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Latest Religious News:हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत बड़ा महत्व माना जाता है। यह पवित्र व्रत भगवान भोलेनाथ, यानी भगवान शिव को समर्पित होता है। हर हिंदू महीने में यह व्रत दो बार आता है, एक बार कृष्ण पक्ष में और फिर शुक्ल पक्ष में।
यह व्रत हर पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। मार्गशीर्ष महीना के शुक्ल पक्ष का आखिरी प्रदोष व्रत आज 2 दिसंबर, मंगलवार को है।
शास्त्रों के मुताबिक, जब प्रदोष व्रत मंगलवार के दिन आता है तो इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है। ये दिन विशेष रूप से कर्ज मुक्ति और ऋण का बोझ उतारने के लिए बहुत ही शुभ माना गया है।
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भौम प्रदोष व्रत की तिथि
पंचांग के नियमों के मुताबिक, शिव जी की पूजा प्रदोष काल में ही शुभ मानी जाती है।
पूजा का समय (प्रदोष काल): शाम 5 बजकर 24 मिनट से रात 8 बजकर 07 मिनट तक
पूजा की अवधि: लगभग 2 घंटे 43 मिनट
त्रयोदशी तिथि की शुरुआत: 02 दिसंबर, मंगलवार को दोपहर 03 बजकर 57 मिनट पर होगी।
त्रयोदशी तिथि का समापन: 03 दिसंबर, बुधवार को दोपहर 12 बजकर 25 मिनट पर होगा।
प्रदोष काल 02 दिसंबर को होने के कारण व्रत इसी दिन किया जाएगा।
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भौम प्रदोष व्रत की पूजा विधि
भौम प्रदोष व्रत के दिन सुबह से लेकर शाम तक व्रत रखा जाता है। शाम को प्रदोष काल में पूजा करने का विधान है।
स्नान और संकल्प: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
पूजा की तैयारी: शाम को पूजा शुरू करने से पहले दोबारा स्नान करें। भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश जी और कार्तिकेय जी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
जल चढ़ाएं: शिवलिंग पर गंगाजल, दूध और पंचामृत से अभिषेक (अभिषेक) करें।
सामग्री अर्पित करें: शिव जी को बेलपत्र, धतूरा, अक्षत (चावल), भांग, शमी पत्र और फूल अर्पित करें।
मंत्र जाप: 'ओम नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें और शिव चालीसा या रुद्राष्टक का पाठ करें।
दीपक और आरती: घी का दीपक जलाकर शिव परिवार की आरती करें।
भोग और पारण: शिव जी को भोग लगाकर सभी में प्रसाद बाँटें। आरती के बाद ही व्रत का पारण किया जाता है।
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कर्ज से मुक्ति के लिए विशेष उपाय
जब त्रयोदशी तिथि मंगलवार को पड़ती है तो इसे भौम प्रदोष व्रत कहते हैं। इसका महत्व कर्ज मुक्ति के लिए कई गुना बढ़ जाता है (मंगल दोष का निवारण)। इस दिन शिव मंदिर में जाकर हनुमान चालीसा का पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है।
कर्ज से मुक्ति पाने के लिए शिव जी को लाल चंदन अर्पित करें और गुलाल (लाल रंग का) चढ़ाएं। पुराणों में कहा गया है कि त्रयोदशी की संध्या में शिव जी के दर्शन करने से जीवन की बड़ी से बड़ी बाधाएं दूर होती हैं।
इस दिन हनुमान जी की भी पूजा करने से मंगल दोष से जुड़े कष्ट कम होते हैं, जिससे आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं। यह व्रत भगवान शिव की कृपा से जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता लाने वाला होता है।
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