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आज की तारीख इतिहास के पन्नों में बहुत ही खास जगह रखती है। साल 1898 में आज ही के दिन एक महान चमत्कार हुआ था। फ्रांस के दो वैज्ञानिकों पियरे और मेरी क्यूरी ने रेडियम की खोज की थी। यह खोज एक टूटी-फूटी प्रयोगशाला में कड़ी मेहनत के बाद मुमकिन हुई थी। उन दोनों ने पिचब्लेंड नाम के खनिज से इस तत्व को अलग किया था।
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रेडियम एक ऐसा तत्व था जो अंधेरे में नीली रोशनी देता था। मेरी क्यूरी इसे अपना 'प्यारा छोटा बच्चा' कहकर पुकारा करती थीं। इस खोज ने पूरी दुनिया को रेडियोएक्टिविटी का असली मतलब समझाया था। विज्ञान के क्षेत्र में यह किसी बड़े धमाके से कम नहीं था।
रेडियम की खोज किसने की
रेडियम की खोज साल 1898 में फ्रांस के दो वैज्ञानिकों पियरे और मेरी क्यूरी ने की थी।
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एक पुरानी लैब और दो जुनूनी वैज्ञानिक
मेरी और पियरे क्यूरी के पास कोई आधुनिक प्रयोगशाला मौजूद नहीं थी। उन्होंने एक पुराने लकड़ी के शेड में अपना काम शुरू किया था। वहां छत से पानी टपकता था और सर्दी बहुत ज्यादा लगती थी। लेकिन उनके इरादे फौलाद की तरह मजबूत और बहुत ही पक्के थे।
वे घंटों तक भारी रसायनों को बड़े बर्तनों में उबाला करते थे। मेरी क्यूरी ने अपनी सेहत की परवाह किए बिना काम किया था। उनके हाथ रसायनों की वजह से जल गए और काले पड़ गए थे। फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और अपना शोध जारी रखा था। अंत में उनकी मेहनत रंग लाई और रेडियम दुनिया के सामने आया।
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रेडियम का जादू: जब अंधेरे में चमक उठी लैब
दिसंबर की उस सर्द रात में दोनों वैज्ञानिक अपनी लैब पहुंचे। उन्होंने देखा कि उनकी ट्यूब्स में कुछ अजीब सी चमक थी। वह चमक रेडियम की थी जो अंधेरे में साफ दिख रही थी। पियरे और मेरी यह देख कर बहुत ज्यादा हैरान रह गए थे। रेडियम यूरेनियम से लाखों गुना ज्यादा रेडियोएक्टिव तत्व साबित हुआ था।
इस खोज के लिए उन्हें बाद में नोबेल पुरस्कार भी मिला था। मेरी क्यूरी दुनिया की पहली महिला थीं जिन्हें यह सम्मान मिला था। उन्होंने विज्ञान के लिए अपना पूरा जीवन हंसी-खुशी कुर्बान कर दिया था।
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रेडियम के 5 बड़े उपयोग: कहां और कैसे होता है इस्तेमाल?
रेडियम की खोज ने इंसानियत को कई बेहतरीन तोहफे दिए हैं:
कैंसर का इलाज: रेडियम का सबसे बड़ा उपयोग कैंसर की कोशिकाओं को खत्म करने में हुआ। इसे 'ब्रेकीथेरेपी' के रूप में इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
घड़ियों की चमक: पुराने जमाने में घड़ियों की सुइयों को चमकाने के लिए रेडियम पेंट इस्तेमाल होता था। इससे रात के अंधेरे में भी वक्त साफ दिखाई देता था।
इंडस्ट्रियल रेडियोग्राफी: धातुओं के अंदर की दरारें जांचने के लिए रेडियम किरणों का उपयोग किया गया। यह इंजीनियरिंग के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम साबित हुआ था।
वैज्ञानिक शोध: रेडियम की मदद से परमाणु की संरचना को समझने में बहुत मदद मिली। इसने भविष्य के कई बड़े भौतिक विज्ञान के प्रयोगों को जन्म दिया।
पुरानी लाइटिंग: शुरुआत में इसका इस्तेमाल चमकदार स्विच और इंस्ट्रूमेंट पैनल बनाने में हुआ था। हालांकि अब सुरक्षा कारणों से इसके विकल्प खोज लिए गए हैं।
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रेडियम की विरासत और भविष्य पर असर
रेडियम की खोज ने भौतिकी और रसायन शास्त्र की परिभाषा बदल दी। इसी खोज के बाद चिकित्सा जगत में रेडियोलॉजी का जन्म हुआ था। मेरी क्यूरी ने रेडियम का पेटेंट नहीं कराया और उसे दान कर दिया। वे चाहती थीं कि इसका लाभ पूरी दुनिया को मुफ्त मिले।
आज भी कैंसर अस्पतालों में रेडियम का नाम सम्मान से लिया जाता है। हालांकि रेडियम बहुत खतरनाक भी है और सावधानी की मांग करता है। क्यूरी दंपत्ति की यह खोज हमेशा मानवता का रास्ता रोशन करेगी। आज की तारीख का इतिहास | आज के दिन की कहानी | आज की यादगार घटनाएं
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