अग्नि अखाड़े की पहल : घर बैठे भक्तों तक पहुंचेगी संगम की रेत और जल

भारत का प्रमुख धार्मिक आयोजन महाकुंभ जल्द शुरू होने वाला है। इस बार श्रीशंभू पंच अग्नि अखाड़ा श्रद्धालुओं को महाप्रसाद वितरित करेगा, जिसमें तिल, गुड़, खिचड़ी और अन्य धार्मिक खाद्य पदार्थ होंगे।

author-image
Siddhi Tamrakar
एडिट
New Update
prasaad

prasaad

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

भारत का सबसे बड़े और प्रमुख धार्मिक आयोजनों में से एक महाकुंभ, कुछ ही दिनों में शुरू होने जा रहा है। हर बार 12 साल के अंतराल में इस इसका आयोजन प्रयागराज के त्रिवेणी संगम तट पर आयोजित किया जाता है। ये आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से भी बहुत ही जरूरी है। लाखों श्रद्धालु हर बार की तरह पुण्य लाभ लेने के लिए महाकुंभ में आने को आतुर हैं। लेकिन, कई भक्त ऐसे भी हैं जो शारीरिक, पारिवारिक या अन्य कारणों से इस पवित्र अवसर पर त्रिवेणी संगम नहीं पहुंच सकते। ऐसे भक्तों के लिए श्री शंभू पंच अग्नि अखाड़े (Shri Shambhu Panch Agni Akhara) ने एक विशेष पहल की है।

महाकुंभ में आने वालों को नहीं खरीदना पड़ेंगा महंगा होटल,बस ये करें उपाय

घर-घर पहुंचेगा महाकुंभ का पवित्र प्रसाद

महाकुंभ में इस बार श्रीशंभू पंच अग्नि अखाड़ा की विशेष भूमिका होगी, जो श्रद्धालुओं को महाप्रसाद का वितरण करेगा। इस महाप्रसाद में तिल, गुड़, खिचड़ी और अन्य धार्मिक खाद्य पदार्थों का वितरण किया जाएगा, जो पुण्य और शांति के प्रतीक माने जाते हैं। यही नहीं, अखाड़ा महाकुंभ का महाप्रसाद हर भक्त के घर तक पहुंचाएगा। इस प्रसाद में त्रिवेणी का पवित्र जल, संगम की पवित्र रेत, और त्रिवेणी कोतवाल महाबली (हनुमान जी) की संस्कारित प्रतिमा शामिल होगी।

बता दें कि, महंत बीरेंद्र नंद ब्रह्मचारी के देख-रेख में अखाड़ा ये सुनिश्चित कर रहा है कि, देश के हर कोने में भक्त त्रिवेणी का आशीर्वाद ले सकें। कड़कड़ाती ठंड में बुजुर्ग, दिव्यांग और अन्य जरूरतमंद भक्त जो महाकुंभ नहीं पहुंच सकते, उनके लिए ये प्रसाद घर बैठे महाकुंभ का अनुभव लाने जैसा होगा।

महाकुंभ : 1918 में बापू ने संगम में लगाई थी डुबकी, अंग्रेजों ने बंद कर दी थी रेल टिकट

MP से महाकुंभ के लिए 40 स्पेशल ट्रेनों का ऐलान, यहां देखें पूरी लिस्ट

प्रयागराज में अनोखा अनुभव

महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज के पवित्र संगम स्थल पर होता है जो गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम स्थल के रूप में विश्व प्रसिद्ध है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ये केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि एक अनोखा अनुभव होता है। माना जाता है कि संगम में स्नान के बाद, श्रद्धालु अपने पापों को धोकर एक नई शुरुआत की ओर कदम बढ़ाते हैं। महाकुंभ में शामिल होने वाले लोग इसे अपने जीवन का सबसे अहम और पवित्र अनुभव मानते हैं। 

नगा साधु कुंभ में ही क्यों आते हैं नजर? जानें रोचक तथ्य

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

National News latest news धर्म ज्योतिष न्यूज प्रयागराज महाकुंभ मेला Prayagraj Mahakumbh 2025 प्रयागराज महाकुंभ 2025