रामायण के स्वरूप से छेड़छाड़ गलत, ''आदिपुरुष'' की भाषा पर भड़के अरुण गोविल, कहा मैं इसका समर्थन नहीं करता

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Jitendra Shrivastava
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रामायण के स्वरूप से छेड़छाड़ गलत, ''आदिपुरुष'' की भाषा पर भड़के अरुण गोविल, कहा मैं इसका समर्थन नहीं करता

MUMBAI. प्रभास, सैफ अली खान और कृति सेनन की फिल्म 'आदिपुरुष' रिलीज होने के साथ ही विवादों में घिर गई है। फिल्म में दर्शकों ने डायलॉग और ग्राफिक्स को लेकर कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं। जिस पर अब रामानंद सागर की ‘रामायण’ में ‘राम’ का किरदार निभाने वाले एक्टर अरुण गोविल ने भी अपनी प्रतिक्रिया दिया है।  



'आदिपुरुष' को लेकर ये बोले अरुण गोविल



अरुण गोविल ने हाल ही में एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत करते हुए कहा कि, रामायण हमारे लिए एक आस्था का विषय है और उसके स्वरूप के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ की जाए, ये अस्वीकार्य है। अरुण ने कहा कि रामायण को लेकर आधुनिकता और पौराणिकता की बात कहना गलत है, फिल्म के स्पेशल इफेक्ट्स की बात अलग है। यहां बात चरित्रों को सही तरीके से पेश करने की है और उसी को लेकर कई बातें कहीं जा रही है, जो चिंतनीय है।



उसी स्वरूप को दिखाने में क्या आपत्ति थीः गोविल



अरुण ने कहा कि राम-सीता-हनुमान को आधुनिकता और पौराणिकता के ढांचे में बांटना गलत है। ये सभी आदि भी हैं, अनंत हैं और इन सबके स्वरूप पहले से तय हैं। फिर उसी स्वरूप को फिल्म में दिखाने में क्या आपत्ति थी और मूल भावना से छेड़छाड़ कर मेकर्स क्या साबित करना चाहते थे। अगर मेकर्स ने बच्चों के लिए ये फिल्म बनाई है तो बच्चे से पूछिए क्या उन्हें ये फिल्म पसंद आई है या नहीं?



फिल्म में अपना नया इनपुट डालना ठीक नहीं हैः अरुण



उन्होंने जहां तक फिल्म के संवादों की बात है कि मुझे इस तरह की भाषा अच्छी नहीं लगती है और मैं हमेशा मर्यादित भाषा का इस्तेमाल करता हूं। ऐसे में रामायण में इस तरह की भाषा का मैं समर्थन नहीं करता हूं। साथ ही रामायण को हॉलीवुड से प्रेरित होकर कार्टून फिल्म की तरह इस पेश करना, किसी भी तरह से हजम होने वाली बात नहीं है। फिल्म के रिसर्च की बात है तो मेकर्स ने क्रिएटिव लिबर्टी ली है, लेकिन अगर वो फिल्म में अपना नया इनपुट डालना चाहते थे फिल्म, तो ये ठीक साबित नहीं है।



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समझ नहीं आया कि मेकर्स ने क्या सोचकर ये फिल्म बनाई



अरुण गोविल ने ये भी कहा कि, फिल्म का पहला टीजर सामने आने के बाद मेरी मेकर्स से बात हुई थी और उन्होंने अपनी राय उस वक्त उन्हें बता दी थी। उन्होंने मेरी ओपिनियन मांगी थी तो उन्हें मैंने बता दिया था जो मैं यहां नहीं बताना चाहता हूं। अरुण ने आगे कहा कि, समझ नहीं आया कि मेकर्स ने क्या सोचकर ये फिल्म बनाई है। साथ ही उन्होंने फिल्म की कास्ट के बारे में बात करते हुए कहा कि, इसमें कलाकारों की गलती नहीं होती है। उनका किरदार और स्वरूप मेकर्स द्वारा तय किया जाता है।



अरुण ने कहा ये सारा फीडबैक उन्हें दोस्तों और खबरों से मिला



इसके अलावा अरुण ने बॉलीवुड में आगे रामायण पर बनने वाली फिल्मों के मेकर्स को सुझाव देते हुए कहा कि, मैं बस इतना कहना चाहूंगा कि आगे फिल्मों में रामायण की मूल भावना को बरकरार रखा जाएगा और ओरिजनल स्वरूप से छेड़छाड़ ना करें। बता दें कि एक्टर ने इंटरव्यू में ये साफ किया था कि उन्होंने अभी ये फिल्म देखी नहीं है। ये सारा फीडबैक उन्हें दोस्तों और खबरों से मिला है।


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