कॉलेजों को मिलेगा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का दर्जा, छात्रों को पढ़ाई के साथ कमाई का भी मौका

शिक्षा विभाग शासकीय कॉलेजों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने का विचार कर रहा है। इससे बीए, बीकॉम और बीएससी समेत स्नातक स्तर की पढ़ाई के साथ-साथ छात्र तकनीकी ट्रेंड्स का भी प्रशिक्षण ले सकेंगे।

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Amresh Kushwaha
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कॉलेजों को मिलेगा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का दर्जा

सेंटर ऑफ एक्सीलेंस

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उच्च शिक्षा विभाग नए शिक्षा सत्र 2024-25 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति ( National Education Policy ) के प्रथम चरण को सुचारु रूप से लागू कर चुका है। शिक्षा विभाग इसी तहत उन सभी शासकीय कॉलेजों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ( Center of Excellence ) बनाने का विचार कर रहा है।

इससे बीए, बीकॉम और बीएससी समेत स्नातक स्तर की पढ़ाई के साथ-साथ छात्र तकनीकी ट्रेंड्स का भी प्रशिक्षण ले सकेंगे। जानें किन कॉलेजों को इसका दर्जा मिलेगा और इससे छात्रों को क्या होगा फायदा?

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किन कॉलेजों को मिलेगा इसका दर्जा?

उच्च शिक्षा विभाग ( Higher Education Department ) उन सभी शासकीय कॉलेजों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने का विचार कर रहा है, जहां 3 हजार से अधिक विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। विद्यार्थियों को आर्ट्स, कॉमर्स, विज्ञान और गणित की पढ़ाई के साथ ही स्किल डेवलपमेंट का पाठ भी पढ़ाया जाएगा।

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इससे छात्रों को क्या होगा फायदा?

इससे छात्रों को हायर स्टडी में लाभ होगा। यदि जो छात्र स्टार्ट-अप तथा उद्यमिता के क्षेत्र में हट कर काम करना चाहते हैं, तो उन्हें भी लाभ होगा। इसमें अपनी रुचि के अनुसार इलेक्ट्रिशियन, फीटर, मेशन, वेल्डिंग, कंप्यूटर समेत अन्य ट्रेंड्स शामिल किए जा सकते हैं।

इसके लिए कौशल विकास, पंचायत, ग्रामीण विकास और उद्योग विभाग से उच्च शिक्षा विभाग अनुबंध करने जा रहा है। इससे डिग्री की पढ़ाई के दौरान छात्र-छात्राओं को गांवों और शहरों की जरूरतों की जानकारी मिल सकेगी।

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छात्रों के भीतर छिपी प्रतिभा को निखारा जाएगा, ताकि वह किताबी ज्ञान के साथ हुनरमंद भी बन सकें। इसमें मेशन, वेल्डिंग, कंप्यूटर के बेसिक ज्ञान समेत इलेक्ट्रशियन, फिटर जैसे अन्य ट्रेंड्स भी शामिल किए जा सकते हैं।

पाठ्यक्रम में किए जा रहे हैं बदलाव

इससे उन्हें अकादमिक विषयों की पढ़ाई के बाद रोजगार प्राप्त करने या फिर खुद का स्वरोजगार स्थापित करने में दिक्कतें नहीं होगी। उसी उद्देश्य से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सेमेस्टर प्रणाली के पाठ्यक्रम में बदलाव किया जा रहा है।

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माना जा रहा है कि सेमेस्टर प्रणाली से शुरू होने वाले बीए, बीकॉम और बीएससी समेत अन्य सभी स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम में इसे लागू किया जाएगा।

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