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तमिलनाडु सरकार ने रुपए के आधिकारिक सिंबल ‘₹’ को बदलकर ‘ரூ’ कर दिया है। यह बदलाव बजट 2024 में पेश किया गया, जिससे राजनीतिक बहस छिड़ गई है। रुपए का वर्तमान सिंबल 2010 में आईआईटी बॉम्बे के पूर्व छात्र उदय कुमार धर्मलिंगम द्वारा डिजाइन किया गया था।
रुपए के सिंबल में बदलाव
तमिलनाडु की एमके स्टालिन सरकार ने अपने राज्य के बजट 2024 में रुपए के पारंपरिक सिंबल ‘₹’ को हटाकर तमिल लिपि में ‘ரூ’ का उपयोग किया है। ‘ரூ’ का अर्थ तमिल में रुपए ही होता है, जिसे ‘रुबे’ कहा जाता है।
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रुपए का वर्तमान सिंबल कैसे बना?
वर्तमान रुपए के सिंबल ‘₹’ को केंद्र सरकार ने 2010 में आधिकारिक रूप से अपनाया था। इसे आईआईटी बॉम्बे के पूर्व छात्र उदय कुमार धर्मलिंगम ने डिजाइन किया था।
कैसे हुआ रुपए के सिंबल का चयन?
2009 में सरकार ने रुपए के लिए एक नया सिंबल बनाने हेतु प्रतियोगिता आयोजित की थी।
इस प्रतियोगिता में सैकड़ों डिज़ाइनर शामिल हुए थे।
अंतिम चरण में पाँच डिज़ाइन चुने गए, जिनमें से उदय कुमार का डिज़ाइन फाइनल हुआ।
सरकार ने 15 जुलाई 2010 को इसे आधिकारिक रुप से लागू किया।
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क्या है ‘₹’ का डिज़ाइन कांसेप्ट?
उदय कुमार ने बताया था कि रुपए के इस सिंबल को देवनागरी के ‘र’ और रोमन के ‘R’ को मिलाकर डिजाइन किया गया है।
इसमें दो क्षैतिज रेखाएँ हैं, जो भारतीय ध्वज का प्रतीक मानी जाती हैं।
आईआईटी बॉम्बे के IDC स्कूल ऑफ़ डिज़ाइन के अनुसार, इस सिंबल का डिज़ाइन भारतीय संस्कृति और आधुनिकता का मिश्रण है।
तमिलनाडु सरकार के फैसले पर विवाद
तमिलनाडु सरकार द्वारा ‘₹’ की जगह ‘ரூ’ को अपनाने के फैसले के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है।
कुछ लोगों का कहना है कि राष्ट्रीय स्तर पर अपनाए गए सिंबल को राज्य स्तर पर बदलना उचित नहीं है।
बीजेपी ने इसे संघवाद के खिलाफ बताया, जबकि डीएमके इसे तमिल भाषा और संस्कृति के सम्मान का प्रतीक कह रही है।
विपक्षी दलों का मानना है कि यह राजनीतिक लाभ के लिए उठाया गया कदम है।
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अब कहाँ हैं उदय कुमार धर्मलिंगम?
उदय कुमार वर्तमान में आईआईटी गुवाहाटी में प्रोफेसर हैं।
उन्होंने आईआईटी बॉम्बे से विजुअल कम्युनिकेशन में M.Des और PhD की डिग्री ली है।
इससे पहले उन्होंने अन्ना यूनिवर्सिटी से बी.आर्किटेक्चर किया था।
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