राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट ने रविवार को घोषणा की कि, अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद, रामलला के अस्थायी तंबू और जिस सिंहासन पर वह 1949 से विराजमान हैं, उसे म्यूजियम में संरक्षित किया जाएगा। धर्म ज्योतिष न्यूज
इसका उद्देश्य राम मंदिर आंदोलन की ऐतिहासिक कहानी को संजोना और आने वाली पीढ़ियों को यह महत्वपूर्ण पहलू समझाना है।
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निर्माण कार्य की समय सीमा तय
बता दें कि, मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि मंदिर निर्माण के कई महत्वपूर्ण कार्य चल रहे हैं। जिनमें प्रमुख है परकोटा का निर्माण और मुख्य मंदिर से इसके संपर्क को स्थापित करना।
उन्होंने बताया कि 30 जून 2025 तक सभी कार्यों को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। मंदिर परिसर में लाइटनिंग अरेस्टर और लिफ्ट जैसी सुविधाओं को भी स्थापित किया जा रहा है।
पंचवटी का निर्माण
मंदिर परिसर के 60% हिस्से को हरित क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसमें पारिस्थितिकी को प्राथमिकता दी जाएगी।
ट्रस्ट ने बताया कि पंचवटी नाम से एक विशाल बगिया विकसित की जाएगी, जिसमें फलदार और छायादार पौधे लगाए जाएंगे। इस क्षेत्र का पर्यावरणीय संरक्षण एक समूह को सौंपा जाएगा, जो अगले पांच वर्षों तक इस पर काम करेगा।
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मंदिर परिसर की संरचना
मंदिर में एक और महत्वपूर्ण समारोह की योजना बनाई गई है, जिसमें राम दरबार की स्थापना की जाएगी। इस विशेष समारोह में भगवान राम को राजा के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा और अभिषेक किया जाएगा। यह आयोजन मंदिर के पहली मंजिल पर आयोजित किया जाएगा।
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