AAP के साथ ऐसा क्यों हुआ: मांगी थी रैली की इजाजत, चुनाव आयोग से मिली गालियां!

आम आदमी पार्टी की स्थानीय इकाई हरियाणा के कैथल जिला में रैली करना चाहती थी, इसके लिए ऑनलाइन आवेदन किया गया। मजेदार बात यह है कि इस आवेदन को रिजेक्ट तो किया गया, साथ ही रिजेक्शन के साथ अभद्र भाषा का भी उपयोग किया गया। इसके बाद हंगामा हो गया। 

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Dr Rameshwar Dayal
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NEW DELHI: देश के लोकसभा चुनाव ( loksabha election ) को स्मूद करने के लिए चुनाव आयोग ( ECI ) हाईटेक सिस्टम का भी सहारा ले रहा है। लेकिन एक्सपर्ट स्टाफ की कमी के चलते यह सिस्टम उसके लिए परेशानी का सबब भी बन रहा है। ताजा मामला बड़ा ही चौंकाने वाला है। हरियाणा में आम आदमी पार्टी ( AAP ) ने रैली करने के लिए चुनाव आयोग में ऑनलाइन आवेदन किया, लेकिन आयोग की ओर से आपत्तिजनक शब्दों (offensive language ) का इस्तेमाल करते हुए आवेदन को रिजेक्ट कर दिया गया। अब चुनाव आयोग ने सफाइ दी है कि उसकी वेबसाइट को ‘हैक’ कर लिया गया था। यह अलग बात है कि इस मामले में उसने पांच कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है।

रैली के लिए ऑनलाइन किया था आवेदन 

पहले मामले को समझें। चुनाव आयोग ने अपने सिस्टम को और अधिक पारदर्शी व स्मूद बनाने के लिए यह व्यवस्था की है कि राजनीतिक दल जो भी रैली या सभा करेंगे, इसके लिए उन्हें ऑनलाइन इजाजत लेनी होगी। इसके लिए नियमानुसार जिला प्रशासन को जानकारी भरकर देनी होगी, जिसकी जांच कर रैली को लेकर निर्णय लिया जा सकेगा। इसी नियम के तहत आम आदमी पार्टी की स्थानीय इकाई हरियाणा के कैथल जिला में रैली करना चाहती थी, इसके लिए ऑनलाइन आवेदन किया गया। मजेदार बात यह है कि इस आवेदन को रिजेक्ट तो किया गया, साथ ही रिजेक्शन के साथ अभद्र भाषा का भी उपयोग किया गया। इसके बाद हंगामा हो गया। 

हैक का अंदेशा, लेकिन पांच कर्मी सस्पेंड

सूत्र बताते हैं कि रिजेक्शन पत्र के साथ एक सर्टिफिकेट भी दिया गया, जिसमें एक सिने तारिका की फोटो लगाते हुए उसे रिजेक्ट कर दिया गया। अब इस मामले में संज्ञान लेते हुए सहायक निर्वाचन अधिकारी (ARO) ने तुरंत प्रभाव से पांच कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है और इसकी जांच के लिए पुलिस को पत्र भी लिख दिया है। संदेह जताया जा रहा है कि आयोग की वेबसाइट को ‘हैक’ कर लिया गया या आयोग से जुड़े किसी स्टाफ ने बाहरी व्यक्ति को पासवर्ड शेयर कर दिया या अंदर के ही किसी स्टाफ ने यह हरकत की है। है। इस गड़बड़झाले को लेकर सवाल इसलिए भी खड़े हो रहे हैं, क्योंकि हाल ही में चुनाव आयोग के अफसरों ने वेबसाइट की निगरानी करने वाले स्टाफ को ट्रेनिंग दी थी, ताकि इजाजत देने की प्रक्रिया के दौरान कोई समस्या न खड़ी हो जाए। जिन कर्मचारियों का सस्पेंड किया गया है, उनमें एक जूनियर इंजीनियर व एक कंप्यूटर ऑपरेटर शामिल है। एआरओ के अनुसार मामले की जांच के लिए पुलिस को भी लिखा गया है। 

आप ने आयोग पर लगाए गंभीर आरोप

दूसरी ओर इस मामले को आम आदमी पार्टी ने मुद्दा बना लिया है और चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। हरियाणा में पार्टी के नेता अनुराग ढांडा ने आरोप लगा दिया है कि चुनाव आयोग को बीजेपी के आईटी सेल के लोग चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्या किसी पार्टी के द्वारा आवेदन करने पर इस तरह का व्यवहार शोभनीय है। उन्होंने आयोग पर आरोप लगाते हुए कुछ पूर्व उदाहरण भी दिए और मांग की है कि केंद्रीय चुनाव आयोग को इस मामले में तुरंत दखल देते हुए गंभीर जांच करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए चुनाव आयोग का निष्पक्ष होना ज़रूरी है।

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