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नालंदा विश्वविद्यालय ने 2025-26 शैक्षिक सत्र के लिए प्रवेश प्रक्रिया की घोषणा कर दी है। इस बार विश्वविद्यालय अलग-अलग पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेस के लिए 500 सीटों पर आवेदन मांग रहा है। बता दें कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल बिहार के राजगीर में नालंदा यूनिवर्सिटी के नए परिसर का उद्घाटन किया था। अब ये यूनिवर्सिटी नए छात्रों का स्वागत कर रहा है और यहां कई तरह के शैक्षणिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। तो चलिए जानें सारी डिटेल्स...
यूनिवर्सिटी के कुछ लीडिंग स्कूल
नालंदा यूनिवर्सिटी में कुल सात प्रमुख स्कूल हैं, जिनमें अलग-अलग क्षेत्रों में उच्च शिक्षा दी जाती है। इनमें से कुछ लीडिंग स्कूलों में
- स्कूल ऑफ इकोलॉजी एंड एनवायरनमेंट स्टडीज (School of Ecology and Environment Studies)
- स्कूल ऑफ हिस्टोरिकल स्टडीज (School of Historical Studies)
- स्कूल ऑफ बौद्ध स्टडीज (School of Buddhist Studies)
- फिलॉसफी एंड कंपेरेटिव रिलिजियन्स (Philosophy and Comparative Religions)
- स्कूल ऑफ लैंग्वेज एंड लिटरेचर (School of Language and Literature)
- स्कूल ऑफ इंटरनेशनल रिलेशंस एंड पीस स्टडीज (School of International Relations and Peace Studies) और
- स्कूल ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट (School of Business Management) शामिल हैं।
- इन स्कूलों में अलग-अलग विषयों में शैक्षणिक पाठ्यक्रम चलाए जाते हैं।
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यूनिवर्सिटी में पढ़ाए जाने वाले कोर्सेस
नालंदा यूनिवर्सिटी में पोस्टग्रेजुएट, डॉक्टोरल, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्सेस की पेशकश की जा रही है। कुछ प्रमुख पोस्टग्रेजुएट प्रोग्राम्स में
- MA in Buddhist Studies,
- MA in Hindu Studies (Sanatana),
- MA in Historical Studies,
- MSc in Ecology and Environment Studies, और
- MBA in Sustainable Development & Management शामिल हैं।
- इसके अलावा, PhD प्रोग्राम्स भी उपलब्ध हैं, जैसे कि PhD in Buddhist Studies और PhD in Ecology and Environment Studies।
विश्वविद्यालय में डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स भी चलाए जा रहे हैं, जिनमें
- संस्कृत,
- अंग्रेजी,
- कोरियाई,
- योग,
- पाली और
- तिब्बती भाषाओं में पाठ्यक्रम हैं।
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यूनिवर्सिटी का अंतर्राष्ट्रीय सहयोग
नालंदा यूनिवर्सिटी ने कई प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों (Major International Institutions) के साथ सहयोग किया है। जिनमें
- नालंदा-श्रीविजया सेंटर (सिंगापुर),
- पेइचिंग विश्वविद्यालय (चीन),
- बिहार हेरिटेज डेवलपमेंट सोसाइटी (भारत),
- मैक्स वेबर सेंटर (जर्मनी),
- डीकिन विश्वविद्यालय (ऑस्ट्रेलिया),
- कानाजावा विश्वविद्यालय (जापान) और
- कोरियाई अध्ययन अकादमी (दक्षिण कोरिया) शामिल हैं।
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एडमिशन के लिए योग्यता
-
पोस्टग्रेजुएट प्रोग्राम्स के लिए उम्मीदवारों के पास संबंधित विषय में कम से कम तीन साल का बैचलर डिग्री (10+2+3) होना चाहिए।
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कक्षा 12 में कम से कम 55% अंक प्राप्त होने चाहिए।
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PhD प्रोग्राम्स के लिए उम्मीदवारों को संबंधित क्षेत्र में कम से कम 65% अंक के साथ डिग्री चाहिए।
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डिप्लोमा प्रोग्राम्स के लिए तीन साल का बैचलर डिग्री जरूरी है।
कैसे करें आवेदन
- आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों को
- विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जाना होगा और ऑनलाइन आवेदन पत्र भरना होगा।
- आवेदन के लिए 500 रुपए का शुल्क (भारत के उम्मीदवारों के लिए) और 8 अमेरिकी डॉलर (अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए) आवेदन
- शुल्क के रूप में जमा करना होगा।
- आवेदन प्रक्रिया के लिए भारतीय उम्मीदवारों को admissions2025@nalandauniv.edu.in पर डॉक्यूमेंट्स के साथ आवेदन भेजना होगा।
- अंतर्राष्ट्रीय छात्र www.nalandauniv.edu.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
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विश्वविद्यालय का इतिहास
नालंदा विश्वविद्यालय का इतिहास बहुत ही समृद्ध और प्राचीन है। यह विश्वविद्यालय प्राचीन भारत के बिहार राज्य के राजगीर में स्थित था और यह पूरी दुनिया में शिक्षा के एक प्रमुख केंद्र के रूप में प्रसिद्ध था। इसका अस्तित्व करीब 1 हजार साल पहले हुआ था, जब यहां दुनिया भर से छात्र शिक्षा लेने के लिए आते थे। इसका निर्माण गुप्त काल (Gupta period) के दौरान हुआ था और यह बौद्ध शिक्षा, संस्कृत, गणित, खगोलशास्त्र, चिकित्सा और दर्शन के अध्ययन के लिए प्रसिद्ध था।
यहां उस समय के प्रमुख विद्वान और आचार्य शिक्षा देते थे, जिनमें ह्वेन सांग जैसे प्रसिद्ध चीनी यात्री भी शामिल थे। दुर्भाग्यवश, इसे 12वीं शताब्दी में आक्रमणकारियों ने नष्ट कर दिया। लेकिन 2010 में इसे फिर से स्थापित किया गया, ताकि उस प्राचीन शिक्षा और ज्ञान को पुनर्जीवित किया जा सके। आज नालंदा विश्वविद्यालय आधुनिक शिक्षा और शोध का केंद्र बन चुका है। यह वैश्विक स्तर पर उच्च शिक्षा देने के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय सहयोग में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
यूनिवर्सिटी का न्यू कैंपस
नालंदा यूनिवर्सिटी का नया परिसर सौ एकड़ में फैला हुआ है। इसमें पारंपरिक वास्तुकला (traditional architecture) के साथ पर्यावरण के अनुकूल डिजाइन का इस्तेमाल किया गया है। परिसर में दो अकादमिक ब्लॉक, दो प्रशासनिक ब्लॉक, दो ऑडिटोरियम, 550 छात्रों के लिए हॉस्टल, खेल परिसर, मेडिकल सेंटर और एक लाइब्रेरी शामिल है, जिसमें 3 लाख किताबें रखी जा सकती हैं।
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