ज्यादातर रात में क्यों होती है शादी, जानिए हिन्दू धर्म में क्या है इसका महत्व

भारत में शादी केवल दो लोगों का मिलन नहीं, बल्कि एक पवित्र संस्कार है। हिन्दू परंपरा में विवाह का समय और दिन महत्व रखते हैं । ज्यादातर हिन्दू शादियां रात में होती हैं, इसके पीछे धार्मिक, सांस्कृतिक और ज्योतिषीय कारण होते हैं।

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Manya Jain
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INDIAN WEDDING RITUAL
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भारत में शादी केवल दो लोगों के मिलन का समारोह नहीं है, बल्कि यह एक पवित्र और शुभ संस्कार माना जाता है। हिन्दू परंपरा में विवाह का समय और दिन बहुत जरूरी होता है क्योंकि इसे शुभ मुहूर्त से जोड़कर मनाया जाता है।

खासतौर पर, ज्यादातर हिन्दू शादियां रात में ही आयोजित की जाती हैं। इस व्यवहार के पीछे कई धार्मिक, सांस्कृतिक और ज्योतिषीय कारण होते हैं। आइए, जानते हैं कि आखिर रात में शादी करने की परंपरा क्यों है और इसके पीछे क्या ज्योतिषीय वजहें हैं।

🌙 शुभ मुहूर्त और रात के समय की भूमिका

हिन्दू धर्म में शादी के लिए शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व होता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति देखकर शुभ समय निर्धारित किया जाता है।

ज्यादातर बार ये शुभ मुहूर्त शाम या रात के समय आते हैं। यह समय ग्रहों की अनुकूल स्थिति और नक्षत्रों की शुभता के कारण माना जाता है। इसलिए, परिवार और दुल्हा-दुल्हन ज्योतिषी की सलाह लेकर शादी की रस्में रात में ही संपन्न करते हैं ताकि जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली बनी रहे।

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🌟 शुभ नक्षत्र और ग्रहों का योग

शादी के लिए ज्योतिष में विशेष नक्षत्र और ग्रहों का योग देखा जाता है। जैसे कि पूनम, द्वितीया, त्रयोदशी और अन्य शुभ नक्षत्र, जो प्रायः दिन के बजाय शाम या रात के समय आते हैं।

इस समय शुभ योग बनते हैं जो विवाह के लिए अनुकूल माने जाते हैं। अगर दिन के समय शादी की जाए तो ग्रहों की स्थिति सही न होने की वजह से कुंडली में दोष उत्पन्न हो सकता है, जिससे दांपत्य जीवन में बाधाएं आ सकती हैं।

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रात का समय शांति और एकाग्रता 

शाम और रात का समय दिन की तुलना में शांत और सुकून भरा होता है। इस समय वातावरण में एक विशेष सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है जो शादी जैसे पवित्र कार्य के लिए उपयुक्त मानी जाती है।

इसके अलावा, रात में परिवार के सभी सदस्य और रिश्तेदार अधिक आसानी से मौजूद हो पाते हैं क्योंकि दिन के कार्य खत्म हो चुके होते हैं।

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💫 परंपरा और सांस्कृतिक विश्वास

कई पीढ़ियों से चली आ रही यह परंपरा कि हिन्दू शादी रात में होनी चाहिए, लोगों के मन में विश्वास जगा चुकी है। यह विश्वास और परंपरा मिलकर एक ऐसा माहौल बनाती है जिसमें विवाह का आयोजन और भी भव्य और सफल होता है।

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