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BHOPAL. टाइगर, चीता और तेंदुआ स्टेट मध्य प्रदेश ने वन्यजीवों के संरक्षण में एक नई उपलब्धि हासिल की है। मध्य प्रदेश ने सर्वाधिक गिद्ध (Vultures) पाए जाने का रिकॉर्ड बनाया है। उमरिया के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में तीन दिनों तक की गई गणना में 6 अलग-अलग प्रजातियों के कुल 305 गिद्ध पाए गए हैं। गिनती में गिद्धों की संख्या 11,233 पाई गई हैं। (MP Vultures Couting) गणना से सामने आया कि गिद्धों को प्रदेश की आबोहवा खूब रास आ रही है, जिससे उनकी आबादी बढ़ोतरी हुई है। गिद्धों की आबादी बढ़ने को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने खुशी जताते हुए इस उपलब्धि के लिए प्रदेश वासियों को बधाई दी है।
तीन दिनों तक गिद्धों की गणना
पर्यावरण संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले गिद्धों की तीन दिवसीय गणना 17 से 19 फरवरी तक की है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हुई काउंटिग में अलग-अलग प्रजातियों के गिद्धों की गिनती की गई। यहां 6 अलग-अलग प्रजातियों के टोटल 305 गिद्ध पाए गए हैं। जो पिछली गणना से 63 ज्यादा हैं। जो गिद्धों की बढ़ती संख्या का संकेत है। रिजर्व में गणेश पहाड़ी क्षेत्र और अन्य घने जंगल में गिद्धों के निवास भी मिले हैं। प्रशिक्षित टीम ने कठिन परिश्रम और सावधानीपूर्वक गणना करते हुए गिद्धों को देखा।
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गिद्धों की बढ़ती संख्या पर मुख्यमंत्री ने जताई खुशी
गिद्धों की बढ़ी हुई आबादी को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने खुशी जताई है। साथ उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि गिद्धों को पसंद 'अपना मध्य प्रदेश'... आया है। अत्यंत हर्ष का विषय है कि मध्य प्रदेश विलुप्त होती प्रजातियों के लिए उम्मीदों का नया बसेरा बन रहा है। मध्य प्रदेश सरकार के प्रयासों से प्रदेश में गिद्धों की संख्या में उत्साहजनक वृद्धि देखने को मिली है। प्रदेश में गिद्धों की संख्या 11,233 होना एक सुखद संकेत है।
बाघ, चीता और तेंदुआ स्टेट मध्य प्रदेश 'जीव चराचर जंतु समाना' की भावना को चरितार्थ करता है। हम जैव-विविधता संरक्षण हेतु प्रतिबद्ध हैं और अपने प्रयासों से प्रदेश को विभिन्न प्राणियों की अठखेलियों का सुरक्षित आंगन बनाए रखने में अपनी भूमिका निभाते रहेंगे। मघ्य प्रदेश को इस उपलब्धि पर पुनः बधाई।
जंगलों की स्वस्थ पारिस्थितिकी का प्रमाण
इधर, टाइगर रिजर्व के उपसंचालक पीके वर्मा ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह समग्र वन्यजीव संरक्षण के लिए एक सकारात्मक संकेत है। गिद्धों की बढ़ती हुई आबादी जंगलों की स्वस्थ पारिस्थितिकी का प्रमाण है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में यह गणना और संरक्षण अभियान बेहद महत्वपूर्ण है।
गिद्धों को पसंद आया 'अपना मध्यप्रदेश'...
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) February 21, 2025
अत्यंत हर्ष का विषय है कि मध्यप्रदेश विलुप्त होती प्रजातियों के लिए उम्मीदों का नया बसेरा बन रहा है। मध्यप्रदेश सरकार के प्रयासों से प्रदेश में गिद्धों की संख्या में उत्साहजनक वृद्धि देखने को मिली है। प्रदेश में गिद्धों की संख्या 11,233… pic.twitter.com/nk1ICmKAMI
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गिद्धों का पर्यावरण में महत्व
गिद्धों का पर्यावरण संतुलन में अहम योगदान है। वे मृत जानवरों को खाकर बीमारियों के प्रसार को रोकते हैं और पोषक तत्वों के चक्रण में मदद करते हैं। इससे वन्यजीवों और पशुओं के बीच संक्रमण का खतरा कम होता है। गिद्धों की बढ़ती संख्या पर्यावरण की सेहतमंद स्थिति को दर्शाती है और यह प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसी वजह से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन के द्वारा गिद्धों के संरक्षण और संवर्द्धन को लेकर लगाचार प्रयास किए जा रहे हैं।
संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
गिद्धों की घटती संख्या को देखते हुए, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में गिद्धों के संरक्षण के लिए कई कदम उठाए गए हैं। राज्य सरकार और टाइगर रिजर्व प्रशासन की ओर से गिद्धों के आवास स्थानों की रक्षा और उनकी संख्या बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। गिद्धों के संरक्षण की दिशा में इस तरह के कदमों से न केवल उनके संरक्षण को बढ़ावा मिलता है, बल्कि यह पूरे वन्यजीव संरक्षण के लिए एक सकारात्मक संकेत भी है। गिद्धों की गणना दो बार साल में, गर्मियों और सर्दियों में की जाती है, ताकि इनकी संख्या का सटीक आंकलन किया जा सके और संरक्षण की दिशा में ठोस योजनाएं बनाई जा सकें।
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