योगिनी एकादशी हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण व्रत है जो आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु की पूजा और उपासना के लिए अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है।
इस दिन विशेष रूप से व्रत रखने से कई धार्मिक लाभ मिलते हैं और पापों का नाश होता है। पंचांग के मुताबिक, इस बार योगिनी एकादशी का व्रत 21 जून 2025 (शनिवार) को रखा जाएगा। आइए जानें इस दिन के शुभ मुहूर्त और व्रत के नियम के बारे में।
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योगिनी एकादशी का शुभ मुहूर्त
हिन्दू पंचांग के मुताबिक,
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आषाढ़ कृष्ण एकादशी तिथि: 21 जून, शनिवार को सुबह 7:19 बजे से शुरू होगी और 22 जून, रविवार को सुबह 4:28 बजे समाप्त होगी।
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पारण मुहूर्त: 22 जून को 1:47 बजे से 4:35 बजे तक रहेगा।
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अभिजीत मुहूर्त: 22 जून को दोपहर 11:59 बजे से 12:47 बजे तक।
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अमृत काल: 22 जून को दोपहर 1:12 बजे से 2:40 बजे तक रहेगा।इस दिन, अश्विनी नक्षत्र और अतिगंड योग का संयोग बनेगा, जो विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
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व्रत की विधि
इस एकादशी का व्रत रखने के लिए निम्नलिखित विधि का पालन किया जाता है:
दशमी तिथि से व्रत प्रारंभ
दशमी की रात से ही व्रत के नियम लागू हो जाते हैं। इस रात को गेहूं, जौ, मूंग की दाल आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
स्नान और व्रत संकल्प
एकादशी के दिन सुबह स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लें। इसके बाद कलश में भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें और विधिपूर्वक पूजा करें।
पारण से पहले दान-पुण्य करें
व्रत के पारण से पहले दान-पुण्य करने का महत्व है। विशेष रूप से अन्न दान और वस्त्र दान करना अत्यधिक पुण्यकारी माना जाता है।
योगिनी एकादशी पर दान का महत्व
योगिनी एकादशी का व्रत न केवल आत्मिक शांति और पापों के नाश का कारण बनता है, बल्कि यह दान-पुण्य के मामले में भी अत्यधिक लाभकारी है। इस दिन किए गए दान के फल कई गुना बढ़कर मिलते हैं।
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क्या-क्या दान कर सकते हैं
अन्न दान
इस दिन अन्न दान को सर्वोत्तम माना गया है। गरीबों या जरूरतमंदों को चावल, गेहूं, दाल आदि का दान करें।
वस्त्र दान
इस दिन पीले रंग के वस्त्रों का दान करें। पीला रंग भगवान विष्णु का प्रिय है और इससे घर में सुख-शांति बनी रहती है।
जल दान
इस दिन पानी का दान करना महादान माना जाता है। आप पानी के बर्तन भी दान कर सकते हैं।
धन दान
अपनी क्षमता अनुसार इस दिन धन दान अवश्य करें। यह दान पूर्ण होता है और इसके फल कई गुना अधिक प्राप्त होते हैं।
गाय को चारा खिलाना
गाय को हरा चारा या गुड़-चना खिलाना पुण्य का कार्य है। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और जीवन के कष्ट समाप्त होते हैं।
दीप दान
मंदिर में दीपक जलाने के लिए तेल या घी का दान करें, जिससे दरिद्रता दूर होती है।
ऐसा माना जाता है कि, इस व्रत को रखने से पापों का नाश होता है और भगवान विष्णु और लक्ष्मी की कृपा मिलती है। यह व्रत मनचाही इच्छाओं की पूर्ति करने वाला होता है।
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