BHOPAL. क्या रील लाइफ में शबरी के जूठे बेर खाने वाले रामायण के राम अरुण गोविल ( Arun Govil ) ने रियल लाइफ में एक दलित के घर पर खाना नहीं खाया। दरअसल, सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि टीवी पर भगवान राम का किरदार निभाने वाले अभिनेता अरुण गोविल ने चुनाव प्रचार के दौरान एक दलित के घर पर खाना खाने से इनकार कर दिया। अरुण गोविल मेरठ से बीजेपी के लोकसभा उम्मीदवार ( Lok sabha candidate ) हैं। वीडियो को वायरल करने वालों ने अरुण गोविल पर जातिवादी होने का आरोप लगाया है। जिसे कांग्रेस समेत बाकी पार्टियों के नेता और कार्यकर्ता भी खूब शेयर कर रहे हैं। वायरल वीडियो में दावा किया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान अरुण गोविल वाल्मीकी समाज के एक बीजेपी कार्यकर्ता के घर पहुंचे थे। यहां उन्हें खाना परोसा गया लेकिन अरुण ने खाने की थाली को दूर से ही प्रणाम कर खाना खाने से मना कर दिया।
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The Sootr ने खंगाली Viral Video की सच्चाई
चूंकि ये वीडियो बेहद लोकप्रिय अभिनेता और बीजेपी नेता से जुड़ा है। इसलिए द सूत्र ने इसकी सच्चाई खंगालनी शुरू की। फैक्ट चेक के दौरान हमें पता चला कि अरुण गोविल ने 13 अप्रैल को बीजेपी के एक नेता नीटू जाटव के घर भोजन किया था। इसके बाद उन्होंने पार्टी के पार्षद अरुण वाल्मीकी के घर पर चाय भी पी थी। जिसका वीडियो खुद अरुण गोविल ने अपने एक्स अकाउंट पर शेयर किया था। वीडियो में देखा जा सकता है कि अरुण गोविल ने खाना खाने के बाद थाली के सामने हाथ जोड़े थे। जो हमारी परंपरा भी है, और थाली के सामने हाथ जोड़ने वाले हिस्से को काटकर आईटी सेल ने सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया और अरुण गोविल पर जातिवादी होने के आरोप मढ़ दिए। यानी जो वीडियो वायरल हो रहा है वो पूरी तरह फेक हैै। जबकि फैक्ट ये है कि यानी रील लाइफ में भगवान राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल ने रियल लाइफ में ऐसा कुछ नहीं किया जिससे उन पर जातिवादी होने के आरोप लगे। इसलिए द सूत्र आपसे अक्सर कहता है कि दिखावे पर मत जाइए और फेक न्यूज का प्रचार-प्रसार करने से पहले अपनी अक्ल जरूर लगाइए। क्योंकि मूर्ख बनने के दो तरीके हैं। पहला- जो सच नहीं है उस पर भरोसा कर लेना और दूसरा- सच है उस पर भरोसा करने से इनकार कर देना, तो चॉइस आपकी है। फेक या फैक्ट आप किसे चुनते हैं ये फैसला आप खुद करते हैं।
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