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भारतीय जन संचार संस्थान (IIMC) ने अपकमिंग अकादमिक सेशन से मास कम्युनिकेशन और पत्रकारिता के क्षेत्र में PhD कार्यक्रम शुरू करने का ऐलान किया है।
इस नई पहल के तहत रिसर्च मीडिया, कम्युनिकेशन और जर्नलिज्म के विभिन्न विषयों में गहन शोध कर सकेंगे। यह कदम इंस्टिट्यूट ने मीडिया रिसर्च को बढ़ावा देने और भारतीय मीडिया इंडस्ट्री की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए उठाया गया है।
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Finally, Ph.D. at IIMC!!
— Indian Institute of Mass Communication (@IIMC_India) May 16, 2025
Glad to share that IIMC shall launch its Ph.D. in Mass Communication and Journalism Prog. from the coming academic year.
Rules for the same have been notified today. Details of admission process to be announced in due course. https://t.co/2NC24kABV2 pic.twitter.com/vk67As6GJd
IIMC की नई जिम्मेदारी
बता दें कि, IIMC की वाईस चांसलर अनुपमा भटनागर ने इस कार्यक्रम को शुरू करने को संस्थान के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी बताया है। उन्होंने कहा, "हमने पीएचडी कार्यक्रम के लिए नियम नोटिफाइड कर दिए हैं और अगले शैक्षणिक सत्र से इसे शुरू करने के लिए पूरी तैयारी कर रहे हैं। यह कार्यक्रम शोध के क्षेत्र में नए आयाम खोलेगा।"
रजिस्ट्रार निमिष रुस्तगी ने भी इस बात पर जोर दिया कि IIMC मीडिया और संचार के क्षेत्र में अनुसंधान का अग्रणी केंद्र बनने का लक्ष्य रखता है। उन्होंने कहा, "मीडिया उद्योग में वैज्ञानिक और अकादमिक शोध की अर्जेंट नीड है और हम इस दिशा में अपना योगदान देना चाहते हैं।"
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PhD प्रोग्राम में पढ़ाई के सब्जेक्ट
- मास कम्युनिकेशन के सिद्धांत (principles of mass communication)
- डिजिटल मीडिया और सामाजिक प्रभाव (Digital Media and Social Impact)
- पत्रकारिता में नैतिकता और कानून (Ethics and law in journalism)
- जनसंचार में तकनीकी विकास (Technological developments in mass communication)
- मीडिया प्रबंधन और नीति निर्माण (Media Management and Policy Making)
- सामाजिक मीडिया और सूचना प्रसार (Social media and information dissemination)
प्रवेश प्रक्रिया
IIMC जल्द ही PhD कार्यक्रम के लिए प्रवेश प्रक्रिया और एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया घोषित करेगा। हालांकि, आमतौर पर इस तरह के शोध कार्यक्रमों के लिए मास्टर्स डिग्री और संबंधित क्षेत्र में रिसर्च एक्सपीरियंस रिक्वायर्ड होता है।
उम्मीदवारों को रिटेन एग्जामिनेशन, रिसर्च प्रपोजल और इंटरव्यू के माध्यम से चयनित किया जाएगा।
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IIMC के एजुकेशनल प्रोग्राम्स का विस्तार
बता दें कि, 1965 में स्थापित IIMC ने मीडिया और जनसंचार के क्षेत्र में विभिन्न शैक्षणिक कार्यक्रम शुरू किए हैं, जो नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर मान्यता प्राप्त हैं।
अब PhD कार्यक्रम के साथ संस्थान अपने शैक्षिक क्षेत्र का और विस्तार करेगा, जिससे रेसेअर्चेर को हाईएस्ट लेवल की शिक्षा और मार्गदर्शन मिलेगा।
मीडिया में रिसर्च का इम्पोर्टेंस
आज के डिजिटल युग में मीडिया का प्रभाव दिन-ब-दिन बढ़ रहा है। ऐसे में मीडिया पर साइंटिफिक रिसर्च का होना एक्सट्रेमेली नेसेसरी है, ताकि नीतियों का निर्माण, मीडिया की भूमिका का आकलन और समाज में सकारात्मक प्रभाव सुनिश्चित किया जा सके। IIMC का यह नया PhD प्रोग्राम इस दिशा में एक जरूरी कदम माना जा रहा है।
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