/sootr/media/media_files/2025/02/06/upWndaWtCaGiiMnQK9Rs.jpg)
Mahashivratri: महाशिवरात्रि हर साल फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी को मनाई जाती है। यह दिन भगवान शिव की पूजा करने का एक विशेष मौका होता है। इस दिन भक्त शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं और उनकी आराधना करते हैं। महाशिवरात्रि का व्रत खासकर जीवन में सुख, समृद्धि, और मानसिक शांति के लिए रखा जाता है।
इस दिन विशेष रूप से रुद्राभिषेक का महत्व होता है और पूरे देश में शिव मंदिरों में धूमधाम से पूजा होती है। इस व्रत को दांपत्यम जीवन में प्रेम और सुख के लिए भी किया जाता है। इस साल महाशिवरात्रि 26 फरवरी को होगी और व्रत का पारण 27 फरवरी को किया जाएगा। ऐसे में चलिए जानते हैं कुछ जरूरी बातों के बारे में...
खबर ये भी- सुबह-सुबह करें बाबा महाकाल की श्रृंगार की दिव्य आरती के दर्शन | Mahakaleshwar
महाशिवरात्रि 2025 की तिथि और समय
महाशिवरात्रि का व्रत 26 फरवरी 2025 को रखा जाएगा। हिंदू पंचांग के मुताबिक, इसका शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 9 मिनट से शुरू होगा और 27 फरवरी को सुबह 8 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होगा। बता दें कि, ऐसा माना जाता है ये व्रत विशेष रूप से रात्रि के चार प्रहरों में किया जाता है। इसलिए इस दिन को अत्यधिक शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है। भगवान शिव के प्रति आस्था और श्रद्धा के इस दिन को खास बनाने के लिए भक्त पूरे दिन उपवासी रहकर शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं और तंत्र-मंत्र की साधना करते हैं।
खबर ये भी-महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की कृपा से ग्रह दोषों का होगा निवारण
जलाभिषेक का शुभ मुहूर्त
इस दिन जलाभिषेक का विशेष महत्व होता है। हिंदू पंचांग के मुताबिक, जलाभिषेक का आरंभ सुबह ब्रह्म मुहूर्त से ही किया जा सकता है, लेकिन
- इस बार सबसे शुभ समय सुबह 6 बजकर 48 मिनट से लेकर 9 बजकर 41 मिनट तक माना गया है।
- इसके बाद 11 बजकर 7 मिनट से 12 बजकर 34 मिनट तक और फिर 3 बजकर 26 मिनट से 6 बजकर 9 मिनट तक जलाभिषेक का समय है।
- रात के समय, 8 बजकर 53 मिनट से लेकर 12 बजकर 1 मिनट तक जलाभिषेक का शुभ समय होता है। ऐसा कहा जाता है कि, इस समय में शिवलिंग पर जल, दूध, शहद, घी और बेलपत्र अर्पित करने से विशेष पुण्य की प्राप्ती होती है।
पूजन विधि
इस दिन की पूजा विधि को सही तरीके से करना बहुत जरूरी माना गया है।
- इस दिन सबसे पहले प्रात: जल्दी उठकर नहाकर शुद्ध और स्वच्छ कपड़े पहनें।
- फिर शिवलिंग पर जलाभिषेक करें और भगवान शिव का ध्यान करें।
- इसके बाद रुद्राभिषेक करें और शिव महिमा का पाठ करें।
- इस दिन शिव के 108 नामों का जाप करना भी लाभकारी माना जाता है।
- ऐसा माना जाता है कि, इस दिन विशेष रूप से पति-पत्नी मिलकर शिवलिंग पर जलाभिषेक करें तो दांपत्यम जीवन में प्रेम और मधुरता बढ़ती है।
- साथ ही, रात के चार प्रहरों में पूजा करना अधिक फलदायी होता है।
खबर ये भी- जानिए महाशिवरात्रि पर रुद्राक्ष को अभिमंत्रित कैसे करें
इस दिन का विशेष महत्व
ये दिन भक्तों के जीवन में अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं। ये व्रत करने से मानसिक शांति, आत्मिक शक्ति और सुख प्राप्त होता है। माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा से न केवल घर-परिवार में सुख-शांति आती है, बल्कि व्यक्ति को आत्मिक और मानसिक शांति भी प्राप्त होती है।
साथ ही ऐसा माना जाता है कि, ये व्रत व्यक्ति के दांपत्यम जीवन में भी सुख और प्रेम बढ़ाता है। खासकर, अगर पति और पत्नी इस दिन मिलकर शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं, तो उनका आपसी संबंध मधुर होता है। महाशिवरात्रि की रात विशेष रूप से तंत्र साधना और मंत्र जाप के लिए उत्तम मानी जाती है। इस दिन की पूजा से भक्तों को समृद्धि, प्रेम, सुख, और सुखमय जीवन मिलता है।
FAQ
thesootr links
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक