सोशल मीडिया पर हाल ही में एक कथित सीक्रेट डॉक्यूमेंट तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें भारत को 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने की योजना का जिक्र किया गया है। यह दावा किया जा रहा है कि यह डॉक्यूमेंट कांग्रेस पार्टी से जुड़ा हुआ है और इसे बीजेपी सरकार द्वारा उजागर किया गया है। आइए जानते हैं फैक्ट चेक ( Fact Check ) के जरिए, क्या है वायरल वीडियो ( Viral Video ) की सच्चाई...
जानें क्या है वीडियो में...
2 मिनट 20 सेकंड के इस वायरल वीडियो में आज तक की एक एंकर डॉक्यूमेंट के बारे में बता रही हैं। इसका शीर्षक हैं- "टुवर्ड्स रूल ऑफ इस्लाम इन इंडिया"। एंकर बताती हैं कि इस डॉक्यूमेंट में क्या-क्या लिखा हुआ है। डॉक्यूमेंट के अनुसार, भारत में नौ जिलों में मुस्लिमों की आबादी 75 प्रतिशत से अधिक है। अगर 10 प्रतिशत मुस्लिम आबादी भी पीएफआई के साथ आ जाए तो बुजदिल समुदाय को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया जाएगा। इस रिपोर्ट में डॉक्यूमेंट के बारे में और भी कई बातें बताई गई हैं जिन्हें नीचे वीडियो में देखा जा सकता है।
वायरल हो रहा वीडियो...
वायरल वीडियो को यूजर्स ने एक्स और फेसबुक पर शेयर किया है।
वीडियो को एक्स पर शेयर करते हुए यूजर ने लिखा, "आज तक" ने खुलासा किया। खानग्रेस एक आतंकवादी संगठन है, जिसकी सरगना एंटोनियो माइनो है। बाप ने प्रभाकरण को खड़ा किया था...!? बेटा "पन्नू" को तैय्यार कर रहा है...!? पहचान लो, यही है मोहब्बत की दुकान !
"आज तक" ने खुलासा किया
— ocean jain (@ocjain4) September 18, 2024
*खानग्रेस एक आतंकवादी संगठन है*
*जिसकी सरगना एंटोनियो माइनो है*
*मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड*
*मुस्लिम लीग*
*देवबंद*
*तबलीक ए जमात*
*रजा अकादमी*
*इस्की मुख्य शाखाएँ है*
दादी भिंडरवाले को लाई थी...!?
बाप ने प्रभाकरण को खड़ा किया था...!? बेटा "पन्नू"… pic.twitter.com/6iXANYLBfc
जानें क्या है इस वीडियो का सच...
वायरल वीडियो का सच जानने के लिए thesootr ने इससे जुड़े की-वर्ड्स गूगल पर सर्च किए। सर्च करने पर हमें ये वीडियो आजतक न्यूज चैनल की 2022 की एक रिपोर्ट में मिली। इसमें बिहार के फुलवारी शरीफ में संदिग्धों से एक विवादित डॉक्यूमेंट बरामद हुआ था। इस रिपोर्ट के अनुसार, यह डॉक्यूमेंट पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़ा था, न कि कांग्रेस पार्टी से। बिहार पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए संदिग्धों पर यह आरोप था कि वे 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के मिशन पर काम कर रहे थे, लेकिन कहीं भी कांग्रेस का नाम इसमें शामिल नहीं था।
जांच में कांग्रेस का नाम नहीं
वायरल वीडियो में दिखाए गए दस्तावेज की जांच करने के बाद यह साफ हुआ कि कांग्रेस पार्टी का इससे कोई संबंध नहीं है। 2022 में सामने आए इस दस्तावेज में दो संदिग्धों, मोहम्मद जलालुद्दीन और अतहर परवेज के ठिकानों से ये दस्तावेज मिले थे, जो पीएफआई से जुड़े थे। इन दोनों व्यक्तियों पर प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिमी से भी जुड़ाव का आरोप था।
गलत है वायरल वीडियो का दावा
द सूत्र फैक्ट चेक ( thesootr fact check ) से ये साफ हो गया कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस रिपोर्ट में कांग्रेस पार्टी का कहीं भी जिक्र नहीं है, और यह दावा करना कि कांग्रेस इस डॉक्यूमेंट के पीछे है, पूरी तरह से भ्रामक और गलत है। इसलिए वायरल हो रहे ऐसे वीडियो और पोस्ट से दूर रहे, सही खबरों और फैक्ट चेक के लिए द सूत्र देखते रहें।
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