/sootr/media/post_banners/62fb6a2e5572505f9f74fa591b7b0f69348c0ef86b6feaa0cf81d0f31ed2b06c.jpeg)
भोपाल. राज्य में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच एक राहत भरी खबर है। मध्यप्रदेश में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के प्रथम और तृतीय सत्र के ऐसे परीक्षार्थी, जो कोविड के कारण परीक्षा नहीं दे पा रहे हैं, उनका सत्र बर्बाद नहीं होने दिया जायेगा। डॉ. यादव ने कहा कि ऐसे विद्यार्थी परीक्षा समाप्त होने के 10 दिन के भीतर परीक्षा दे सकेंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना काल की चुनौतियों के बीच प्रदेश में उच्च शिक्षा का स्तर गुणवत्तापूर्ण बनाये रखा जायेगा।
मेडिकल कॉलेज खोलने का प्रस्ताव भेजेगा उच्च शिक्षा विभाग: मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शासकीय विश्वविद्यालयों के पास प्रदेश में काफी जमीन है। इसके बेहतर उपयोग और प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में चिकित्सकों की उपलब्धता के लिये ग्वालियर, उज्जैन और भोपाल में मेडिकल कॉलेज खोलने का प्रस्ताव शासन को भेजा जायेगा। अपर मुख्य सचिव शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि प्रदेश के हर विश्वविद्यालय में 10 से 15 रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम शुरू किये जायेंगे, ताकि अधिक से अधिक छात्र पढ़ाई समाप्त होते ही आत्म-निर्भर बन सके।
रिक्त सीटें नहीं छोड़ें: मंत्री डॉ. यादव ने निर्देश दिया कि प्रदेश में बी.एड. सहित उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रमों में होने वाली काउंसलिंग में सीटें पूरी भरें। यदि चयन के बाद विद्यार्थी प्रवेश नहीं लेते हैं, तो वेटिंग लिस्ट से सीट भरी जायें। आवश्यकता पड़ने पर काउंसलिंग के चरण भी बढ़ायें। सम्पूर्ण प्रक्रिया एक हफ्ते मे पूर्ण करें।
स्किल डेव्हलपमेंट यूनिवर्सिटी खुलेगी: मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के विद्यार्थियों को अधिक से अधिक रोजगार मिल सके, इसके लिये प्रदेश में स्किल डेव्हलपमेंट यूनिवर्सिटी की स्थापना करें। उन्होंने अधिकारियों से राजस्थान और हरियाणा में स्थापित यूनिवर्सिटी की जानकारी मंगवाने के निर्देश दिये।