PUNJAB: पंजाब की मिट्टी और पानी का करंट या कुछ अलग ही तरह का है। इस प्रदेश की राजनीतिक गतिविधियां इतनी तेजी से रंग और करवट बदलती हैं कि पता ही नहीं चल पाता कि यहां विभिन्न पार्टियों का आगामी कदम क्या होगा। अब नई खबर आई है कि राज्य में बीजेपी ( BJP ) और शिरोमणि अकाली दल ( SAD ) में समझौता नहीं होने जा रहा है। इस समझौते के लिए पार्टी का शीर्ष नेतृत्व लगातार बातचीत कर रहा था। लगता है पंजाब की राजनीति एकला चलो रे पर ज्यादा विश्वास करने लगी है। यही कारण है कि दिल्ली में गठबंधन कर चुकी आम आदमी पार्टी ( AAP ) और देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस ( Congress ) के बीच यहां पर गठबंधन नहीं हुआ है। वैसे इस राज्य में अंतिम समय में गठबंधन को लेकर कुछ भी हो सकता है।
क्या कहा प्रदेश के बीजेपी अध्यक्ष ने
पंजाब में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स ( X ) पर एक वीडियो जारी किया है। उन्होंने कहा है कि पंजाब में अकेले ही चुनाव लड़ेगी और सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
उन्होंने कहा कि यह फैसला राज्य के लोग, पार्टी वर्करों व नेताओं की राय पर लिया गया है। यह फैसला इसलिए भी लिया गया है ताकि यह राज्य तरक्की करे साथ ही मजबूत भी बना रहे। अब उनका यह बयान तो स्पष्ट बता रहा है कि पार्टी शिरोमणि अकाली दल के साथ कोई समझौता नहीं करने जा रही है। गौरतलब है कि बीजेपी के आला नेता अमित शाह व अकाली दल नेताओं में गठबंधन को लेकर लगातार बातचीत चल रही थी, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष ने साफ जाहिर कर दिया है कि चुनाव अकेले ही लड़ा जाएगा।
आप व कांग्रेस का गठबंधन भी नहीं हो सका
इस राज्य में यह भी संभावना जताई जा रही थी कि सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी व कांग्रेस में लोकसभा सीट बंटवारे को लेकर समझौता हो सकता है। इस समझौते के लिए कांग्रेस नेतृत्व ज्यादा इच्छुक था, क्योंकि उसे लगा रहा था कि ऐसा होने पर प्रदेश की 13 सीटों पर गठबंधन की जीत आसानी से हो जाएगी। इस गठबंधन को आगे बढ़ाने के लिए कांग्रेस ने दिल्ली में लोकसभा सीटों को लेकर आम से गठजोड़ कर लिया था। लेकिन पंजाब में आप नेताओं ने कांग्रेस को कोई तरजीह नहीं दी। पार्टी नेताओं ने अकेले ही चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी और अपने आठ प्रत्याशियों की घोषणा भी कर दी है। इस राज्य में चारों प्रमुख पार्टियों के बीच किसी तरह का करार न होने से साफ जाहिर है कि राज्य में चुनावी मुकाबला दिलचस्प होगा। वैसे राजनीति की गुणा-भाग करने वाले लोगों का कहना है कि अगर ऐसा हुआ तो मुख्य मुकाबला आप व कांग्रेस के बीच ही रहने की संभावना है।
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