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इलेक्टोरल बांड में सुप्रीम कोर्ट
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इलेक्टोरल बांड में सुप्रीम कोर्ट
BHOPAL. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court ) में इलेक्टोरल बांड पर एक बार फिर सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा है कि इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral bond) को लेकर कुछ भी ना छुपाया जाए। सबकुछ सार्वजनिक होना चाहिए। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) ने पूछा है कि भारतीय स्टेट बैंक ने पूरी जानकारी क्यों नहीं दी? मामले में सीनियर वकील मुकुल रोहतगी फिक्की ( Mukul Rohatgi FICCI ) और एसोचैम की तरफ से पेश हुए। रोहतगी ने कहा कि इसके लिए उन्होंने एक आवेदन दायर किया है, हालांकि, इस पर सीजेआई ( CJI ) ने कहा कि हमारे पास ऐसा कोई आवेदन नहीं आया है। CJI ने कहा कि आप फैसला सुनाए जाने के बाद यहां आए हैं। हम अभी आपको नहीं सुन सकते। बता दें कि चुनाव आयोग ने हाल ही में राजनीतिक दलों द्वारा सीलबंद कवर के तहत जमा किए गए चुनावी बांड के विवरण को सार्वजनिक कर दिया। माना जा रहा है कि विवरण 12 अप्रैल, 2019 से पहले की अवधि से संबंधित हैं। इस तारीख के बाद के चुनावी बांड विवरण पिछले सप्ताह चुनाव पैनल द्वारा सार्वजनिक किए गए थे। चुनाव आयोग ने एक बयान में कहा था कि राजनीतिक दलों ने सुप्रीम कोर्ट के 12 अप्रैल, 2019 के अंतरिम आदेश के निर्देशानुसार, सीलबंद कवर में चुनावी बांड का डेटा दाखिल किया था।
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CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने SBI को कड़ी फटकार लगाई। CJI ने SBI के वकील हरीश साल्वे से कहा हमने कहा था कि सारी डिटेल्स सामने लाइए। इसमें बांड नंबर्स की भी बात थी। इन जानकारियों का खुलासा करने में SBI सिलेक्टिव ना रहे और हमारे आदेशों का इंतजार ना करें।
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CJI ने कहा- SBI ( स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ) चाहती है कि हम उसे बताएं कि किन जानकारियों का खुलासा करना है और वो जानकारी दे देंगे। SBI के रवैये से तो यही लग रहा है। ये उचित नहीं है। कोर्ट ने SBI के चेयरमैन से कहा कि आप 21 मार्च शाम 5 बजे तक एक एफिडेविट भी दाखिल कीजिए कि आपने कोई जानकारी नहीं छिपाई है।
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चुनाव आयोग की वेबसाइट पर मौजूद डेटा के मुताबिक, कुछ राजनीतिक पार्टियों ने SBI से बॉन्ड्स के यूनीक नंबर्स मांगे हैं। तृणमूल कांग्रेस ने कहा है कि उसे नंबर्स चाहिए ताकि वह सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन कर सके। भाजपा ने SBI से ऐसी कोई अपील नहीं की है।
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