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डॉ. चन्द्रशेखर श्रीमाली, नेशनल कैरियर काउंसलर
आज के प्रतिस्पर्धात्मक युग में सही कैरियर का चुनाव हर छात्र के लिए एक बड़ा चैलेंज है। जब स्कूल स्टूडेंट्स के लिए कैरियर काउंसलिंग की बात आती है, तो यह समझना और भी अहम हो जाता है क्योंकि स्कूल के स्तर पर विद्यार्थियों के सामने कई विकल्प new (new career options) मौजूद रहते हैं, परंतु उचित मार्गदर्शन न मिलने के कारण वे अक्सर उलझन में पड़ जाते हैं और गलत दिशा चुन लेते हैं।
कैरियर कोचिंग ऐसे में उनकी सफलता की राह को सरल बनाती है। माता-पिता और शिक्षक ही जानते हैं कि बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए स्कूल स्टूडेंट्स के लिए कैरियर की सही जानकारी और मार्गदर्शन कितना जरूरी है।
क्या है कैरियर काउंसलिंग?
कैरियर काउंसलिंग वह प्रक्रिया है जिसमें छात्रों की रुचि, क्षमता और योग्यताओं का आकलन करके उन्हें सबसे उपयुक्त विकल्पों की जानकारी दी जाती है।
स्कूल स्टूडेंट्स के लिए कैरियर कोचिंग ग इसलिए भी जरूरी है क्योंकि आज के दौर में विकल्पों की भरमार है और बच्चों के लिए एक स्पष्ट दिशा तय कर पाना मुश्किल हो सकता है।
सही कैरियर गाइडेंस उन्हें कंफ्यूजन से बाहर निकालने में मदद करता है। ऐसे में कई बच्चे अपनी पसंद और रुचि के अनुसार विकल्प चुन लेते हैं, लेकिन बड़ी तादाद में ऐसे भी छात्र हैं, जो बिना उचित मार्गदर्शन के निर्णय ले बैठते हैं।
यहां काउंसलिंग बच्चों को उनके व्यक्तिगत गुणों के अनुरूप सही कैरियर चुनने में मार्गदर्शन देती है और दिखाती है कि सही कैरियर कैसे चुनें ताकि भविष्य में पछताना न पड़े।
कुछ स्कूलों में सिर्फ 2-3 घंटे का कैरियर काउंसलिंग सेशन होता है, लेकिन इतने कम समय में हर बच्चे की क्षमताओं को समझना संभव नहीं। वास्तव में, कैरियर गाइडेंस एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है जिसमें लगातार मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है।
डॉ. चन्द्रशेखर श्रीमाली, नेशनल कैरियर काउंसलरउच्च शिक्षा में 26 वर्षो के अध्यापन का अनुभव रखने वाले नेशनल करिअर कॉउंसलर डाॅ. चन्द्रशेखर श्रीमाली ने 9 वर्ष सेसोमूं गल्र्स काॅलेज में प्रिसिंपल के पद पर कार्य किया वहीं आप ऑल इंडिया प्रिसिंपल्स एसोसिएशन के राजस्थान अध्यक्ष भी रहे। डाॅ. श्रीमाली को अनेक राजकीय व गैर राजकीय संस्थानों से सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा आपने सूक्ष्म लेखन में महारथ हासिल कर रखी है, आप कॉउंसलर ऑफ़ काउन्सलिंग इंडिया (सीसीआई) के लगातार तीन सालो से राजस्थान चैप्टर के प्रभारी है। डाॅ. श्रीमाली को विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में लेख प्रकाशित हो चुके है। |
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कैरियर कोचिंग: बच्चों के लिए सही दिशासूचक
कैरियर कोचिंग एक सतत यात्रा है, जिसमें बच्चों को सही मार्गदर्शन के साथ-साथ प्रेरणा भी मिलती है। इसमें चार प्रमुख कोच की भूमिका होती है:
आप खुद
आत्ममूल्यांकन हर छात्र के लिए सबसे पहली जरूरत है। जब स्कूल स्टूडेंट्स खुद को समझना शुरू करते हैं तो वे विभिन्न कैरियर विकल्प की जानकारी पाकर अपनी पसंद का क्षेत्र चुन सकते हैं। यह प्रक्रिया सीधे स्कूल स्टूडेंट्स के लिए कैरियर कोचिंग में उनकी सक्रिय भागीदारी को दर्शाती है।
टिप
अपने पसंदीदा विकल्पों की सूची बनाएं और उनमें से अपनी रुचि के अनुसार विकल्पों पर गंभीरता से विचार करें।
माता-पिता
बच्चों के फैसलों में माता-पिता का अनुभव और मार्गदर्शन बहुत काम आता है। जब बच्चे कैरियर प्लानिंग शुरू करें, तो माता-पिता को चाहिए कि वे सकारात्मक सहयोग दें और बच्चों को समझने की कोशिश करें। इससे विद्यार्थियों को सही दिशा और आत्मविश्वास मिलता है।
शिक्षक
शिक्षक शिक्षा के साथ-साथ बच्चों को कैरियर गाइडेंस भी देते हैं। वे न सिर्फ विषय-संबंधित मार्गदर्शन करते हैं, बल्कि यह भी बताते हैं कि चुने गए कैरियर में सफल होने के लिए किन अलग विषयों, कोर्सेज या स्किल्स पर ध्यान देना चाहिए।
मित्र
सही मित्र आपकी कैरियर यात्रा (Education news) को सहज बना सकते हैं। खासकर जब आपके मित्रों के लक्ष्य आपके जैसे हों, तो आपस में मिलकर अध्ययन, सूचना साझा करना और मोटिवेट रहना आसान हो जाता है
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कैरियर प्लानिंग कब शुरू करें?
अक्सर यह सवाल उठता है कि कैरियर प्लानिंग कब शुरू करें? इसका सबसे उपयुक्त उत्तर है – कक्षा आठवीं या नौंवीं से।
इसी समय से विद्यार्थियों को अपनी रुचियों और क्षमताओं के आधार पर विभिन्न कैरियर विकल्पों (career news) की जानकारी लेनी चाहिए।
शुरुआत जल्दी करने से उन्हें अपने लिए सही कैरियर कैसे चुनें, यह पता चलता है और वे आत्मविश्वास के साथ निर्णय ले पाते हैं।
माता-पिता और समाज की भूमिका
आज कई माता-पिता मानते हैं कि कम उम्र में कैरियर का निर्णय लेने से बच्चों पर दबाव बनेगा, किंतु यदि यह निर्णय सही कैरियर गाइडेंस और कैरियर काउंसलिंग की मदद से लिया जाए, तो विद्यार्थी तनाव मुक्त रहते हैं और बेहतर परिणाम देते हैं। ऐसे में परिवार और शिक्षक की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
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भारतीय माहौल में कैरियर काउंसलिंग क्यों जरूरी
हमारे समाज में अभी भी यह धारणा प्रचलित है कि पारंपरिक कैरियर ही श्रेष्ठ हैं। पर आज के दौर में डेटा एनालिस्ट, डिजिटल मार्केटिंग, एस्ट्रोनॉमी जैसे अनगिनत नए विकल्प खुल गए हैं।
स्कूल स्टूडेंट्स के लिए कैरियर काउंसलिंग इन नए क्षेत्रों के प्रति जागरूकता लाती है और छात्रों को उनकी रुचि के अनुसार आगे बढ़ने की राह दिखाती है।
कैरियर काउंसलिंग के लाभ
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समय पर सही कैरियर गाइडेंस मिलना
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आत्मविश्वास में वृद्धि और लक्ष्य के प्रति स्पष्टता
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शैक्षणिक और पेशेवर संतुलन
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प्रतियोगी परीक्षा, कॉलेज दाखिले में मदद
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पेशेवर विकल्पों की गहराई से जानकारी
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सही समय, सही मार्गदर्शन
कैरियर कोचिंग आज हर स्कूल स्टूडेंट के लिए उतनी ही अनिवार्य हो गई है जितना गुणवत्तापूर्ण शिक्षा।
यदि कैरियर प्लानिंग सही समय पर सही मार्गदर्शन के साथ शुरू की जाए तो छात्र अपने लिए सर्वोत्तम विकल्प चुन सकते हैं और भविष्य में उत्कृष्टता हासिल कर सकते हैं।
सुझाव
स्टूडेंट्स को कक्षा 8वीं से ही विभिन्न कैरियर (career guidance) विकल्पों के बारे में जानकारी लेना और उनकी तैयारी शुरू करना चाहिए।
माता-पिता और शिक्षक बच्चों की बातें ध्यान से सुनें और उनके साथ स्कूल स्टूडेंट्स के लिए कैरियर काउंसलिंग से संबंधित सलाह साझा करें।
स्कूल स्टूडेंट्स के लिए कैरियर कोचिंग और गाइडेंस समय-समय पर अवश्य लेते रहें।
इस तरह, जब स्कूल स्टूडेंट्स के लिए कैरियर काउंसलिंग तथा कैरियर गाइडेंस समय रहते दी जाएगी, तो हर बच्चा सशक्त आत्मविश्वास के साथ अपनी सफलता की उड़ान भर पाएगा।
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