30 सितंबर या 1 अक्टूबर कब है महाअष्टमी 2025, जानें कन्या पूजन और हवन का सही मुहूर्त

शारदीय नवरात्रि 2025 में महाअष्टमी और महानवमी की सही डेट, शुभ मुहूर्त और कन्या पूजन की संपूर्ण विधि यहाँ जानें। इस साल 10 दिन की नवरात्रि होने से तिथियों में बदलाव है।

author-image
Kaushiki
New Update
ashtami-navami-2025
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

Shardiya Navratri 2025:शारदीय नवरात्रि दुर्गा पूजा का नौ दिनों का त्योहार मां दुर्गा की शक्ति और भक्ति का प्रतीक है। इन नौ दिनों में अष्टमी और नवमी तिथि का धार्मिक दृष्टिकोण से सबसे अधिक महत्व होता है।

ज्यादातर भक्तजन जो नौ दिन का उपवास नहीं रख पाते, वे पहले और अष्टमी तिथि का उपवास रखते हैं। इन दोनों दिनों में कन्या पूजन और हवन करना बेहद शुभ माना जाता है, जिससे पूरी नवरात्रि की पूजा का फल प्राप्त होता है।

पंचांग के मुताबिक, इस साल शारदीय नवरात्रि 2025 पूरे 10 दिनों की है जिससे तिथियों को लेकर कुछ भ्रम की स्थिति बनी हुई है। ज्योतिषीय पंचांग और उदया तिथि के मुताबिक अष्टमी और नवमी की सही तिथि और मुहूर्त जानना जरूरी है ताकि आपकी पूजा विधि-विधान से संपन्न हो सके।

Shardiya Navratri 2024 Date: कब से शुरू हैं शारदीय नवरात्रि? जानें कलश  स्थापना और पूजन का शुभ मुहूर्त | Shardiya Navratri 2024 start date e  Shardiya Navratri 2024 muhurat kalash sthapana muhurat ...

महाअष्टमी और नवमी की सही तिथि

इस वर्ष तिथियों में वृद्धि के कारण, महाअष्टमी 2025 और नवमी की तिथि एक दिन आगे खिसक गई है जिससे भक्तों को सही तारीख जानना जरूरी है। महाअष्टमी नवदुर्गा के आठवें स्वरूप, मां महागौरी को समर्पित है। नवरात्रि की अष्टमी तिथि से संबंधित शुभ मुहूर्त नीचे दी गई है:

डिटेलतिथिसमय
महाअष्टमी 2025 तिथि प्रारम्भ29 सितंबर 2025 (सोमवार)शाम 04:31 PM
महाअष्टमी 2025 तिथि समाप्त30 सितंबर 2025 (मंगलवार)शाम 06:06 PM
अष्टमी पूजा तिथि30 सितंबर 2025 (मंगलवार)उदया तिथि के अनुसार
शुभ मुहूर्त30 सितंबर 2025सुबह 11:47 AM से 12:35 PM तक
हवन शुभ मुहूर्त30 सितंबर 2025सुबह 06:13 AM से शाम 06:06 PM तक

महानवमी 2025 की तिथि और मुहूर्त

Shardiya Navrartri 2024 Date: कब से शुरू हो रही है शारदीय नवरात्रि? जानें  सही तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि - shardiya Navratri 2024 kab se shuru  hai know tithi kalashsthapna muhurat

महानवमी नवदुर्गा के नौवें और अंतिम स्वरूप, मां सिद्धिदात्री को समर्पित है। इस दिन नवरात्रि का समापन होता है। नवरात्रि की नवमी तिथि से संबंधित विवरण और शुभ मुहूर्त नीचे दी गई है:

डिटेलतिथिसमय
वमी तिथि प्रारम्भ30 सितंबर 2025 (मंगलवार)शाम 06:06 PM
नवमी तिथि समाप्त01 अक्टूबर 2025 (बुधवार)शाम 07:01 PM
नवमी पूजा तिथि01 अक्टूबर 2025 (बुधवार)उदया तिथि के अनुसार
शुभ मुहूर्त01 अक्टूबर 2025सुबह 08:06 AM से 02 अक्टूबर को 06:15 AM तक
हवन शुभ मुहूर्त01 अक्टूबर 2025सुबह 06:14 AM से शाम 06:07 PM तक

नोट: पंचांग और उदया तिथि के मुताबिक, 30 सितंबर को महाअष्टमी और 01 अक्टूबर को महानवमी मनाई जाएगी।

ये खबर भी पढ़ें... शारदीय नवरात्रि 2025: तिथियों को लेकर पंडितों में मतभेद, 25 सितंबर को किस देवी की करें पूजा

मां महागौरी की पूजा का महत्व

Chaitra Navratri 2022: नवरात्रि की अष्टमी आज, जानिए महागौरी का पूजन विधि,  शुभ मुहूर्त और मंत्र - Chaitra Navratri Day 8 Maa mahagauri puja vidhi  mantra and bhog maha ashtami shubh muhurat kanya pujan

महाअष्टमी के दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप, मां महागौरी की उपासना की जाती है।

पौराणिक कथा:

पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए वर्षों तक कठोर तपस्या की थी। इस तपस्या के कारण उनका शरीर काला पड़ गया था।

शिव जी ने प्रसन्न होकर माता को गंगा के पवित्र जल से स्नान कराया, जिसके बाद देवी का रंग गौर हो गया। तभी से उन्हें महागौरी कहा जाने लगा।

ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति दुर्गा अष्टमी का व्रत और पूजा करता है, उसे सौभाग्य, सफलता और इच्छित वर की प्राप्ति होती है। श्वेत वर्ण की मां महागौरी की पूजा से विवाह संबंधी बाधाएं दूर होती हैं।

अष्टमी और नवमी की पूजा विधि

नवरात्रि विशेष: अष्टमी और नवमी के दिन इस खास विधि से करें कन्या पूजन, जानें  शुभ

अष्टमी और नवमी के दिन की जाने वाली पूजा में हवन और कन्या पूजन शामिल होता है, जो नवरात्रि के व्रत का पारण करने के लिए जरूरी है।

पूजा विधि

Navratri 2021: नवरात्रि की अष्टमी 13 अक्टूबर को या 14 को? दूर कर लें  कंफ्यूजन, जानें सही तिथि और पूजा का शुभ मुहूर्त - Navratri 2021 maha ashtami  navami date sandhi puja

  • शुद्धि और अभिषेक: नवरात्रि का आठवां दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पूजा स्थल या मंदिर को साफ करें। माता की प्रतिमा या कलश को गंगाजल से अभिषेक करें।

  • अर्घ्य और अर्पण: मां को लाल चंदन, अक्षत, चुनरी और लाल पुष्प अर्पित करें।

  • प्रसाद और भोग: माता को फल, खीर या हलवा-पूरी और चना का प्रसाद चढ़ाएं। इस दिन नारियल का भोग भी शुभ माना जाता है।

  • दीपक और पाठ: घर के मंदिर में शुद्ध घी का दीपक जलाएं। दुर्गा सप्तशती और दुर्गा चालीसा का पाठ करें।

  • हवन: शुभ मुहूर्त में हवन कुंड स्थापित करके हवन पूजन करें। हवन में आम की लकड़ी, देसी घी, शहद और कपूर का उपयोग करें।

  • आरती और क्षमा प्रार्थना: अंत में, पान के पत्ते पर कपूर रखकर माता की आरती करें और पूजा में हुई किसी भी त्रुटि के लिए क्षमा प्रार्थना करें।

ये खबर भी पढ़ें...कोलकाता दुर्गा पूजा 2025: इस साल के पंडालों की थीम देख आप रह जाएंगे हैरा

महाअष्टमी और नवमी कब है? जानें कन्या पूजन की विधि और शुभ मुहूर्त - when is  maha ashtami and navami-mobile

हवन सामग्री

महाअष्टमी और महानवमी (नवरात्रि के व्रत के नियम) पर हवन करने के लिए इन सामग्रियों को पहले से एकत्रित कर लें:

  • हवन कुंड (लोहा या स्टील का)

  • हवन सामग्री (बाजार में उपलब्ध)

  • आम की लकड़ी

  • शुद्ध देसी घी और कपूर

  • शहद, कलावा (मौली), गंगाजल

  • पान और आम के पत्ते

  • पांच फल, पेड़ा/मिठाई, लौंग, सुपारी, चावल (अक्षत), चंदन

  • लाल कपड़ा/चुनरी

कन्या पूजन का महत्व

Know how to worship girls on the day of Navratri Ashtami and Navami - India  TV Hindi

कन्या पूजन (Kanya Pujan) के बिना नवरात्रि की पूजा अधूरी मानी जाती है। यह अष्टमी या नवमी तिथि पर करना सबसे अधिक शुभ माना जाता है। 

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, 10 वर्ष तक की कन्याओं को साक्षात् मां दुर्गा का स्वरूप माना जाता है। इनकी पूजा करना अति पुण्यदायक माना जाता है जिससे माता प्रसन्न होती हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं।

पूजा विधि

Ashtami Navami 2024: शुक्रवार को एक साथ होगी अष्टमी और नवमी, जानें कन्या  पूजन का शुभ मुहूर्त - Ashtami Navami 2024 maha ashtami Mahanavmi puja 11  october shubh muhurt kanya pujan tlifws - AajTak

  • अष्टमी या नवमी के दिन 9 कन्याओं और उनके साथ एक बालक (जिन्हें भैरों बाबा का रूप माना जाता है) को प्रेमपूर्वक आमंत्रित करें।

  • कन्याओं का पूरे विधि-विधान के साथ स्वागत करें। उन्हें आसन पर बिठाएं।

  • उनके पैरों को दूध या पानी से धोएं, जिससे आपके पापों का शमन होता है।

  • उनके माथे पर कुमकुम और अक्षत से तिलक लगाएं।

  • मां भगवती का ध्यान करते हुए कन्याओं को भोजन कराएं। भोजन में हलवा, पूड़ी और चना मुख्य रूप से शामिल होने चाहिए।

  • भोजन के बाद उन्हें दक्षिणा और उपहार दें। 

  • अंत में, उनके पैर छूकर आशीर्वाद लें।

डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी पूरी तरह से सही या सटीक होने का हम कोई दावा नहीं करते हैं। ज्यादा और सही डिटेल्स के लिए, हमेशा उस फील्ड के एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।

ये खबर भी पढ़ें...

छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध देवी मंदिर: आस्था और शक्ति का संगम, जहां नवरात्रि में लगता है भक्तों का मेला

मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए नवरात्रि में ऐसे करें दुर्गा सप्तशती का पाठ, जानें इस महान ग्रंथ का महत्व

shardiya navratri 2025 shardiya navratri मां महागौरी शारदीय नवरात्रि नवरात्रि का आठवां दिन नवरात्रि दुर्गा पूजा नवरात्रि के व्रत के नियम
Advertisment