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महाकुंभ का आयोजन हर 12 साल में एक बार होता है, लेकिन इस बार 2025 के महाकुंभ ने इतिहास रच दिया है। प्रयागराज में आयोजित इस महाकुंभ के दौरान, 65 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान कर एक वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित किया। महाकुंभ का आयोजन 13 जनवरी से शुरू हुआ था और 26 फरवरी को इसका समापन हुआ। इस आयोजन में 65 करोड़ लोग डुबकी लगा चुके हैं। जो अमेरिका की कुल आबादी से भी दोगुनी संख्या है। यह संख्या कई देशों की आबादी से भी कई गुना ज्यादा है।
65 करोड़ श्रद्धालुओं की संख्या
महाशिवरात्रि के दिन 65 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान किया। यह संख्या पूरी दुनिया में एक ही स्थान पर एकत्र हुए लोगों की सबसे बड़ी संख्या है। यदि इस संख्या की तुलना दुनिया के देशों की आबादी से की जाए तो यह आंकड़ा कई देशों की जनसंख्या से भी अधिक है। उदाहरण के लिए, अमेरिका, पाकिस्तान, रूस, जापान और फ्रांस की कुल जनसंख्या से ज्यादा लोग इस महाकुंभ में शामिल हुए हैं।
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दुनिया भर से श्रद्धालुओं का आगमन
इस महाकुंभ में केवल भारत से ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया से श्रद्धालु पहुंचे। 73 देशों के राजनयिकों के साथ-साथ भूटान के राजा, नेपाल के 50 लाख से अधिक श्रद्धालु, और यूरोप, अमेरिका, इज़राइल, इरान जैसे देशों से लोग यहां पहुंचे। दुनिया भर से आए श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान कर इस अद्भुत धार्मिक उत्सव को और भी खास बना दिया।
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प्रयागराज की अपार तैयारी
इस महाकुंभ को सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए प्रयागराज प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए थे। अस्थायी शहर की स्थापना, यातायात व्यवस्थाओं की सुदृढ़ता, सुरक्षा व्यवस्था और अन्य सुविधाओं का ध्यान रखा गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के तहत, प्रशासन ने महाकुंभ को एक भव्य आयोजन में तब्दील कर दिया, जिससे पूरे देश और दुनिया में इसका महत्व बढ़ा।
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महाकुंभ में बने ऐतिहासिक रिकॉर्ड
1. दुनिया का सबसे बड़ा आयोजन
प्रयागराज महाकुंभ 4 हजार हेक्टेयर में फैला था। यह दुनिया के सबसे बड़े स्टेडियम अहमदाबाद से 160 गुना बड़ा था। मेले का कुल क्षेत्रफल 25 हेक्टेयर था।
2. विशाल तंबू और सुविधाएं
- मेले में 4 लाख तंबू (Tents) लगाए गए।
- 1.5 लाख टॉयलेट (Toilets) बनाए गए, जिनमें 300 मोबाइल टॉयलेट थे।
- साधु-संतों के लिए 50 आश्रम (Ashrams) और 500 विशेष टेंट बनाए गए।
- वीआईपी टेंट सिटी में 150 महाराजा टेंट और 1500 सिंगल रूम बने।
- 67000 स्ट्रीट लाइट (Street Lights) लगाई गईं।
- बिजली सप्लाई के लिए 1532 किमी लाइन बिछाई गई।
3. रिकॉर्ड तोड़ यात्रा और परिवहन
महाकुंभ के लिए 13 हजार 830 ट्रेनें (Trains) चलाई गईं।
30.2 करोड़ श्रद्धालु प्रयागराज (Prayagraj) पहुंचे।
देशभर के 50 शहरों से डायरेक्ट ट्रेनें चलाई गईं।
प्रयागराज के लिए 17 शहरों से डायरेक्ट फ्लाइट (Direct Flights) और 30 शहरों से कनेक्टिंग फ्लाइट (Connecting Flights) चलाई गईं।
महाकुंभ के दौरान 2800 से ज्यादा फ्लाइट्स (Flights) में 4.5 लाख यात्री पहुंचे।
650 से ज्यादा चार्टर्ड जेट (Chartered Jets) उतरे।
11 फरवरी को 71 चार्टर्ड जेट एक दिन में पहुंचे।
4. मेला क्षेत्र में भारी आर्थिक लेन-देन
- महाकुंभ में 3 लाख करोड़ रुपए (Economic Transactions) का अनुमानित लेन-देन हुआ।
- यूपी सरकार (UP Government) ने आयोजन पर 7500 करोड़ रुपए खर्च किए।
- महाकुंभ से 10 लाख लोगों को रोजगार मिला।
- मेले से 44 करोड़ रुपए की कमाई हुई।
- औसतन प्रति व्यक्ति 5000 रुपए खर्च होने का अनुमान।
- होटल इंडस्ट्री से 40 हजार करोड़, धार्मिक सामान से 20 हजार करोड़, और ट्रांसपोर्ट से 10 हजार करोड़ की कमाई का अनुमान।
5. चिकित्सा सुविधाएं और स्वास्थ्य व्यवस्था
- मेला क्षेत्र में 43 अस्थायी हॉस्पिटल बनाए गए।
- 6 लाख लोगों का इलाज किया गया।
- 125 एंबुलेंस तैनात की गईं।
- एयर एंबुलेंस (Air Ambulance) और रिवर एंबुलेंस भी सेवा में रहीं।
- 20 बच्चों का जन्म हुआ, 250 से ज्यादा मरीजों की ICU में जान बचाई गई।
- 1.34 लाख लोगों को मुफ्त चश्मे (Free Glasses) दिए गए।
- 1500 श्रद्धालुओं ने नेत्रदान (Eye Donation) का संकल्प लिया।
सीएम योगी का योगदान और सफलता
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस आयोजन के दौरान अपने नेतृत्व से महाकुंभ को और भी भव्य बनाया। उन्होंने पहले ही अनुमान जताया था कि इस बार का महाकुंभ रिकॉर्ड तोड़ेगा और उनका अनुमान सही साबित हुआ। मुख्यमंत्री योगी ने पूरे आयोजन को सुव्यवस्थित तरीके से आयोजित किया और उनके प्रयासों से महाकुंभ ने नई ऊंचाइयां हासिल की।
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