सिख-पंजाबी समाज लोहड़ी का पर्व पारंपरिक और इको-फ्रेंडली तरीके से मना रहा है। गौतम नगर में गोकाष्ठ का उपयोग, भांगड़ा-गिद्दा, और नववधू-संतान प्राप्ति के उत्सवों के साथ शहरभर में लोहड़ी की धूम रहेगी।
भोपाल में सोमवार को सिख और पंजाबी समाज लोहड़ी पर्व को पारंपरिक तरीके से मनाएगा। यह पर्व नई फसलों के आगमन, संतान प्राप्ति और नववधू के स्वागत की खुशियों के साथ मनाया जाता है। समाज के लोग तिल, मक्का और अन्य सामग्री अग्नि में अर्पित कर विधि-विधान से पूजा करेंगे।
ईको-फ्रेंडली लोहड़ी का आयोजन
पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए गौतम नगर में गोकाष्ठ का उपयोग कर ईको-फ्रेंडली लोहड़ी मनाई जाएगी। ओम शिव शक्ति सेवा मंडल के सचिव रिंकू भटेजा ने बताया कि आयोजन में रहवासियों को भी शामिल होने की अपील की गई है।
गुरुचरण सिंह अरोरा के मुताबिक, जिन घरों में हाल ही में संतान प्राप्ति या नववधु का आगमन हुआ है, वहां लोहड़ी का खास उत्सव मनाया जाएगा। ईदगाह हिल्स निवासी जसवीर सिंह ने बताया कि, उनके परिवार में नववधु के स्वागत के लिए विशेष आयोजन किया गया है।
अरेरा कॉलोनी सहित भेल, बैरागढ़, कोलार, अशोका गार्डन, सिंधी कॉलोनी और पंजाबी बाग में लोहड़ी की अग्नि के चारों ओर भांगड़ा और गिद्धा के साथ उत्सव मनाया जाएगा। विशेष कार्यक्रम: 19 जनवरी को रानी कमलापति स्टेशन के पास नर्मदा क्लब में लोहड़ी मेला आयोजित होगा।
गोकाष्ठ संवर्धन और पर्यावरण संरक्षण समिति ने शहर के छह स्थानों पर गोकाष्ठ विक्रय केंद्र स्थापित किए हैं। यहां 25 किलो के बैग में गोकाष्ठ उपलब्ध रहेगा, जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना लोहड़ी मनाई जा सके।
FAQ
लोहड़ी का पर्व भोपाल में कैसे मनाया जाता है?
भोपाल में लोहड़ी पारंपरिक पूजा, भांगड़ा-गिद्धा, और सामूहिक आयोजनों के साथ मनाई जाती है।
इको-फ्रेंडली लोहड़ी क्या है?
यह लोहड़ी गोकाष्ठ का उपयोग कर मनाई जाती है, जिससे पर्यावरण को नुकसान नहीं होता।
गोकाष्ठ विक्रय केंद्र कहां हैं?
भोपाल में छह स्थानों पर गोकाष्ठ विक्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं।
क्या लोहड़ी पर विशेष आयोजन होता है?
19 जनवरी को रानी कमलापति स्टेशन के पास नर्मदा क्लब में लोहड़ी मेला आयोजित होगा।
लोहड़ी की मुख्य विशेषताएं क्या हैं?
नई फसलों का स्वागत, भांगड़ा-गिद्धा, नववधु का आगमन, और संतान प्राप्ति की खुशियां इस पर्व की खासियत हैं।