पहली बार भारतीयों के हिसाब से Cholesterol के मानक तय किए गए हैं। कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया ( CSI ) ने भारतीयों के स्वास्थ्य और रिस्क फैक्टर को ध्यान में रखते हुए कोलेस्ट्रॉल पैरामीटर्स बनाए हैं।
अब तक पश्चिमी देशों के मानकों के हिसाब से ही भारतीयों के कोलेस्ट्रॉल मानक तय थे। इन मानकों के हिसाब से अब 130 नहीं, बल्कि 100 से नीचे कोलेस्ट्रॉल होने पर ही आपको स्वस्थ माना जाएगा।
कोलेस्ट्रॉल के नए मानक
Cardiological Society of India ( CSI ) ने कोलेस्ट्रॉल के नए मानक और इसकी जांच के दिशानिर्देश जारी किए हैं। CSI Cholesterol Guidelines में ये बातें कही गई हैं-
- जिनके परिवार में हार्ट से संबंधी समस्याओं को इतिहास रहा है या जिनका ब्लड कोलेस्ट्रॉल लेवल हाई है, उन्हें अपना पहला लिपिड प्रोफाइल 18 साल या उससे कम उम्र में ही करवा लेना चाहिए।
- सामान्य तौर पर एचडीएल-सी लेवल 100 मिलीग्राम/डीएल से कम होना चाहिए। गैर-एचडीएल-सी का स्तर 130 मिलीग्राम/डीएल से कम होना चाहिए।
- जिन लोगों को ब्लड प्रेशर या डायबिटीज की शिकायत रहती है, उनमें हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा रहता है। ऐसे लोगों को अपना एलडीएल-सी लेवल को 70 मिलीग्राम/डीएल से कम रखने के निर्देश हैं। गैर-एचडीएल-सी लेवल को 100 मिलीग्राम/डीएल से कम रखना चाहिए।
- Cholesterol से सबसे ज्यादा जोखिम स्ट्रोक, किडनी की समस्या और पहले भी हार्ट अटैक से गुजर चुके लोगों को होता है। ऐसे लोगों को अपना एलडीएल-सी लेवल 55 मिलीग्राम/डीएल से कम और गैर-एचडीएल-सी को 85 मिलीग्राम/डीएल से कम रखने के निर्देश हैं।
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कोलेस्ट्रॉल है हार्ट अटैक का प्रमुख कारण
भारत में लगातार हार्ट अटैक के केस बढ़ते जा रहे हैं। अब युवाओं में भी हार्ट अटैक के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। भारत में कुल हार्ट अटैक के मामलों में 50 परसेंट का कारण हाई Cholesterol देखा गया है।
CSI के अध्यक्ष डॉ. प्रताप चंद्र रथ के अनुसार Cholesterol एक साइलेंट किलर है। ब्लड प्रेशर या डायबिटीज की तरह इसके लक्षण भी जल्द दिखाई नहीं देते। ऐसे में CSI ने इस पर शोध करके भारतीयों के हिसाब से नए कोलेस्ट्रॉल मानक तय किए हैं।
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