महाकुंभ 2025 के चलते प्रयागराज जाने वाली फ्लाइट्स के किराए में भारी बढ़ोतरी

महाकुंभ 2025 के कारण प्रयागराज के लिए हवाई किराए में भारी बढ़ोतरी हुई है। भोपाल से किराया 498%, दिल्ली से 21% और मुंबई से 13% बढ़ा है, जो यात्रियों को चौंका रहा है।

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Sandeep Kumar
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महाकुंभ 2025 के मद्देनजर, प्रयागराज के लिए हवाई यात्रा अब पहले से कई गुना महंगी हो गई है। तीर्थयात्रियों और श्रद्धालुओं की भारी मांग ने हवाई किराए को आसमान तक पहुंचा दिया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, विशेष रूप से प्रमुख रूट्स पर हवाई किराए में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई है। जहां एक ओर श्रद्धालु महाकुंभ में डुबकी लगाने की तैयारी कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर बढ़ते हवाई किराए यात्रियों के लिए एक नया संकट बन गए हैं।

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भोपाल-प्रयागराज रूट पर 498% बढ़ा किराया

सबसे अधिक बढ़ोतरी भोपाल-प्रयागराज रूट पर हुई है, जहां पिछले साल का किराया 2,977 रुपए था, जो अब बढ़कर 17,796 रुपए तक पहुंच चुका है। यह वृद्धि 498% की है, जो यात्रियों के लिए एक बड़ा झटका है। ये 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 तक के लिए 30 दिन की अग्रिम खरीद तिथि (एपीडी) के आधार पर एकतरफा एवरेज किराया हैं।

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दिल्ली और मुंबई से भी बढ़े किराए

दिल्ली-प्रयागराज रूट पर किराया 21% बढ़कर 5,748 रुपए हो गया है, जबकि मुंबई-प्रयागराज रूट पर 13% की वृद्धि के साथ किराया अब 6,381 रुपए हो गया है। ये बढ़ोतरी यात्रियों के बजट पर भारी पड़ रही है।

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अन्य रूट्स पर भी भारी उछाल

बेंगलुरु-प्रयागराज रूट पर 89% की वृद्धि हुई है, और अहमदाबाद-प्रयागराज रूट पर 41% की बढ़ोतरी देखी गई है। लखनऊ और वाराणसी जैसे नजदीकी शहरों से भी किराए में 3% से लेकर 21% तक की वृद्धि हुई है।

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फ्लाइट बुकिंग में 162% का इजाफा

महाकुंभ के कारण फ्लाइट बुकिंग में 162% का इजाफा हुआ है। प्रयागराज अब 20 से अधिक गंतव्यों से सीधी और एक स्टॉप वाली उड़ानों से जुड़ा हुआ है, जो यह दर्शाता है कि यात्रियों का दबाव बढ़ गया है।

महाकुंभ की बढ़ती मांग और सीमित संसाधन

महाकुंभ 2025, जो 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलेगा, श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या को आकर्षित कर रहा है। इस बार प्रयागराज की कनेक्टिविटी में सुधार हुआ है, लेकिन तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ के कारण हवाई किराए में यह उछाल देखा जा रहा है।

हवाई जहाजों का डायनामिक किराया क्या होता है?

हवाई जहाजों का डायनामिक किराया (Dynamic Pricing) एक ऐसी मूल्य निर्धारण रणनीति है जिसमें टिकट का दाम लगातार बदलता रहता है। यह कीमत विभिन्न कारकों पर आधारित होती है, जैसे मांग (demand), सीटों की उपलब्धता, यात्रा की तारीख के करीब समय, और प्रतियोगिता। इसका मतलब है कि एक ही फ्लाइट के लिए अलग-अलग यात्रियों ने अलग-अलग कीमतें चुकाई हो सकती हैं, क्योंकि उन्होंने अलग-अलग समय पर टिकट खरीदा है।

मांग और आपूर्ति के अनुसार बदलाव

यदि किसी फ्लाइट की मांग अधिक है और सीटें कम बची हैं, तो किराया बढ़ा दिया जाता है।
अगर फ्लाइट में सीटें खाली हैं और मांग कम है, तो किराया घटा दिया जाता है।

यात्रा की तारीख के करीब

यात्रा की तारीख जितनी करीब होगी, टिकट की कीमत बढ़ने की संभावना रहती है।
शुरुआती बुकिंग पर आमतौर पर टिकट सस्ता होता है।

उत्सव, प्रतियोगिता या छुट्टियों के मौसम में

त्यौहारों या छुट्टियों के समय टिकट की मांग बढ़ती है, जिससे किराया भी बढ़ जाता है। यदि अन्य एयरलाइंस सस्ती कीमतों की पेशकश कर रही हैं, तो किराया कम किया जा सकता है।

डायनामिक किराया तय करने का फार्मूला 

डायनामिक किराया तय करने के लिए कोई एक निश्चित फार्मूला नहीं होता, लेकिन यह आमतौर पर निम्नलिखित तत्वों पर आधारित होता है:

किराया = बेस प्राइस + (मांग × सीट की उपलब्धता) + (समय × समय का प्रभाव) + प्रतियोगिता प्रभाव

उदाहरण के लिए 

बेस प्राइस: ₹5000 (फ्लाइट टिकट की न्यूनतम कीमत)
मांग का प्रभाव: अगर सीटों की मांग बढ़ रही है, तो ₹2000 जोड़ा जा सकता है।
यात्रा की तारीख करीब: यात्रा से 2 दिन पहले ₹1000 बढ़ाया जा सकता है।
प्रतियोगिता का असर: यदि अन्य एयरलाइंस ₹6000 पर टिकट बेच रही हैं, तो आपकी एयरलाइंस ₹5500 कर सकती है।
तो कुल किराया = ₹5000 + ₹2000 + ₹1000 - ₹500 = ₹7500

डायनामिक प्राइसिंग के फायदे और नुकसान

फायदे:
एयरलाइंस को अपनी आय बढ़ाने का मौका मिलता है।
मांग और आपूर्ति के बीच संतुलन बनाने में मदद करता है।
शुरुआती बुकिंग करने वालों को सस्ता टिकट मिलता है।
नुकसान:
आखिरी समय पर बुकिंग करने वालों को महंगा टिकट मिलता है।
यात्रियों के लिए कीमतों की भविष्यवाणी करना मुश्किल हो सकता है।
यह प्रणाली यात्रियों को प्रोत्साहित करती है कि वे जल्दी टिकट बुक करें और एयरलाइंस को अधिकतम राजस्व कमाने में मदद करती है।

 

 

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