का 'जागृत महादेव' रूप, एक चमत्कारी घटना से जुड़ा है, जहां एक शिव भक्त की कठिन यात्रा के बाद भगवान शिव ने अपनी योग-माया से उसका समय बदलकर उसे दर्शन दिए। चलिए जानें कैसे...

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Kaushiki
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Kedarnath yatra केदारनाथ, उत्तराखंड के हिमालय में स्थित भगवान शिव का एक प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग है, जहां प्रत्येक वर्ष लाखों भक्त दर्शन के लिए आते हैं। यह मंदिर अपनी धार्मिक महिमा के लिए प्रसिद्ध है। यहां स्थित भगवान शिव का शिवलिंग दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण और चमत्कारी शिवलिंगों में से एक माना जाता है। माना जाता है, की यहां एक ऐसी चमत्कारी घटना घटी है जिसने इसे 'जागृत महादेव' का दर्जा दिया।

इसके पीछे एक दिलचस्प और चमत्कारी पौराणिक कथा छिपी हुई है, जो इस स्थान की दिव्यता और भगवान शिव की महानता को और भी बढ़ाती है। इस घटना को सुनकर आप भी विश्वास करेंगे कि भगवान शिव की शक्ति और आशीर्वाद किस हद तक अद्भुत मानी जाती है। आइए जानते हैं, कैसे एक शिव भक्त की कठिन यात्रा और भगवान शिव की आशीर्वाद से उसकी नियति बदल गई।

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केदारनाथ का महत्त्व और इतिहास

केदारनाथ भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। हिमालय की ऊंचाई पर स्थित यह मंदिर, प्रकृति की भव्यता और शांति का प्रतीक है। यह स्थान न केवल हिन्दू धर्म के अनुयायियों के लिए एक तीर्थ स्थल है, बल्कि यहां के अनूठा और चमत्कारी वातावरण के कारण इसे दिव्य शक्तियों का घर भी माना जाता है। माना जाता है कि, यहां के दर्शन करने के बाद भक्तों को शांति, ऊर्जा, और आत्मिक संतोष का अनुभव होता है।

Char Dham Yatra : Kedarnath News : कल खुलेंगे केदारनाथ धाम के कपाट, बाबा के  दर्शनों के लिए भक्तों में खासा उत्साह - Khabar Uttarakhand - Latest  Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड ...

जागृत महादेव का चमत्कारी अर्थ

'जागृत महादेव' का मतलब है वो शिवलिंग जो हमेशा सक्रिय और जागृत रहता है। इसका मतलब ये है कि, भगवान शिव यहां सदैव उपस्थित रहते हैं और भक्तों की प्रार्थनाओं और श्रद्धा को स्वीकार करते हैं। इस स्थान को जागृत महादेव इसलिए कहा जाता है, क्योंकि यहां भगवान शिव का आशीर्वाद हमेशा और निरंतर रूप से मौजूद रहता है।

यह एक अनूठी विशेषता है, जो केदारनाथ को बाकी जगहों से अलग बनाती है। इस जगह को 'जागृत महादेव' के रूप में जानना हर भक्त के लिए एक गहरी आध्यात्मिक अनुभूति होती है और यही कारण है कि यह स्थान हिंदू धर्म के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है।

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भक्त की श्रद्धा

यहां स्थित शिवलिंग के जागृत महादेव के रूप में प्रतिष्ठित होने का कारण एक चमत्कारी घटना से भी जुड़ा है। यह कहानी एक भक्त की है, जो भगवान शिव के दर्शन करने के लिए कई महीनों की कठिन यात्रा के बाद केदारनाथ पहुंचे थे। जब वह भक्त मंदिर के पास पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि मंदिर के कपाट बंद हो रहे थे। मंदिर के पंडित ने उन्हें बताया कि अब मंदिर के कपाट अगले छह महीने बाद ही खुलेंगे, क्योंकि यहां बर्फबारी और ठंड का मौसम होता है।

भक्त बेहद निराश हो गए, लेकिन उन्होंने अपनी श्रद्धा को नहीं छोड़ा। वह वहीं पर बैठकर भगवान शिव से प्रार्थना करने लगे। रात का समय था और चारों ओर घना अंधेरा छा गया। भूखा-प्यासा यह भक्त भगवान शिव से अपने विश्वास और भक्ति में दृढ़ था। तभी अचानक उसकी मुलाकात एक सन्यासी बाबा से हुई, जो उसे मिलकर न केवल आश्वस्त किया, बल्कि उसे भोजन भी दिया। बाबा ने उसे कहा कि वह सुबह मंदिर जरूर खुलेगा और वह भगवान शिव के दर्शन जरूर करेगा।

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भगवान शिव का चमत्कार

भक्त ने बाबा के साथ रात बिताई और उनकी बातों में खो गया। सुबह जब उसने अपनी आंखें खोलीं, तो देखा कि वह बाबा कहीं दिखाई नहीं दे रहे थे। इसके बाद जब भक्त ने पंडितों को देखा, तो उसने उनसे कहा कि कल तो आप कह रहे थे कि मंदिर के कपाट छह महीने बाद खुलेंगे, लेकिन आज तो आप मंदिर के कपाट खोलने के लिए आ गए हैं।

पंडित यह सुनकर हैरान रह गए और उन्होंने भक्त से पूछा कि क्या वह वही व्यक्ति है, जो कल मंदिर बंद होने पर वहां था। भक्त ने कहा हां, वह वही था। पंडितों को इस पर और अधिक हैरानी हुई और उन्होंने कहा कि छह महीने पहले मंदिर के कपाट बंद हो गए थे और यहां तक कि कोई भी जीवित व्यक्ति इस दौरान यहां रह नहीं सकता था।

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बाबा के रूप में भगवान शिव

तब भक्त ने उन्हें बताया कि एक सन्यासी बाबा ने उसे रातभर साथ दिया और उसकी सारी परेशानियां दूर कीं। अब पंडित समझ गए कि वह सन्यासी बाबा और कोई नहीं बल्कि स्वयं भगवान शिव थे। भगवान शिव ने अपनी योग-माया से भक्त के छह महीने के समय को एक रात में बदल दिया।

यह घटना भगवान शिव के दिव्य चमत्कार का प्रतीक थी और इसने केदारनाथ को 'जागृत महादेव' का दर्जा दिलवाया। यह अद्भुत चमत्कारी घटना हमें यह बताती है कि केदारनाथ के शिवलिंग का महत्व केवल भौतिक रूप से नहीं, बल्कि भगवान शिव की दिव्यता और शक्ति से भी जुड़ा हुआ है।

FAQ

Kedarnath को जागृत महादेव क्यों कहा जाता है?
Kedarnath को जागृत महादेव कहा जाता है क्योंकि यहां भगवान शिव का शिवलिंग हमेशा जागृत रहता है और भक्तों की पूजा स्वीकार करता है।
Kedarnath की यात्रा कितनी कठिन है?
Kedarnath की यात्रा कठिन है क्योंकि यह हिमालय की ऊंचाई पर स्थित है, और यहां पहुंचने के लिए ट्रैकिंग करनी पड़ती है।
Kedarnath का इतिहास क्या है?
Kedarnath भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है और यह प्राचीन काल से पूजा जाता आ रहा है।
Kedarnath की यात्रा कब करनी चाहिए?
Kedarnath की यात्रा अप्रैल से नवंबर तक की जाती है, क्योंकि इस दौरान यहां का मौसम अधिक उपयुक्त रहता है।

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