वाइल्‍ड लाइफ प्रेमियों के लिए खुशखबरी, MP में दो नए वन्यजीव अभयारण्य की स्थापना को मंजूरी

मध्य प्रदेश में दो नए वन्य जीव अभयारण्य स्थापित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ओंकारेश्वर और जहानगढ़ वन्यजीव अभयारण्य की स्थापना को हरी झंडी दे दी है। यह फैसला एमपी वन्यजीव बोर्ड की बैठक में लिया गया।

author-image
Vikram Jain
New Update
madhya pradesh new wildlife sanctuary approval tourism
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

मध्य प्रदेश सरकार ने वन्यजीव संरक्षण और इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए एक और बड़ा कदम उठाया गया है। प्रदेश में वन्यजीव संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए दो नए वन्यजीव अभयारण्य स्थापित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ओंकारेश्वर और जहानगढ़ वन्यजीव अभयारण्यों को मंजूरी दी है। इसके अलावा, उज्जैन और जबलपुर में रेस्क्यू सेंटर कम जू के निर्माण, गिद्धों की संख्या बढ़ाने, असम से गैंडे और अफ्रीका से जिराफ लाने की संभावनाओं पर भी चर्चा हुई। वन्यजीवों के संरक्षण और पर्यटन को मजबूत करने के लिए कई विकास प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई है। बैठक में मुख्यमंत्री ने वन्यजीव पर्यटन को लेकर बोर्ड के 33 में से 30 प्रस्तावों को मंजूरी दी।

ओंकारेश्वर और जहानगढ़ में बनेंगे नए वन्यजीव अभयारण्य

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई मध्य प्रदेश वन्यजीव बोर्ड की 28वीं बैठक में इन अभयारण्यों की स्थापना का फैसला लिया गया। बैठक में वन्यजीव संरक्षण और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ओंकारेश्वर वन्यजीव अभयारण्य (614.07 वर्ग किमी, देवास-खंडवा) और जहानगढ़ वन्यजीव अभयारण्य (6.328 वर्ग किमी, श्योपुर) को मंजूरी दे दी है। साथ ही उज्जैन और जबलपुर में रेस्क्यू सेंटर कम जू की स्थापना, असम से गैंडे और अफ्रीका से जिराफ लाने की योजना समेत कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। सरकार वन्यजीव पर्यटन को और बढ़ावा देने के लिए कई नई योजनाओं पर काम कर रही है।

ये खबर भी पढ़ें...

माधव टाइगर रिजर्व में बाघिन की एंट्री, सीएम मोहन और सिंधिया ने किया रिलीज

गिद्धों की संख्या में 19% की बढ़ोतरी

गुरुवार को समत्व भवन में आयोजित बैठक में सीएम मोहन यादव ने कहा कि सरकार के प्रभावी प्रयासों का ही सुखद परिणाम है कि प्रदेश में बाघ, तेंदुआ, चीता, हाथी, घड़ियाल के साथ-साथ विलुप्त होती प्रजाति के गिद्धों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि 17-19 फरवरी 2025 को हुई गिद्ध जनगणना में 12,981 गिद्धों की संख्या दर्ज की गई, जो पिछले साल की तुलना में 19% अधिक है। यह वन्यजीव संरक्षण प्रयासों का सकारात्मक परिणाम है। गिद्धों की संख्या बढ़ने से पर्यावरणीय संतुलन में सुधार होगा।

ये खबर भी पढ़ें...

CM मोहन यादव ने चंबल नदी में छोड़े घड़ियाल, बोले- MP में वन्य जीव पर्यटन की अपार संभावनाएं

उज्जैन और जबलपुर में रेस्क्यू सेंटर कम जू की स्थापना

बैठक में मुख्यमंत्री को बताया गया कि उज्जैन के नौलखी में वन्यजीव रेस्क्यू सेंटर कम जू स्थापित किया जा रहा है। इस सेंटर में घायल और संकटग्रस्त वन्यजीवों का पुनर्वास किया जाएगा। जबलपुर में भी एक रेस्क्यू सेंटर कम जू का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। साथ ही मुख्यमंत्री ने इस सेंटर की प्रगति को लेकर जानकारी ली और कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि रेस्क्यू सेंटर कम जू को वन्य जीव पर्यटन के हिसाब से तैयार किया जाना चाहिए। ये सेंटर न केवल वन्यजीव संरक्षण बल्कि इको-टूरिज्म को भी बढ़ावा देंगे।

ये खबर भी पढ़ें...

एमपी का 9वां टाइगर रिजर्व जहां इंसानों और बाघों के बीच खड़ी है सिर्फ एक दीवार

वन्यजीव संरक्षण को और मजबूत करने के निर्देश

बैठक के दौरान सीएम ने कहा कि मध्य प्रदेश वन्य जीवों की विविधता से भरा हुआ है। यहां के मंदसौर, नीमच समेत चंबल के जिलों में बहुतायत मगरमच्छ पाए जाते हैं। सीएम ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि मगरमच्छ सड़कों और आबादी क्षेत्र में न पहुंचे, इसके लिए उन्हें खाली पड़ी नदियों में पुनर्स्थापित किया जाए। वन्यजीव संरक्षण को लेकर कार्यशालाओं और विशेषज्ञ बैठकों का आयोजन किया जाए। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए मध्य प्रदेश के वन्यजीव अभयारण्यों के प्रचार-प्रसार के लिए विशेष वीडियो तैयार किए जाएं।

असम से गैंडे और अफ्रीका से जिराफ लाने की योजना

मध्य प्रदेश सरकार वन्यजीव पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए असम के काजीरंगा नेशनल पार्क से गैंडे और अफ्रीका से जिराफ लाने की संभावनाओं पर काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने टाइगर, चीतों और घड़ियालों का घर बन चुके मध्य प्रदेश में गैंडों और जिराफ को लाकर बसाने की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए। 

ये खबर भी पढ़ें...

MP Vultures Couting: गिद्धों को रास आ रहा मध्य प्रदेश, बांधवगढ़ में मिले 6 प्रजातियों के 305 गिद्ध

पशु-पक्षियों के कल्याण की करें चिंता

मध्य प्रदेश वन्यजीव बोर्ड को निर्देश देते हुए सीएम ने आगे कहा कि थलचर, जलचर और नभचर तीनों के पशु-पक्षियों और वन्य प्राणियों के कल्याण की चिंता करे। ये सभी हमारी जैव विविधता की धरोहर है। हमें इन्हें बचाना हमारी जिम्मेदारी है। साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय बंधु जंगलों के प्राकृतिक संरक्षक हैं। इसलिए वन विभाग यह सुनिश्चित करें कि किसी भी जनजातीय क्षेत्र में आदिवासी वर्ग के श्रद्धालुओं को वनों में स्थित देव स्थानों तक पहुंचने और पूजापाठ में किसी भी प्रकार की कोई परेशानी ना हो।

एमपी न्यूज भोपाल न्यूज सीएम मोहन यादव मध्य प्रदेश वन्यजीव संरक्षण मध्य प्रदेश वन्यजीव बोर्ड वन्य जीव अभयारण्य